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जो देख नहीं सकते वो अंतर्राष्ट्रीय रेस में कैसे जीतते हैं?

Byadmin

Feb 10, 2025


नीली टी-शर्ट पहने एक युवा महिला रनिंग ट्रैक पर बैठी हैं. ये रक्षिता हैं.
इमेज कैप्शन, रक्षिता पैरालंपिक की 1500 मीटर श्रेणी में क्वालिफाई करनेवाली पहली भारतीय नेत्रहीन धावक हैं.

रक्षिता जन्म से ही देख नहीं सकतीं और जो सुनती आईं, वह बहुत दुख देता था. वे याद करती हैं, “बचपन में मेरे गाँव वाले एक ही बात कहते थे, वह देख नहीं सकती. वह बेकार है.”

आज 24 साल की वही रक्षिता भारत की चोटी की पैरा एथलीट में से एक हैं. रक्षिता कहती हैं, “मुझे ख़ुद पर नाज़ है.”

कर्नाटक के चिकमंगलूर के एक सुदूर गाँव में जन्मी रक्षिता जब दो साल की थीं तो उनकी माँ गुज़र गईं. दस साल की उम्र में पिता चल बसे. उनकी परवरिश नानी ने की. नानी सुन और बोल नहीं सकती हैं.

रक्षिता बताती हैं, “हम दोनों विकलांग हैं. तो मेरी नानी मुझे बेहतर समझ पाती थीं. वे कहती थीं कि मैं ज़्यादा चिंता न करूँ.”

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