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ट्रंप की नीति से फजीहत! अमेरिका के व्यापार शुल्क से खेती और प्रोसेस्ड फूड का निर्यात हो सकता है प्रभावित

Byadmin

Feb 25, 2025


अमेरिका की तुलना में भारत औसतन 32 प्रतिशत अधिक शुल्क वसूलता है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही वे व्यापार शुल्क को लेकर काफी गंभीर हैं। पारस्परिक शुल्क से भारतीय कृषि व प्रोसेस्ड फूड के निर्यात प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है। औद्योगिक उत्पादों के व्यापार में भी भारत अमेरिका की तुलना में अधिक शुल्क वसूलता है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका की तरफ से पारस्परिक व्यापार शुल्क की नीति लागू करने पर भारतीय कृषि व अन्य खाद्य पदार्थों के निर्यात प्रभावित होने की प्रबल आशंका है। क्योंकि भारत अमेरिका से आयात होने वाले कृषि, मांस व अन्य प्रोसेस्ड आइटम पर औसतन 37.66 प्रतिशत का शुल्क वसूलता है जबकि इन्हीं आइटम के निर्यात पर अमेरिका भारत से औसतन 5.29 प्रतिशत शुल्क की वसूली करता है।

मतलब भारत अमेरिका के मुकाबले कृषि, मांस व अन्य प्रोसेस्ड वस्तुओं पर औसतन 32 प्रतिशत अधिक शुल्क लेता है। जानकारों के मुताबिक पारस्परिक शुल्क पर अमल से पहले भारत इन शुल्क की दरों में कटौती नहीं करता है तो इन भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका में अधिक शुल्क लगेगा और भारतीय वस्तुएं महंगी हो जाएंगी जिससे निर्यात प्रभावित होगा।

अमेरिका लेता है औसतन 2.6 फीसदी शुल्क

औद्योगिक उत्पादों के व्यापार में भी भारत अमेरिका की तुलना में अधिक शुल्क वसूलता है। भारत से निर्यात होने वाली औद्योगिक वस्तुओं पर अमेरिका औसतन 2.6 प्रतिशत का शुल्क लेता है जबकि अमेरिका से भारत आने वाली औद्योगिक वस्तुओं पर औसतन 5.9 प्रतिशत का शुल्क लिया जाता है।

व्यापार में भारत को शुल्क में कटौती की जरूरत!

मतलब औद्योगिक वस्तुओं के व्यापार में भी भारत को अपने शुल्क में कटौती करने की जरूरत है। इस साल अप्रैल से पारस्परिक शुल्क नीति लागू हो सकती है। हालांकि अमेरिकी प्रशासन की तरफ से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पारस्परिक शुल्क नीति वस्तुओं के आधार पर या फिर दोनों देशों के कुल व्यापार के आधार पर लागू की जाएगी।

व्यापार के आंकड़ों में भी है भिन्नता

  • ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के मुताबिक दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापारिक आंकड़ों को लेकर भी भिन्नता है। अमेरिका दावा कर रहा है कि वर्ष 2024 में भारत ने अमेरिका को 91 अरब डॉलर का निर्यात जबकि भारतीय दावा 73.2 अरब डालर का है।
  • वस्तुओं के आधार पारस्परिक शुल्क नीति पर अमल से भारत का समुद्री उत्पाद, डेयरी और प्रोसेस्ड फूड का निर्यात सबसे अधिक प्रभावित होगा।

डेयरी उत्पाद में भारत में लगता है 38 फीसदी अधिक शुल्क

भारत इन आइटम का लगभग 2.5 अरब डॉलर का निर्यात अमेरिका में करता है। डेयरी उत्पाद के व्यापार में भारत में अमेरिका की तुलना में 38 प्रतिशत, प्रोसेस्ड फूड व कोकोआ में 24 प्रतिशत तो खाद्य तेल में 10.67 प्रतिशत अधिक शुल्क लगता है।

कृषि उत्पाद का कम आयात होता है भारत में

जीएसटीआर के मुताबिक अमेरिका कृषि आइटम, मांस-मछली व प्रोसेस्ड फूड का भारत में काफी कम निर्यात करता है। ऐसे में भारत को इन आइटम के शुल्क में कटौती करने में कोई नुकसान नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं करने पर भारतीय निर्यात को नुकसान हो सकता है।अधिक शुल्क की वजह से कृषि व प्रोसेस्ड फूड के अलावा ऑटोमोबाइल्स, डायमंड व सोने के आइटम, केमिकल व फार्मा, इलेक्टि्रक व इलेक्ट्रॉनिक्स, लेदर,ग्लास शिप जैसे आइटम के भारतीय निर्यात प्रभावित हो सकते हैं।

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