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जेपी नड्डा ने भारतीय फार्माकोपिया आयोग की प्रगति समीक्षा की, दवा गुणवत्ता को लेकर कही ये बात

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Dec 26, 2025


आइएएनएस, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आइपीसी) की प्रगति की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्री ने फार्माकोपियल मानकों, फार्माकोविजिलेंस सिस्टम और नियामक विज्ञान को मजबूत करने में आइपीसी के निरंतर प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि आयोग देश के लोगों और वैश्विक समुदाय के लिए दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उन्होंने कहा कि ये प्रयास देश की बढ़ती वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता को दर्शाते हैं और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। उन्होंने आगे कहा कि आइपीसी भारत और वैश्विक समुदाय के लोगों के लिए दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

ये प्रयास हमारी बढ़ती वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता को दर्शाते हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बैठक का विषय था औषधीय गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करके विकसित भारत की ओर अग्रसर होना था।

नड्डा ने आंध्र सरकार से पीपीपी माडल अपनाने का आग्रह कियाजेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश सरकार से राज्य भर में स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना के विस्तार में तेजी लाने और सेवा वितरण में सुधार के लिए पीपीपी माडल को व्यापक रूप से अपनाने का आह्वान किया है।

आंध्र प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सत्य कुमार यादव को लिखे पत्र में नड्डा ने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी निवेश आकर्षित करने, विशेषज्ञता का लाभ उठाने और दक्षता एवं पहुंच बढ़ाने का एक सिद्ध तंत्र साबित हुई है।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक

जेपी नड्डा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का आकलन करना और प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में तेजी लाना था।

बैठक में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने, मरीजों की संतुष्टि बढ़ाने, नियामक निगरानी में सुधार करने और 2027 तक टीबी को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त करने के राष्ट्रीय लक्ष्य को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

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