डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने धर्मांतरण के खिलाफ बिल लाकर ऐतिहासिक और कठोर निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि अब धर्मांतरण को अंजाम देने वालों के पास दो ही विकल्प रहेंगे कि वे या तो जेल जाएंगे या फिर समय रहते राज्य से बाहर चले जाएंगे।
जल संसाधन मंत्री ने सोमवार को अजमेर के सर्किट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए धर्मांतरण बिल पर अपनी बात साझा की और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार के ऐतिहासिक निर्णय से सभी को अवगत कराया।
कार्रवाई है जारी
उन्होंने इस मौके पर कांग्रेस सरकार और प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा को घेरते हुए कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में हाल में एक मुस्लिम युवक ने दलित युवती का धर्मांतरण कराया है यह मामला सामने आने पर उस पर मुकदमा दर्ज हुआ है और कार्रवाई जारी है।
उन्होंने तंज कसा कि जब जब भी जहां भी कांग्रेस की सरकार रही वहां धर्मांतरण को प्रश्रय मिला है। उन्होंने कहा कि भजनलाल सरकार के संज्ञान में आने पर उन्होंने इस मामले में बिल लाने और उसे विधानसभा में पारित करने का ऐतिहासिक और कठोर निर्णय किया। उसी के अनुरूप कार्यवाही भी सुनिश्चित की जा रही है। भजनलाल शर्मा की सरकार में जबरन धर्म परिवर्तन के मामले जहां भी संज्ञान में आए वहां त्वरित कार्यवाही की गई है।
सुरेश रावत ने कहा कि अब प्रदेश में धर्मांतरण नहीं चलने वाला है। ऐसा कोई करते पकड़ा गया तो उसे कठोर दंड दिया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने बताया कि धर्मांतरण कानून में न्यूनतम सात अधिकतम 14 साल का कारावास, 5 लाख का जुर्माना तथा गैर जमानती धाराओं को भी जोड़ा गया है।
जल संसाधन मंत्री ने कई समस्याओं से कराया अवगत
सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने पर, दिव्यांगों का धर्म परिवर्तन कराने पर सजा और दंड के प्रावधानों से मीडिया को अवगत कराया। इस मौके पर अजमेर को पानी की समस्या से निजात की लिए की जा रही व्यवस्थाएं और योजनाओं पर भी जल संसाधन मंत्री ने अवगत कराया और कहा कि इसका प्रभाव आने वाले समय में अजमेर वासियों को मिलने लगेगा।