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केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा है कि भारत साल 2047 से पहले ही एक विकसित देश बन जाएगा.
हरदीप पुरी ने बीबीसी के कार्यक्रम ‘हार्ड टॉक’ में इंटरव्यू के दौरान कई अहम मुद्दों पर बात की.
स्टीफन सैकुर को दिए इंटरव्यू में हरदीप सिंह पुरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ, जलवायु परिवर्तन और भारतीय लोकतंत्र से जुड़े सवालों के जवाब भी दिए.
हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “मेरा मानना है कि ये भारत की आज़ादी के 100 साल पूरे होने से पहले ही संभव हो जाएगा. हम पहले से ही दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं.”
क्या भारत विकसित देश बन जाएगा?
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उनका कहना है, “आईएमएफ़ के अनुसार साल 2025 के दौरान ही हमें चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाना चाहिए और अगर मौजूदा वृद्धि दर बरकरार रही, तो संभवत: साल 2027 से पहले ही हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे.”
जब उनसे पूछा गया कि अर्थशास्त्रियों का ये कहना है कि भारत को पूरी तरह विकसित राष्ट्र बनने के लिए प्रति व्यक्ति जीडीपी पश्चिमी यूरोप या अमेरिका के क़रीब लानी होगी, इसके लिए साल 2047 तक भारत को हर साल 9 से 10 फ़ीसदी ग्रोथ रेट की ज़रूरत है और ये संभव नहीं है.
इस पर उन्होंने कहा, “मैं आपसे एक सवाल करता हूं, विकसित देश की परिभाषा कहां तय की गई है.”
“एक प्रणाली है जिसके तहत आप अल्पविकसित से विकासशील देश में जाते हैं. विकास को सर्वांगीण होने की ज़रूरत होती है.. और तथ्य ये है कि कई मामलों में हम तथाकथित विकसित देशों से ज़्यादा विकसित हैं क्योंकि भारत में कई बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराने का खर्च कम है.”
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हरदीप पुरी अभी पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हैं.
विकसित देश बनने के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा ज़रूरत और दूसरे देशों पर इसकी निर्भरता को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उनका कहना है, “ऐसा नहीं है. भारत एक बड़ा उपभोक्ता और उत्पादक दोनों है.”
“आपका ये आकलन सही है कि आपको विकसित देश बनने के लिए ऊर्जा की काफी ज़रूरत पड़ेगी. मैं इतिहास में ऐसे उदाहरण दे सकता हूँ, जहाँ ऊर्जा की उपलब्धता की कमी रही है और बाहर से संसाधन लाने पड़े.”
“जापान इसका एक उदाहरण है, लेकिन मैं अभी उस पर बात नहीं करूंगा. आज, हमारी कच्चे तेल की खपत 55 लाख बैरल प्रति दिन है.”
पुरी ने कहा कि भारत में ईएंडपी यानी एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन पर पहले ध्यान नहीं दिया गया था, अब उसमें उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. हम अपना बायोफ्यूल प्रोडक्शन बढ़ा रहे हैं, जो कि अगले महीने 20 फ़ीसदी तक पहुंच जाएगा.
तेल खपत में अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है. भारत अपनी ज़रूरत का 80 फ़ीसदी तेल आयात करता है.
रूस से तेल खरीदने पर क्या कहा?
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जब केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से रूस से सस्ते दाम में तेल आयात पर बड़ी निर्भरता और इसके भारत पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “ये तथ्य सही नहीं हैं. हमारे आपूर्ति के स्रोत में काफी विविधता है. अब हम 39 देशों से तेल आयात कर रहे हैं.”
वहीं उसने जब ये पूछा गया कि क्या भारत अमेरिका को नाराज़ कर रूस से तेल खरीद रहा है तो उन्होंने कहा, “मैं आपको यहां ये बता दूं कि ये किसी की इच्छा के ख़िलाफ़ नहीं था.”
“अमेरिका ने हमें ये बताया था कि हम रूस से जितना चाहें तेल खरीदें, बशर्ते उचित कीमत पर खरीदें. और ये हमारे लिए अच्छा था. तब या अब, रूसी तेल पर कोई प्रतिबंध नहीं था.”
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत का रूस के साथ गहरा संबंध रखना भारत के लिए क्या परेशानी का कारण नहीं होगा?
इस पर हरदीप पुरी ने कहा, “नहीं, भारत आरामदेह स्थिति में है और दुनिया के कुछ हिस्सों में जो टिप्पणीकार हैं, जैसा कि मैंने कहा, जिनकी समझ सीमित है, उनके राय छोड़ दें तो भारत हर जगह अच्छी स्थिति में हैं.”
साल 2022 में उज़्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से अलग से मुलाक़ात की थी और उन्होंने इस दौरान कहा था कि आज का दौर युद्ध का दौर नहीं है.
केंद्रीय मंत्री ने पीएम के इस बयान को भी इस इंटरव्यू में दोहराया और कहा कि भारत के साथ रूस का गहरा रिश्ता रहा है, भारत का दूसरे देशों के साथ भी गहरा रिश्ता है जिसमें अमेरिका भी शामिल है और भारत अमेरिका से 20 अरब डॉलर मूल्य की ऊर्जा ख़रीदता है.
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ़ पर केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा
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अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर टैरिफ़ लगाते हैं तो भारत इसको लेकर क्या कदम उठाएगा?
इस सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री कहते हैं कि वो एक डिप्लोमेट के तौर पर काल्पनिक सवालों का जवाब नहीं दे सकते हैं.
उन्होंने कहा, “भारत 4 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था है और भारत अपने हितों की रक्षा करेगा. चाहे वो बातचीत के जरिए हो या फिर जवाबी कार्रवाई के ज़रिए. ऊर्जा मंत्री के तौर पर मैं इस बारे में बात नहीं कर सकता हूं. आपको इसके लिए उनसे बात करनी होगी जिनके पास इस पर फ़ैसले लेने की क्षमता है.”
जलवायु परिवर्तन पर क्या बोले हरदीप सिंह पुरी?
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जलवायु परिवर्तन से जुड़े सवाल पर हरदीप सिंह ने कहा, “आपको उर्जा पर बात करनी है तो मैं उस दिशा में बात करने को तैयार हूं. भारत के ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में बायो फ्यूल प्रोग्राम को देखिए.”
हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “मुझे पूरी तरह से जानकारी है. लेकिन फैसले लेते हुए हमें अपने हित का खयाल भी रखना है. भारत पेरिस समझौते के को लेकर प्रतिबद्ध है. आपको उन देशों का जिक्र करना चाहिए जो इस समझौते से बाहर निकल रहे हैं. उन पर कोई सवाल नहीं कर रहा है.”
“उन देशों पर भी फोकस होना चाहिए जो खाने के लिए साफ ईधन मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं. हम 140 करोड़ लोगों को एलपीजी और पीएनजी के जरिए खाने बनाने का साफ ईधन मुहैया करा रहे हैं.”
हरदीप सिंह पुरी ने दावा किया कि भारत के पास हेल्थ केयर और एजुकेशन सिस्टम है और भारत साल 2047 से पहले ही विकसित देश बन जाएगा.
लोकतंत्र पर क्या बोले हरदीप सिंह पुरी?
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‘फॉरेन पॉलिसी’ मैगजीन के एडिटर रवि अग्रवाल की बात को दोहराते हुए कि “नए भारत का आईडिया मज़बूत हो रहा है,” हरदीप पुरी ने कहा, “मोदी के भारत का विचार नेहरू के विचार से अलग हैं. वो ऐसा मानते हैं कि उदार से ज्यादा एक ताकतवर प्रमुख महत्व रखता है.”
हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “यह फैक्ट है कि नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे. वे पश्चिम के उदार सिस्टम से प्रभावित थे और उन्होंने अच्छा काम किया. लेकिन मोदी को ऐसी अर्थव्यवस्था विरासत में मिली है, जिसमें तेजी से बदलाव नहीं हो रहा था.”
“आज भारत को अपने औपनिवेशिक काल से पहले वाला आत्मविश्वास वापस मिल गया है. हिंदू धर्म एक जीवन पद्धति है. भारत आज सबसे उदार लोकतंत्र में से एक है.”
“भारत एक मजबूत लोकतंत्र है. लोग चुने हुए नेताओं का विरोध करते हैं. आप ऐसा पश्चिमी देशों में कीजिए और फिर उसका नतीजा देखिए. हमारे संस्थान पूरी तरह से काम कर रहे हैं.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.