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दो दिनों के विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफ़ा देने के बाद अब नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और नेपाली सेना ने प्रदर्शनकारियों को बातचीत के लिए बुलाया है.
लेकिन राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल हैं कहां? माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफ़े से अचानक पैदा हुए हालात में प्रशासन की बागडोर उन्हीं के हाथ में है.
राष्ट्रपति के सचिवालय के मुताबिक़, जब प्रदर्शनकारी महाराजगंज स्थित शीतल निवास में घुस गए, तो नेपाली सेना ने उन्हें (राष्ट्रपति) वहां से निकल जाने की सलाह दी, क्योंकि उनकी सुरक्षा को ख़तरा पैदा हो सकता था.
राष्ट्रपति पौडेल को सेना के हेलीकॉप्टर से सुरक्षित बाहर निकाला गया.
इसके तुरंत बाद ही प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति कार्यालय और भवन में घुस गए और तोड़फोड़ करते हुए उसमें आग लगा दी.
राष्ट्रपति को नेपाल आर्मी की सुरक्षा प्राप्त थी. उन्होंने शाम छह बजे एक अज्ञात स्थान से ‘जेन ज़ी’ आंदोलन के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया.
नेपाली सेना ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है कि राष्ट्रपति को कहां ले जाया गया और वह इस समय कहां हैं.
नेपाली आर्मी के प्रवक्ता राजाराम बासनेत ने बीबीसी को बताया कि उन्हें राष्ट्रपति समेत किसी भी शीर्ष नेताओं की लोकेशन के बारे में नहीं पता.
पूर्व चीफ़ सेक्रेटरी लीलामणि पौडियाल ने बीबीसी को बताया कि उनका मानना है कि राष्ट्रपति ही इस समय देश चला रहे हैं, जोकि संविधान के अनुसार सेना के सुप्रीम कमांडर भी हैं.
उन्होंने कहा, “हालात तब तक सामान्य नहीं होंगे, जब तक सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय नहीं होंगी. हालांकि सेना अभी सक्रिय रूप से काम रही है और उसके सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति ही हैं.”
वह कहते हैं कि प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों को बुलाया जाना चाहिए और इस बातचीत की अगुवाई राष्ट्रपति को करनी चाहिए.
कार्यकारी प्रधानमंत्री केपी ओली कहां हैं?
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मंगलवार को दिन में स्थानीय समयानुसार 2 बजकर 24 मिनट पर प्रधानमंत्री केपी ओली ने अपने सचिवालय के ज़रिए, इस्तीफ़े का एलान किया क्योंकि प्रदर्शनकारी सिंघ दरबार के मुख्य प्रशासनिक केंद्र, संसद में और राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के आवास में घुस गए थे.
राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति पौडेल ने ओली का इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है और संविधान के अनुसार अगली व्यवस्था होने तक अंतरिम सरकार की ज़िम्मेदारी उन्हें सौंपी है.
लेकिन कार्यकारी प्रधानमंत्री बनाए जाने के बाद भी ओली कहीं नहीं दिखे.
पौडियाल कहते हैं, “हालांकि राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा है कि ओली कार्यकारी प्रधानमंत्री होंगे, लेकिन उनकी भूमिका कहीं दिखी नहीं. अगर वह काम कर रहे होते तो चीफ़ सेक्रेटरी, नेपाल आर्मी, नेपाली पुलिस, सशस्त्र पुलिस बल और जांच विभाग के प्रमुखों के फैसलों को सार्वजनिक नहीं किया जाता.”
“इसलिए मेरी समझदारी है कि राजनीतिक नेतृत्व सक्रिय नहीं है.”
हालांकि सोशल मीडिया पर ऐसी चर्चा है कि ओली ने देश छोड़ दिया है. लेकिन उनके एक क़रीबी ने दावा किया कि ‘ओली नेपाल में ही हैं और सुरक्षा एजेंसियों के घेरे में हैं.’
मंगलवार दोपहर बाद सेना ने प्रधानमंत्री आवास से उन्हें हेलीकॉप्टर के ज़रिए निकाला था.
राजनीतिक रूप से कार्यकारी प्रधानमंत्री की प्रत्यक्ष ग़ैरमौजूदगी के बावजूद, चीफ़ सेक्रेटरी ने नेपाली सरकार के सचिवों की एक बैठक बुलाई.
मंगलवार को उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर एक संयुक्त बयान भी जारी किया और राजनीतिक संवाद के ज़रिए शांतिपूर्ण समाधान की अपील की.
अन्य शीर्ष लोग कहां हैं?
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राज्य की दो प्रमुख संस्थाएं यानी विधायिका और न्यायपालिका की मौजूदगी भी केवल प्रशासनिक स्तर पर ही देखी जा रही है.
संसद के जनरल सेक्रेटरी पद्म प्रसाद पांडे ने एक नोटिस जारी कर प्रतिनिधि सभा (निचला सदन) की बैठक स्थगित करने की सूचना दी.
इस नोटिस में स्पीकर के फ़ैसले का हवाला देते हुए कहा गया, “विशेष कारणों से प्रतिनिधि सभा की बैठक को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है.”
प्रतिनिधि सभा के स्पीकर देवराज घिमिरे ने बीबीसी को बताया कि उन्हें सुरक्षा घेरे में रखा गया है.
सचिवालय के एक सदस्य ने बताया कि दोपहर तक वह स्पीकर आवास में ही मौजूद थे लेकिन प्रदर्शन तेज़ होने के बाद उन्होंने सचिवालय को सूचित किया कि नेपाली आर्मी उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाएगी.
सचिवालय के अनुसार, नेशनल असेंबली (ऊपरी सदन) के स्पीकर नारायन दाहाल भी सुरक्षा एजेंसियों की सुरक्षा में हैं और संपर्क में हैं.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ रजिस्ट्रार ने बताया है कि सर्वोच्च अदालत की इमारत पूरी तरह जल चुकी है और लंबित मामलों की सुनवाई, अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है.
अन्य पूर्व प्रधानमंत्री कहां हैं?
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मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी आरजू राना देउबा अपने घर पर थे, जब प्रदर्शनकारी वहां घुस गए और घर में तोड़फोड की और आग लगा दी.
सोशल मीडिया पर इसके वीडियो काफ़ी लोगों ने साझा किए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि सुरक्षा बल देउबा को बचा रहे हैं, जिनके सिर पर चोट लगी है. सुरक्षा बल उन्हें पीछे के रास्ते हेलीकॉप्टर से निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
बीबीसी इन वीडियो की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं करता. लेकिन देउबा के क़रीब के सूत्रों ने बताया कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया है और सुरक्षा बलों के पहरे में उनका इलाज हो रहा है.
पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल और माधव नेपाल समेत कई विपक्षी नेता मंगलवार को संसद सचिवालय में एक मीटिंग में मौजूद थे. तभी प्रदर्शनकारियों ने सिंघ दरबार पर हमला कर दिया और तोड़फोड़ करते हुए प्रवेश द्वार को आग लगा दी.
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि चूंकि वे बाहर नहीं निकल सकते थे, इसलिए नेपाली सेना ने उन्हें बचाया और अपने इलाक़े में ले गई.
पूर्व उप प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष रवि लमिछाने मंगलवार को ही जेल से बाहर आए थे.
उन्होंने शाम को एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने बारे में सुरक्षा एजेंसियों को बता दिया है और उन्हें भी सुरक्षा की ज़रूरत पड़ सकती है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित