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ज़ोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर का चुनाव जीत लिया है.
ममदानी की इस जीत की अरब और इसराइली मीडिया में ख़ासी चर्चा है.
अरब मीडिया ने डेमोक्रेट ज़ोहरान ममदानी की जीत को ‘ऐतिहासिक और अभूतपूर्व’ करार दिया है.
अरब मीडिया में उनके न्यूयॉर्क सिटी के ‘पहले मुस्लिम मेयर’ होने को हाइलाइट किया जा रहा है.
कई चैनलों ने ममदानी के समर्थकों के जश्न पर फोकस किया और इसे अभूतपूर्व जीत कहा.
‘इतिहास रचने वाला मुस्लिम मेयर’
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क़तर की अल-जज़ीरा वेबसाइट ने लिखा, “कम्युनिस्ट कहे जाने वाले मुस्लिम ममदानी ने न्यूयॉर्क में इतिहास रच दिया.”
अल जज़ीरा के चैनल ने ममदानी के समर्थकों के जश्न की झलकियां दिखाईं और इसे ‘असाधारण और ऐतिहासिक’ चुनाव बताया.
चैनल के रिपोर्टर ने कहा कि 20 लाख से अधिक लोगों ने मतदान किया. कई दशकों में ये न्यूयॉर्क मेयर चुनाव के लिए हुई सबसे ज्यादा वोटिंग थी.
इसी तरह, अल-अरबिया टीवी ने इस वोटिंग का लाइव कवरेज किया.
इसके मुताबिक़ लगभग 60 फ़ीसदी मतदान हुआ. न्यूयॉर्क के हिसाब से ये बड़ी तादाद है.
चैनल के मुताबिक़ ममदानी ने युवाओं को बड़ी संख्या में वोट देने के लिए प्रेरित किया.
लंदन से चलने वाली अल-कुद्स अल-अरबी वेबसाइट ने लिखा कि ममदानी की जीत ‘शहर में प्रगतिशील नीतियों के नए युग की शुरुआत’ करेगी.
ट्रंप के साथ ‘बयानों की जंग’ का ज़िक्र
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सऊदी अरब के अल-अरबिया टीवी ने सुबह चार बजे से ही बुलेटिन में इस खबर को प्रमुखता से दिखाना शुरू किया और ममदानी और ट्रंप के बीच ‘बयानों की जंग’ का ज़िक्र किया.
स्काई न्यूज़ अरेबिया ने उनके भाषण का हवाला दिया, ”अगर कोई यह दिखा सकता है कि देश को धोखा देने वाले डोनाल्ड ट्रंप को कैसे हराया जाए तो वो यही शहर है.”
अल-जज़ीरा ने कहा कि ममदानी ने ‘ट्रंप को ललकारा’ और अपने भाषण में राष्ट्रपति पर ‘हमला’ किया.
रूस के आरटी अरबी और ईरान के अल-आलम टीवी ने भी ममदानी के भाषण में ट्रंप और इसराइल की आलोचना को प्रमुखता दी.
आरटी अरबी ने उन्हें वो मेयर करार दिया ‘जिसने नेतन्याहू को गिरफ़्तार करने और ट्रंप की इसराइल की नीतियों पर हमले की बात की थी’.
मिस्र के अल-ग़द टीवी ने अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स के बयान का हवाला दिया. सैंडर्स ने कहा था कि ममदानी ने आधुनिक अमेरिकी इतिहास के सबसे बड़े राजनीतिक उलटफेरों में से एक को अंजाम दिया.”
सैंडर्स ने ट्रंप के सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर दिए बयान का भी ज़िक्र किया था. ट्रंप ने इसमें कहा था कि रिपब्लिकनों की हार के दो कारण थे. पहला ये कि इस बैलट पेपर में उनका नाम नहीं था. और दूसरा सरकारी कामकाज का ठप होना.
‘अमेरिका में ज़ायनिस्टों की हार’
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अरब देशों में सोशल मीडिया यूजर्स ममदानी की जीत को इसराइल विरोधी और फ़लस्तीन समर्थक रुख़ की सफलता के तौर पर देख रहे हैं.
अल-वसत पार्टी के नेता अबू एलेला मादी ने इसे ‘ऐतिहासिक’ बताया और कहा कि ममदानी ‘इसराइली लॉबी को चुनौती दे रहे हैं.’
फ़लस्तीनी-अमेरिकी लेखिका समर जर्राह ने कहा कि ममदानी ने ‘दुनिया के सबसे मशहूर शहर न्यूयॉर्क में जीत हासिल की. ये जीत इस बात के बावजूद मिली कि ज़ायनिस्ट उनके ख़िलाफ़ थे.”
अल-जज़ीरा के पत्रकार अहमद मंसूर ने लिखा कि ममदानी की जीत ‘इसराइली लॉबी की करारी हार’ है.
इसराइल के मीडिया में ममदानी की मुस्लिम पहचान पर ज़ोर
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दूसरी ओर इसराइली मीडिया ने जोहरान ममदानी की मुस्लिम पहचान पर जोर दिया और उनकी ‘इसराइली विरोधी नीतियों’ का ज़िक्र किया.
एक दक्षिणपंथी चैनल ने उन्हें ‘फ़लस्तीनी समर्थक’ कहा.
अख़बार इसराएल हायोम ने उन्हें सबसे प्रमुख एंटी-ज़ायनिस्ट आवाज़ों में से एक बताया.
इसराइल के ज़्यादातर न्यूज़ चैनलों ने ममदानी की मुस्लिम पहचान पर जोर दिया.
दक्षिणपंथी अख़बार ‘इसराएल हायोम’ ने उन्हें ‘देश की सबसे प्रमुख एंटी-ज़ायनिस्ट आवाज़ों में से एक’ कहा.
चैनल 14 न्यूज़ की हेडलाइन थी, ‘ फ़लस्तीनी समर्थक ममदानी ने अपनी जीत का भाषण अरबी भाषा में शुरू किया.’
लाइव कवरेज में चैनल ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में अमेरिका में ‘इसराइल के प्रति नफ़रत’ बढ़ी है और ममदानी की जीत उसी का नतीजा है.
चैनल 12 न्यूज़ के एक रिपोर्टर ने बताया कि न्यूयॉर्क के 16 से 30 फ़ीसदी यहूदी मतदाताओं ने ममदानी को वोट दिया, जिससे स्टूडियो में मौजूद पैनल के सदस्य हैरान रह गए.
एक एंकर ने पूछा, ”क्या अब यहूदी न्यूयॉर्क छोड़ देंगे?”
चैनल 12 ने सुबह के बुलेटिन में डोनाल्ड ट्रंप के ट्रुथ सोशल पर किए पोस्ट को ओर ध्यान दिलाया.
इसमें लिखा था “जो भी यहूदी व्यक्ति ज़ोहरान ममदानी को वोट देता है वो यहूदी विरोधी और बेहद मूर्ख है.”
चैनल ने यह भी कहा कि ममदानी ने अपने भाषण में यहूदी-विरोध और इस्लामोफोबिया दोनों के खिलाफ़ लड़ने की बात कही.
‘फ़लस्तीनी समर्थक और यहूदी विरोधी’
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सुरक्षा मामलों से जुड़े अख़बार ‘मआरिव’ ने रिपोर्ट किया कि ममदानी की जीत के बाद सैकड़ों समर्थक न्यूयॉर्क में उनके कैंपेन मुख्यालय के बाहर इकट्ठा हुए और “फ़्री फ़लस्तीन” के नारे लगाए.
मआरिव ने लिखा कि ‘ममदानी खुलकर इसराइल का विरोध करते हैं.’ और पहले भी कह चुके हैं कि वे ‘इसराइल को यहूदी देश नहीं मानते.’ वो फ़लस्तीनियों के प्रतिरोध के अधिकार का समर्थन करते हैं.’.
उन्होंने कहा था कि वो ‘इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू को न्यूयॉर्क आने पर गिरफ़्तार करेंगे.’
अख़बार ने ममदानी की 2023 की टिप्पणी का ज़िक्र किया. अख़बार ने लिखा कि ये लगभग यहूदी विरोध के नज़दीक है. ममदानी ने तब कहा था,’जब न्यूयॉर्क पुलिस का बूट आपकी गर्दन पर होता है, तो उसके फीते इसराइली सेना ने बांधे होते हैं.’
कई इसराइली मीडिया आउटलेट्स ने ममदानी के कथित ‘ग्लोबलाइज़ द इंतिफ़ादा’ वाले नारे पर भी ध्यान दिया.
फ़लस्तीनी समर्थक कार्यकर्ता इसे फ़लस्तीन के साथ अंतरराष्ट्रीय एकजुटता का आह्वान बताते हैं,
लेकिन कई अन्य लोग इसे यहूदियों के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने वाला नारा मानते हैं.
‘वाईनेट‘ वेबसाइट ने लिखा, ” इस शख़्स ने अपना पूरा चुनाव अभियान इसराइल की तीखी आलोचना और ‘ग्लोबलाइज़ द इंतिफ़ादा’ जैसे नारे को नर्म बनाने की कोशिश पर केंद्रित किया.’
एनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि क्या वे इस नारे की निंदा करेंगे.”
‘तो ममदानी ने कहा, “यह शब्दावली मैं इस्तेमाल नहीं करता. मैं यहूदी-विरोध की निंदा करता हूं.”
वाईनेट ने ममदानी की जीत को ‘न्यूयॉर्क में आर्थिक और राजनीतिक उथल-पुथल’ और ‘इसराइल के लिए एक चेतावनी संकेत’ बताया.
वेबसाइट ने कहा कि न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम मेयर के रूप में ममदानी का चुनाव एक बड़े वैश्विक रुझान का हिस्सा है, जो दुनिया के एकमात्र यहूदी राष्ट्र की आत्मनिर्णय की अवधारणा को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.