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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि इसराइल और हमास ग़ज़ा में युद्धविराम और शांति समझौते के पहले चरण पर सहमत हो गए हैं.
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में ट्रंप ने कहा, “सभी बंधक बहुत जल्द रिहा किए जाएंगे” और “इसराइल अपनी सेना को तय की गई सीमा तक वापस बुला लेगा.”
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इस समझौते को “इसराइल के लिए एक बड़ा दिन” बताया है और गुरुवार को अपनी सरकार की बैठक बुलाने की घोषणा की है ताकि समझौते को मंज़ूरी दी जा सके.
अगर इसराइली सरकार इस समझौते को मंज़ूरी दे देती है, तो इससे युद्ध समाप्त करने, इसराइली बंधकों और फ़लस्तीनी क़ैदियों की रिहाई, इसराइली सैनिकों की वापसी और ग़ज़ा में राहत सामग्री की आपूर्ति का रास्ता खुलेगा.
इसराइली सरकार गुरुवार को इस समझौते को मंज़ूरी देने के लिए बैठक करेगी. मंज़ूरी मिलते ही युद्धविराम तुरंत प्रभाव से लागू हो जाएगा.
हमास ने भी इस समझौते की पुष्टि की है लेकिन अभी उसे उन क़ैदियों की अंतिम लिस्ट नहीं मिली है, जिन्हें इसराइल अदला-बदली में रिहा करने की योजना बना रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी समेत दुनियाभर के नेता, इसराइली बंधकों के परिवार और युद्ध से विस्थापित फ़लस्तीनी इस समझौते का स्वागत कर रहे हैं. हालांकि इसकी पूरी शर्तें अब तक सार्वजनिक नहीं की गई हैं.
इस समझौते के लिए बातचीत मिस्र में हुई थी, जिसमें मिस्र सरकार के साथ क़तर, अमेरिका और तुर्की ने भी मध्यस्थ की भूमिका निभाई.
समझौते में क्या तय हुआ है?
पहले चरण के युद्धविराम समझौते की पूरी जानकारी आधिकारिक रूप से सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक़:
- एक फ़लस्तीनी सूत्र ने बीबीसी को बताया कि समझौते के तहत 250 फ़लस्तीनी क़ैदियों और 1,700 ग़ज़ा निवासियों को रिहा किया जाएगा, जिन्हें युद्ध शुरू होने के बाद इसराइल ने हिरासत में लिया था.
- सूत्र के मुताबिक़, हमास को अभी तक उन क़ैदियों की लिस्ट नहीं मिली है, जिन्हें इसराइल रिहा करने की योजना बना रहा है, लेकिन उम्मीद है कि यह मसला कुछ घंटों में सुलझ जाएगा.
- एक वरिष्ठ फ़लस्तीनी अधिकारी ने बताया कि समझौते के अनुसार, इसराइल रोज़ाना 400 राहत ट्रकों को ग़ज़ा में प्रवेश की अनुमति देगा और बाद के चरणों में यह संख्या बढ़ाई जाएगी.
- व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के मुताबिक़, पहले चरण में हमास 20 ज़िंदा इसराइली बंधकों को रिहा करेगा.
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ग़ज़ा एक सुरक्षित जगह बनेगा: डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, “इसराइल और हमास, दोनों ने हमारी शांति योजना के पहले चरण पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.”
ट्रंप ने कहा, “इसका मतलब है कि सभी बंधक बहुत जल्द रिहा किए जाएंगे और इसराइल अपनी सेना को तय की गई सीमा तक वापस बुला लेगा. यह एक मज़बूत, स्थायी और लंबे समय तक रहने वाली शांति की दिशा में पहला क़दम है. सभी पक्षों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार किया जाएगा.”
उन्होंने कहा, “यह अरब और मुस्लिम दुनिया, इसराइल, उसके पड़ोसी देशों और अमेरिका के लिए ऐतिहासिक दिन है. हम क़तर, मिस्र और तुर्की के मध्यस्थों का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने हमारे साथ मिलकर इस ऐतिहासिक और अभूतपूर्व समझौते को संभव बनाया. धन्य हैं वे लोग जो शांति स्थापित करते हैं.”
फ़ॉक्स न्यूज़ से बातचीत में ट्रंप ने कहा, “आप देखेंगे कि लोग एक-दूसरे के साथ तालमेल से रह रहे हैं और ग़ज़ा को फिर से बनाया जाएगा. अब दुनिया अलग होगी, ग़ज़ा में विकास पर धन खर्च किया जाएगा.”
ट्रंप ने कहा, “ग़ज़ा अब एक सुरक्षित जगह बनेगा. अब लोगों की देखभाल की जाएगी. मुझे सच में लगता है कि पूरा मध्य-पूर्व अब एक साथ आ गया है. ग़ज़ा का पुनर्निर्माण होगा और पड़ोसी देश इसमें मदद करेंगे.”
उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि अब मध्य पूर्व में शांति स्थापित होगी.”
इसराइल और हमास की प्रतिक्रिया
इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, “यह इसराइल के लिए एक महान दिन है.”
नेतन्याहू ने इसराइली सेना, राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम का आभार जताया.
बीबीसी के अमेरिकी साझेदार सीबीएस के मुताबिक़, हमास ने कहा है कि यह समझौता “ग़ज़ा में युद्ध को ख़त्म करेगा, क़ब्ज़ा करने वाली सेनाओं की पूरी तरह वापसी सुनिश्चित करेगा, मानवीय सहायता के प्रवेश की अनुमति देगा और क़ैदियों की अदला-बदली लागू करेगा.”
संगठन ने ट्रंप और अन्य पक्षों से अपील की कि “वे सुनिश्चित करें कि इसराइली क़ब्ज़ा सरकार समझौते की सभी शर्तों का पूरी तरह पालन करे.”
हमास ने कहा कि ग़ज़ा के लोगों ने “साहस और दृढ़ता दिखाई है.”
बयान में कहा गया, “हम अपने लोगों के राष्ट्रीय अधिकारों को तब तक नहीं छोड़ेंगे, जब तक स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय का लक्ष्य हासिल नहीं हो जाता.”
ग़ज़ा और इसराइल कैसी प्रतिक्रिया
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ग़ज़ा के दक्षिणी शहर ख़ान यूनिस में रातभर सड़कों पर लोग जश्न मनाते दिखे, वहीं तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर में बंधक बनाए गए एक इसराइली युवक की मां ने आसमान में पटाखा फोड़ा और बेटे की वापसी की उम्मीद जताई.
होस्टेज फ़ैमिलीज़ फ़ोरम ने बयान में कहा, “हम राष्ट्रपति ट्रंप के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.”
ग़ज़ा में बंधक बनाए गए इसराइली नागरिक मतान ज़ंगाउकर की मां ऐनव ज़ंगाउकर ने एक्स पर लिखा, “मतान मेरे पास लौट रहा है. अपनी बहनों नताली और शानी के पास, और अपनी ज़िंदगी के प्यार, इलाना के पास.”
यह पिछले दो वर्षों में तीसरा युद्धविराम है. दोनों पक्षों में अब उम्मीद है कि यह संघर्ष के अंत की शुरुआत साबित होगा.
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बीबीसी की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संवाददाता लीज़ डुसेट का विश्लेषण
उन्होंने लिखा, “अगर सब कुछ योजना के मुताबिक़ आगे बढ़ता है, तो जल्द ही आख़िरी इसराइली बंधक अपने घर लौटेंगे और सैकड़ों फ़लस्तीनी क़ैदी भी रिहा होंगे. ग़ज़ा में बंदूकें खामोश हो जाएंगी और लोगों को अब अपने आख़िरी दिन का डर नहीं रहेगा.”
लीज़ डुसेट का कहना है, “यह पल खुशियों के साथ-साथ कड़वाहट भी लिए हुए है. कुछ लोगों का कहना है कि यह समझौता उतना अलग नहीं है, जितना पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले साल प्रस्तावित किया था. लेकिन यह निश्चित रूप से एक बड़ी प्रगति है.”
उन्होंने कहा, “सिर्फ़ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ही इसे संभव बना सकते थे. उन्होंने अपने सहयोगी और मित्र नेतन्याहू पर दबाव डालकर इसे अंजाम तक पहुंचाया. अरब देशों और तुर्की के साथ उनके रिश्तों ने भी इसे संभव बनाया.”
उनके अनुसार, “यह शुरुआत है, अंत नहीं. यह एक युद्धविराम है, स्थायी शांति समझौता नहीं. लेकिन यह उत्सव का क्षण है और उम्मीद की एक नई किरण भी.”
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बीबीसी के मध्य पूर्व संवाददाता ह्यूगो बशेगा का विश्लेषण
इस ऐतिहासिक समझौते की घोषणा सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की, जिन्होंने इसे “दुनिया के लिए एक महान दिन” बताया.
ट्रंप ने कहा कि सभी बंधक जल्द रिहा किए जाएंगे और इसराइल अपनी सेना को तय की गई सीमा तक वापस बुला लेगा.
उन्होंने कहा कि सभी पक्षों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार किया जाएगा और यह स्थायी शांति की दिशा में पहला कदम है.
एक बार जब इसराइली सरकार इस समझौते को मंज़ूरी दे देगी, तो युद्धविराम तुरंत लागू हो जाएगा.
इसके बाद बाकी बंधकों की रिहाई और ग़ज़ा के कुछ हिस्सों से इसराइली सेना की वापसी की प्रक्रिया शुरू होगी.
बशेगा ने लिखा, “इस समझौते की सबसे अहम बात यह है कि ट्रंप ने व्यक्तिगत रूप से इसमें दख़ल दिया. उन्होंने न केवल हमास पर, बल्कि इसराइल पर भी दबाव बनाया ताकि सौदा हो सके.”
उन्होंने कहा, “हालांकि, दो साल से चल रहे इस युद्ध के अंत की उम्मीद के बीच अब भी कई अहम सवाल बाकी हैं. ग़ज़ा का शासन कौन संभालेगा और हमास का भविष्य क्या होगा. इन बिंदुओं पर अब भी सहमति बननी बाकी है.”
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