• Thu. Oct 30th, 2025

24×7 Live News

Apdin News

टीएस सिंहदेव के टॉकीज में तालाबंदी, 33 साल बाद कलेक्टर पर जुर्माना; निरस्त हुआ था लाइसेंस

Byadmin

Oct 30, 2025


जेएनएन, अंबिकापुर छत्तीसगढ़ में सरगुजा राजपरिवार के स्वामित्व वाले अलखनंदा टकीज का लाइसेंस दुर्भावनापूर्ण तरीके से निरस्त करने के 33 साल पुराने बहुचर्चित मामले में बिलासपुर उच्च न्यायालय ने तत्कालीन कलेक्टर टीएस छतवाल को दोषी माना है। न्यायालय ने आदेश दिया है कि छतवाल राजपरिवार को ब्याज सहित 34,795 रुपये की क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान करें।

 

यह मामला वर्ष 1992 का है, जब टीएस सिंहदेव द्वारा संचालित अलकनंदा टकीज का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। लाइसेंस निरस्ती की यह कार्रवाई उस राजनीतिक हलचल के बीच हुई थी, जब वाड्रफनगर के बिजाकुरा गांव में विशेष पिछड़ी जनजाति के रिबई पंडो और उसके परिवार के दो अन्य बच्चों की भूख से मौत की घटना ने तूल पकड़ा हुआ था।

 

राजपरिवार की सदस्य टीएस सिंहदेव की मां पूर्व मंत्री कांग्रेस नेत्री देवेंद्र कुमारी सिंहदेव ने मामले को लेकर तत्कालीन कलेक्टर के निलंबन की मांग की थी। आदिवासी परिवार की भूख से मौत के मामले ने इतना तूल पकड़ा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नर¨सह राव को अप्रैल 1992 में स्वयं वाड्रफनगर आकर स्थिति का जायजा लेना पड़ा था।सरगुजा राजपरिवार के अरुणेश्वर शरण सिंहदेव के भाई की स्वामित्व वाली अलकनंदा टाकीज को नियमानुसार दो मार्च को सिनेमा संचालन का लाइसेंस जारी किया गया था। टाकीज का संचालन उनके बड़े भाई टीएस सिंहदेव कर रहे थे। इसी दौरान आदिवासी परिवार की भूख से मौत की घटना ने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी थी।

 

मुद्दे को पूर्व मंत्री वरिष्ठ कांग्रेस नेता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव ने उठाया था। उस समय प्रदेश में भाजपा के सुंदरलाल पटवा की सरकार थी। बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच 19 अप्रैल 1992 को तत्कालीन कलेक्टर टीएस छतवाल ने अलकनंदा टाकीज का लाइसेंस निरस्त करने के लिए नोटिस जारी किया।

 

नोटिस का जवाब देने की अंतिम तिथि 23 अप्रैल थी, लेकिन 24 अप्रैल को जबलपुर हाई कोर्ट ने सिंहदेव परिवार के पक्ष में स्थगन आदेश जारी कर दिया।

 

सिंहदेव के अधिवक्ता ने उसी दिन शपथपत्र सहित यह आदेश कलेक्टर को देने की कोशिश की परंतु कलेक्टर ने मिलने से इन्कार कर 24 अप्रैल की दोपहर अलकनंदा टाकीज का लाइसेंस निरस्त कर टाकीज का संचालन रोक दिया और 24 एवं 25 अप्रैल के चार शो नहीं चल सके। सिंहदेव ने आठ हजार रुपये की क्षति की जानकारी देते हुए क्षतिपूर्ति की मांग की।

 

न्यायालय में आबकारी आयुक्त ने बताया कि उनके कार्यालय में अलकनंदा टाकीज के लाइसेंस निरस्तीकरण से संबंधित कोई फाइल उपलब्ध नहीं है। उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में तत्कालीन कलेक्टर टीएस छतवाल को दोषी पाते हुए ब्याज सहित 34,795 रुपये की क्षतिपूर्ति राशि राजपरिवार को देने का आदेश दिया। यह राशि न्यायालय में जमा करा दी गई है।

By admin