इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा को नकदी बरामदगी मामले में दोषी ठहराने वाली सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने कहा है कि जिस स्टोर रूम में जली हुई नकदी मिली थी वह जज और उनके परिवार के सक्रिय नियंत्रण में था। सूत्रों ने बताया कि समिति को कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं आग की घटना के बाद स्टोर रूम से जली हुई नकदी को हटा दिया गया था।
पीटीआई, नई दिल्ली। इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा को नकदी बरामदगी मामले में दोषी ठहराने वाली सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने कहा है कि जिस स्टोर रूम में जली हुई नकदी मिली थी, वह जज और उनके परिवार के सक्रिय नियंत्रण में था।
सूत्रों ने बताया कि समिति को कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं जो संकेत करते हैं कि आग की घटना सामने आने के बाद स्टोर रूम से जली हुई नकदी को हटा दिया गया था।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था और जस्टिस वर्मा के जवाब के साथ समिति की रिपोर्ट भी साझा की थी।
विभिन्न साक्ष्यों पर विचार किया
सूत्रों का कहना है कि समिति ने इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों के साथ ही विभिन्न साक्ष्यों पर विचार किया और अपनी रिपोर्ट में राय व्यक्त की है कि जस्टिस वर्मा को हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आरोप काफी गंभीर हैं।