Justice Yashwant Verma भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लोकसभा स्पीकर ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। स्पीकर ने इस मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करने की घोषणा की है। जस्टिस वर्मा के घर में जले हुए नोट मिले थे।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। और एक कमेटी के गठन का एलान किया है। इसी के साथ जस्टिस वर्मा के महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार, मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता वीबी आचार्य शामिल हैं।
#WATCH | Lok Sabha Speaker Om Birla announces a 3-member panel to probe allegations against High Court judge Justice Yashwant Varma.
He says, “The members of the Committee include Justice Arvind Kumar, Supreme Court Judge, Justice Maninder Mohan Srivastava, Chief Justice… pic.twitter.com/hKTt4PiZFt
— ANI (@ANI) August 12, 2025
स्पीकर ने कहा कि मुझे यह प्रस्ताव नियमों के अनुरूप मिला है जिसके बाद मैंने इस कमेटी का गठन किया है।
क्या है पूरा मामला?
14 मार्च, 2025 को जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में आग लगी थी, आग बुझाने पहुंचे दमकल कर्मियों को आउट हाउस में अधजले नोट मिले थे, लेकिन इस बात का खुलासा कई दिनों बाद हुआ था। ये खुलासा नहीं भी तो यदि कोलेजियम ने आनन-फानन में बैठक बुलाकर उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने का निर्णय न लिया होता।
मामला मीडिया में आने के बाद तूल पकड़ने लगा जिससे बाद तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना ने अलग-अलग हाई कोर्ट के तीन जजों की समिति गठित कर जांच का निर्देश दिया और जांच शुरू कर दी। लेकिन, इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के तल्ख रुख ने इसे और गरमी दे दी।
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने वर्मा के तबादले का विरोध तो किया ही, हड़ताल की घोषणा भी कर दी। इस बीच न्यायमूर्ति वर्मा ने अपनी ओर से दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर सफाई भी दी कि सारे आरोप बेतुके, अविश्वसनीय और हास्यापद हैं।
उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति स्टाफ क्वार्टर के पास या आउट हाउस में खुले और सुलभ स्थान पर नकदी रखेगा, इस पर विश्वास नहीं किया जा सकता। हालांकि, इसका जांच पर कोई असर नहीं पड़ा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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