कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जब खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के हाथ होने का आरोप लगाया था तो इसे उन्होंने कनाडा की संप्रभुत्ता को चुनौती देने के रूप में देखा था.
ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा की संप्रभुत्ता से कोई समझौता नहीं हो सकता है. लेकिन अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नवंबर में चुनाव जीतने के बाद से लगातार कनाडा की संप्रभुत्ता को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं और ट्रूडो ख़ामोश हैं.
ट्रंप कई बार कनाडा को अमेरिका का 51वाँ राज्य और ट्रूडो को उसका गवर्नर बता चुके हैं. लेकिन ट्रूडो ने एक बार भी इस पर आपत्ति नहीं जताई. बुधवार को एक बार फिर से ट्रंप ने क्रिसमस की बधाई देते हुए जस्टिन ट्रूडो को कनाडा का गवर्नर बताया.
ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा है, ”कनाडा के गवर्नर जस्टिन ट्रूडो के नागरिकों को बहुत ज़्यादा टैक्स देना पड़ रहा है. लेकिन कनाडा अमेरिका का 51वां राज्य बन जाता है तो टैक्स में 60 फ़ीसदी से ज़्यादा की कटौती हो सकती है. यहाँ का व्यापार भी तत्काल दोगुना हो जाएगा. इसके अलावा दुनिया के किसी भी देश से ज़्यादा सैन्य सुरक्षा मज़बूत होगी.”
इससे पहले भी ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर कहा था, ”ज़्यादातर कनाडाई चाहते हैं कि कनाडा अमेरिका का 51वां राज्य बन जाए. ऐसा होगा तो कनाडा के लोगों को भारी टैक्स से राहत मिलेगी और उनकी सैन्य सुरक्षा भी मज़बूत होगी.”
ट्रंप कनाडा को लेकर ये बातें तब कर रहे हैं, जब ट्रूडो राजनीतिक संकट में फँसे हुए हैं. कहा जा रहा है कि ट्रंप कनाडा की नाज़ुक स्थिति का पर्याप्त दोहन कर रहे हैं.
लेबनीज़ यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय संबंध के प्रोफ़ेसर हबीब अल बदावी ने इंडियन स्ट्रैटिजिक स्टडीज़ फोरम में लिखा है, ”ट्रंप के यह बयान एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में कनाडा की स्थिति कमज़ोर करने की कोशिश है. जिन शब्दों का ट्रंप चयन कर रहे हैं, वो दो देशों के बीच बराबरी के संबंध में बदलाव लाने की कोशिश करता दिख रहा है. इसे महज़ मज़ाक के रूप में नहीं देखा जा सकता है.”
कनाडा के लोग क्या चाहते हैं?
कनाडा निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था है. कनाडा के कुल निर्यात का 75 फ़ीसदी निर्यात अमेरिका में होता है. ट्रंप ने कनाडा पर 25 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाने की चेतावनी दी है.
कहा जा रहा है कि ट्रंप ने सीधे कनाडा की आर्थिक संप्रभुत्ता को चुनौती दी है लेकिन यह राजनीतिक संप्रभुत्ता को भी अपने लपेटे में ले लेगी. कनाडा के नेतृत्व के लिए सबसे बड़ा सवाल यही है कि ट्रंप की धमकी बाद आर्थिक स्वायत्तता को सुरक्षित कैसे रखा जाए.
प्रोफ़ेसर हबीब अल बदावी ने लिखा है, ”ट्रंप का कहना है कि कनाडा अमेरिकी राज्य बन जाता है तो कनाडाई नागरिकों को भारी टैक्स से राहत मिलेगी. लेकिन कनाडा और अमेरिका के सोशल सिस्टम में बुनियादी अंतर है. कनाडा में टैक्स ज़्यादा है तो सुविधाएं भी ज़्यादा हैं. इनमें सबके लिए एक समान मेडिकल सुविधाएं हैं और यह कनाडा की सामाजिक सुरक्षा की प्राथमिकता को दर्शाता है. ट्रंप को लगता है कि टैक्स में बचत के ऑफर से कनाडा के लोग आकर्षित हो जाएंगे तो वह कनाडाई मूल्यों को समझने में चूक कर रहे हैं.”
कनाडा में लेजर पोल डेटा इकट्ठा करने वाली एक संस्था है. ट्रंप ने जब कनाडा को अमेरिका के 51वां राज्य बनने का ऑफर दिया तो लेजर पोल ने कनाडा के भीतर सर्वे किया था कि वाक़ई कनाडाई अमेरिका में शामिल होना चाहते हैं?
लेजर पोल के मुताबिक़ केवल 13 फ़ीसदी कनाडाई नागरिकों ने कहा कि वे अमेरिकी स्टेट बनना पसंद करेंगे. कनाडा की विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के 21 फ़ीसदी समर्थकों ने कहा कि वे ट्रंप के आइडिया से सहमत हैं और ट्रूडो की लिबरल पार्टी के 10 में से एक वोटर ने अमेरिकी राज्य बनने पर सहमति जताई.
सबसे ज़्यादा पीपल्स पार्टी ऑफ कनाडा के 25 फ़ीसदी लोगों ने अमेरिकी राज्य बनने का समर्थन किया और सबसे कम छह फ़ीसदी जगमीत सिंह की पार्टी एनडीपी ने.
ट्रूडो की ख़ामोशी
कुल 87 फ़ीसदी लोगों ने ट्रंप के आइडिया को ख़ारिज कर दिया. लेजर ने यह पोल छह से नौ दिसंबर के बीच किया था. ट्रूडो सरकार ट्रंप की टिप्पणी पर कुछ भी प्रतिक्रिया देने से बच रही है.
दिसंबर के दूसरे हफ़्ते में कनाडा के रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने टालने के अंदाज़ में कहा था, ”ज़ाहिर है कि ट्रंप मज़ाक कर रहे हैं. हम एक संप्रभु देश हैं.”
कनाडा के सरकारी प्रसारक सीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ”हम ये कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बेल्जियम को फ़्रांस में मिला लेने का मज़ाक करें. ट्रंप दुनिया के सबसे अहम देश के शीर्ष के नेता हैं और कनाडा-अमरिका ऐतिहासिक रूप से दोस्त रहे हैं. तभी भी वह ऐसी बातें कर रहे हैं.”
ट्रंप की 25 फ़ीसदी टैरिफ़ की धमकी पर ट्रूडो ने 10 दिसंबर को कहा था, ”ट्रंप को लोगों ने वोट इसलिए दिया है कि उन्होंने अमेरिका के लोगों की ज़िंदगी बेहतर बनाने और महंगाई से मुक्ति का वादा किया था. अगर अमेरिका कनाडा की हर चीज़ पर 25 फ़ीसदी का टैक्स लगाएगा तो अमेरिका के दक्षिणी बॉर्डर पर रहने वाले लोगों की ज़िंदगी और मुश्किल होगी. टैरिफ की पूरी सच्चाई किसी के हक़ में नहीं है. 25 फ़ीसदी टैरिफ केवल कनाडा की अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी होगा, ऐसा कहकर आप ख़ुद को बहला नहीं सकते हैं.”
ट्रूडो ने कहा था, ”इससे अमेरिका के लोगों को भी मुश्किलें होंगी. अमेरिका 65 प्रतिशत कच्चा तेल कनाडा से आयात करता है. इसके अलावा अमेरिका बड़े पैमाने पर बिजली भी आयात करता है. प्राकृतिक गैस भी अमेरिका कनाडा से ही आयात करता है. अमेरिका हमारे इस्पात और एल्युमीनियम पर निर्भर है. अमेरिका कृषि उत्पादों के लिए भी हम पर ही निर्भर है. अगर 24 फ़ीसदी टैक्स लगाया तो ये सारी चीज़ें अमेरिका में महंगी होंगी.”
अपने पिछले कार्यकाल में ट्रंप ने 2018 में कनाडा के इस्पात और एल्युमीनियम पर टैरिफ लगाया था. इसके जवाब में कनाडा ने भी अमेरिकी सामानों पर टैरिफ लगा दिया था. ख़ास कर अमेरिकी से आने वाली केचअप, शराब और योगर्ट पर.
टैरिफ़ की मार किस पर
हालांकि ट्रंप ने जब चुनाव जीतने के बाद कनाडा पर टैरिफ लगाने की धमकी दी थी तो ट्रूडो ट्रंप से मिलने गए थे. लेकिन ट्रूडो को वहां से बिना आश्वासन के ख़ाली हाथ लौटना पड़ा था और तभी से ट्रंप उन्हें गवर्नर ट्रूडो कह रहे हैं.
यूएस सेंसस ब्यूरो के अनुसार, 2014 में अक्तूबर तक कनाडा के साथ द्विपक्षीय व्यापार में अमेरिका का व्यापार घाटा 50 अरब डॉलर का था. अमेरिका कनाडा से सबसे ज़्यादा कच्चा तेल आयात करता है. अगर कनाडा के तेल को हटा दिया जाए तो अमेरिका ट्रेड सरप्लस में रहेगा.
ट्रंप इसी व्यापार घाटे को अमेरिका की ओर से कनाडा को दी गई सब्सिडी बता रहे हैं. ट्रंप ने कहा था कि पिछले साल अमेरिका ने कनाडा को 100 अरब डॉलर की सब्सिडी दी. हालांकि 2023 में अमेरिका का कनाडा के साथ व्यापार घाटा 67 अरब डॉलर का था.
कनाडा दुनिया का चौथा बड़ा कच्चा तेल का उत्पादक है लेकिन ट्रंप का टैरिफ ऊर्जा से हासिल होने वाले राजस्व पर भी भारी चोट करेगा. दूसरी तरफ़ ट्रंप अमेरिका में घरेलू ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाना चाहते हैं.
2022 में ट्रूडो ने अमेरिका से आने वाले ट्रक ड्राइवरों के लिए वैक्सीन लगाना अनिवार्य कर दिया था. इसके लिए ट्रंप ने ट्रूडो को ‘घोर-वामपंथी पागल’ कहा था.
जून 2018 में ट्रंप कनाडा के क्यूबेक में आयोजित जी-7 समिट के बीच से ही निकल गए थे और उन्होंने जस्टिन ट्रूडो को ‘घोर बेईमान और कमज़ोर’ नेता कहा था.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, वित्तीय मामलों के थिंक टैंक डिजार्डियंस के अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि ट्रंप की नीतियों के कारण 2028 के अंत तक कनाडा की जीडीपी में 1.7 फ़ीसदी तक गिरावट आ सकती है.
ट्रंप 2017 में पहली बार जब राष्ट्रपति बने थे, तब उन्होंने उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा की बात कही थी. अमेरिका का यह समझौता मेक्सिको और कनाडा के साथ है.
ट्रंप की शिकायत रही है कि इस समझौते से अमेरिका को नुक़सान हो रहा है और बाक़ी दोनों देशों को फ़ायदा हो रहा है.
इस समझौते को लेकर कनाडा और अमेरिका 18 महीनों तक तनाव भरे माहौल बातचीत हुई थी लेकिन बेनतीजा रही थी और दोनों देशों ने एक दूसरे के उत्पादों पर टैरिफ लगाना शुरू कर दिया था.
इसके बाद यह समझौता यूएस-मेक्सिको-कनाडा डील के रूप में सामने आई थी. लेकिन ट्रंप ने 11 अक्तूबर को इसकी समीक्षा की भी बात कही थी.
समाचार एजेंसी रॉर्यटर्स के अनुसार, इसी साल जनवरी में ट्रूडो ने एक मीटिंग में अपनी लिबरल्स पार्टी के सीनियर नेताओं से कहा था कि कनाडा के लिए ट्रंप का दूसरा कार्यकाल पहले कार्यकाल से ज़्यादा चुनौती पूर्ण होगा. यह बात रॉयटर्स से एक सूत्र ने बताई थी, जो उस मीटिंग में ख़ुद भी मौजूद था.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.