• Mon. Mar 31st, 2025

24×7 Live News

Apdin News

जर्मनी Free Education पर जितना खर्च करता है उससे 8X ज्यादा रेवेन्यू वापस मिलता है, यह रिपोर्ट पढ़ लीजिए – germany has a 15.5 billion euro reason to not shun international students

Byadmin

Mar 28, 2025


नई दिल्ली: जर्मनी में शिक्षा नि:शुल्क है। यह व्यवस्था सिर्फ जर्मनी के नागरिकों के लिए ही नहीं, बल्कि विदेशियों के लिए भी है। अक्सर लोग कहते हैं कि जर्मनी में पढ़ने जाने वाले विदेशी विद्यार्थियों की वजह से देश पर बहुत ज्यादा वित्तीय भार पड़ता होगा। लेकिन एक रिसर्च रिपोर्ट का कहना है कि दुनिया भर के नागरिकों को फ्री एजुकेशन देने के बाद भी जर्मनी को बहुत फायदा हो रहा है।

क्या पता चला है रिसर्च में

जर्मन इकोनॉमिक इंस्टीट्यूट (IW) द्वारा जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस (DAAD) के लिए किए गए एक नई रिसर्च में नया खुलासा हुआ है। इससे पता चला है कि विदेशी विद्यार्थियों को पढ़ाने में जर्मन सरकार जितना खर्च करती है, ये विद्यार्थी उससे लगभग आठ गुना ज्यादा पैसा जर्मनी की अर्थव्यवस्था में वापस दे देते हैं। रिसर्च में यह भी बताया गया है कि जो छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद जर्मनी में ही बस जाते हैं, उनसे देश को लम्बे समय तक फायदा होता है।

विदेशी देते हैं अरबों

रिसर्च के अनुसार, साल 2022 में लगभग 80,000 विदेशी विद्यार्थी जर्मनी में पढ़ने पहुंचे थे। ये सभी छात्र-छात्राएं पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं। अनुमान है कि ये पढ़ाई पूरी करने के दौरान टैक्स और अन्य शुल्क के रूप में लगभग 15.5 बिलियन यूरो का भुगतान करेंगे। यह पैसा सरकार द्वारा उनकी शिक्षा पर किए गए खर्च से बहुत ज्यादा है। अगर अभी की तरह ही ये विद्यार्थी जर्मनी में रुकते रहे, तो हर साल आने वाले विद्यार्थियों से देश को ऐसा ही फायदा होता रहेगा।

पहली बार हुआ यह पहलू उजागर

IW की यह रिसर्च पहली बार विदेशी विद्यार्थियों के आर्थिक फायदे का पूरा विश्लेषण करती है। इसमें उनके दाखिले से लेकर रिटायरमेंट तक के सफर को देखा गया है। रिसर्च में तीन तरह की स्थितियां बताई गई हैं। पहली स्थिति में हर 1,000 विद्यार्थियों में से 500 जर्मनी में ही रह जाते हैं। दूसरी स्थिति में 400 विद्यार्थी 10 साल तक रहते हैं और 200 लम्बे समय तक रहते हैं। तीसरी स्थिति में 300 विद्यार्थी 10 साल तक रहते हैं और 75 हमेशा के लिए बस जाते हैं। OECD के अनुसार, जर्मनी में 45% विदेशी विद्यार्थी पढ़ाई के बाद भी रुक जाते हैं। इससे पता चलता है कि जर्मनी में कुशल विदेशी छात्रों को रोकने की अच्छी क्षमता है। OECD एक संस्था है जो अलग-अलग देशों के आर्थिक और सामाजिक विकास पर नजर रखती है।

आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण

DAAD के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. जॉयब्रतो मुखर्जी ने विदेशी छात्रों के महत्व पर जोर देते हुए बताया, “IW की नई रिसर्च दिखाती है कि विदेशी विद्यार्थी जर्मनी के लिए आर्थिक रूप से कितने महत्वपूर्ण हैं। भले ही ज्यादातर यूनिवर्सिटी ट्यूशन फीस नहीं लेती हैं, लेकिन विदेशी विद्यार्थी अपने काम करने के जीवन में जर्मनी में उनकी पढ़ाई पर किए गए खर्च से कहीं ज्यादा योगदान करते हैं। विदेशी विद्यार्थी हमारे देश के लिए कई तरह से फायदेमंद हैं, पढ़ाई के मामले में तो हैं ही, लेकिन आर्थिक रूप से भी।”

जर्मनी की विकास में सहायक

IW के निदेशक प्रोफेसर डॉ. माइकल ह्यूथर का कहना है, “विदेशी विद्यार्थियों की शिक्षा में निवेश करने से कुशल कर्मचारियों की संख्या बढ़ती है और जर्मनी की आर्थिक विकास दर लम्बे समय तक बनी रहती है। वे जनसंख्या में बदलाव की चुनौतियों से निपटने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह निवेश सरकार के लिए भी बहुत फायदेमंद है और लम्बे समय तक सरकारी बजट को मजबूत करता है।”

तीन साल में खर्च पूरा हो जाता है

रिसर्च में यह भी बताया गया है कि अगर 40% विदेशी विद्यार्थी पढ़ाई पूरी करने के बाद जर्मनी में ही रह जाते हैं, तो उनके टैक्स से मिलने वाले पैसे से उनकी शिक्षा पर किए गए खर्च को तीन साल में ही पूरा किया जा सकता है। अगर 30% विद्यार्थी रुकते हैं, तो उनके जीवनकाल में 7.4 बिलियन यूरो का फायदा होगा। वहीं, अगर 50% विद्यार्थी रुकते हैं, तो 26 बिलियन यूरो का फायदा होगा।

पढ़ाई के लिए अच्छी जगह

जर्मनी पढ़ाई के लिए एक अच्छी जगह बनता जा रहा है। यह गैर-अंग्रेजी भाषी देशों में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली जगह है। अभी लगभग 405,000 विदेशी विद्यार्थी जर्मनी के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं। DAAD के एक सर्वे में पता चला है कि 65% विद्यार्थी पढ़ाई पूरी करने के बाद जर्मनी में ही रहना चाहते हैं। OECD के अनुसार, जर्मनी और कनाडा में सबसे ज्यादा विदेशी विद्यार्थी पढ़ाई के बाद भी रुकते हैं। लगभग 45% विद्यार्थी अपनी पढ़ाई शुरू करने के 10 साल बाद भी देश में ही रहते हैं।

उन्हें और सुविधा मिले

DAAD का कहना है कि विदेशी विद्यार्थियों से ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने के लिए उन्हें छात्रवृत्ति देनी चाहिए। यह काम यूनिवर्सिटी, कंपनियों और सरकार को मिलकर करना चाहिए और विदेशी छात्रों के लिए एक अच्छा माहौल बनाना चाहिए। मुखर्जी ने कहा, “हमें उन विदेशी विद्यार्थियों को करियर शुरू करने में पूरी मदद करनी चाहिए जो अपनी पढ़ाई के दौरान जर्मनी से परिचित हो जाते हैं और यहां पढ़ाई के बाद भी रहना चाहते हैं।”

By admin