• Fri. Aug 1st, 2025

24×7 Live News

Apdin News

छत्तीसगढ़ में मिशनरी सिस्टर्स की गिरफ्तारी का विरोध, PUCL ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन; पुलिस पर लगाए आरोप

Byadmin

Jul 31, 2025


पीयूसीएल ने अजमेर में छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक मिशनरी सिस्टर्स की गिरफ्तारी का विरोध किया है। संगठन ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर इसे गैरकानूनी बताया और हस्तक्षेप की मांग की है। पीयूसीएल के अनुसार सिस्टर्स पर मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप गलत हैं। संगठन ने कहा कि सिस्टर्स महिलाओं को सुरक्षित रूप से उनके कार्यस्थल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभा रही थीं।

जेएनएन, अजमेर। छत्तीसगढ़ में दो कैथोलिक मिशनरी सिस्टर्स की गिरफ्तारी को लेकर पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने अजमेर में विरोध जताया है और इसे गैर कानूनी बताते हुए राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की है। पीयूसीएल के प्रदेश महासचिव डॉ. अनंत भटनागर, अजमेर जिला अध्यक्ष शकील अहमद और जिला महासचिव कैरोल गीता आदि के साथ सर्वधर्म मैत्री संघ ने अजमेर जिला कलेक्टर लोकबंधु को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में बताया गया कि 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति को मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पीयूसीएल के अनुसार यह गिरफ्तारी पूर्णतः अवैध, पक्षपातपूर्ण और तथ्यों से परे है।

दुर्ग स्टेशन पर हुई थी घटना

पीयूसीएल पदाधिकारियों के अनुसार, सिस्टर वंदना पहले नारायणपुर में सेवा दे चुकी थीं और स्थानांतरण के बाद वे रोजगार के इच्छुक कुछ गरीब परिवारों की तीन वयस्क महिलाओं को सुरक्षित रूप से उनके कार्यस्थल तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभा रही थीं। उनके साथ सिस्टर प्रीति भी सहयोग कर रही थीं। टिकट सिस्टर्स ने ही बुक किए थे और उनकी प्राथमिक चिंता इन महिलाओं की सुरक्षा थी।

दुर्ग स्टेशन पर, जब महिलाएं एक पुरुष परिचित के साथ सिस्टर्स के आने का इंतजार कर रही थीं, तो एक रेलवे टिकट परीक्षक ने पूछताछ की। सिस्टर्स के टिकट पेश करने के बावजूद, उन्हें स्वीकार नहीं किया गया। इस बीच, कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ता वहां पहुंचे और सिस्टर्स पर धर्मांतरण व मानव तस्करी के आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। मौके पर मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही।

धर्मातंरण पर उठ रहे प्रश्नचिह्न

  • बाद में पुलिस ने छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 1968 की धारा 4 और भारतीय दंड संहिता (बीएनएस 2023) की धारा 143 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। पीयूसीएल ने इन धाराओं के दुरुपयोग की बात कहते हुए पूछा कि जब महिलाएं पहले से ही ईसाई थीं तो धर्मांतरण का प्रश्न कहां उठता है?
  • ज्ञापन में कहा गया कि यह गिरफ्तारी एक पूर्वाग्रही सोच का परिणाम है और कानून की मनमानी व्याख्या के आधार पर की गई है। संगठन ने राष्ट्रपति से तत्काल हस्तक्षेप कर दोनों सिस्टर्स की अविलंब रिहाई की मांग की है।

यह भी पढ़ें- वाराणसी में डा. नईम कादरी मतांतरण के ल‍िए बना रहा था दबाव, पुल‍िस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल

By admin