डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के एक प्रमुख व्यापार-नीति थिंक टैंक ने कहा है कि चीन के साथ टैरिफ को लेकर ट्रंप का नया विवाद अमेरिका और भारत व्यापार समझौते को गति दे सकता है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि दुर्लभ खनिज के निर्यात पर चीन का कड़ा नियंत्रण और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध गहराने से अमेरिका को अपने पुराने सहयोगियों के साथ रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका वैकल्पिक सप्लाई चेन बनाने के लिए भरोसेमंद साझेदारों की तलाश कर रहा है।
ट्रंप-चीन विवाद से भारत को फायदा
यह आकलन अमेरिकी वित्त मंत्रीस्कॉटबेसेन्ट के उस बयान के बाद आया है जिसमे उन्होंने दुर्लभ खनिज के निर्यात पर चीनी नियंत्रण के खिलाफ “चीन बनाम विश्व ” लड़ाई में सहयोगियों को सूचीबद्ध किया था। बता दें ये खनिज ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक और रक्षा उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण चुम्बक बनाने में उपयोग किए जाते हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत पर चीनी नियंत्रण है।
अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को गति
चीनी राष्ट्रपति शीचिनफिंग के शासन ने हाल ही में दुर्लभ खनिजों पर अधिक टैरिफ और आपूर्ति प्रतिबंध लगा दिए हैं। जीटीआरआई के आकलन के अनुसार “भारत के साथ व्यापार समझौते में तेजी आ सकती है, जिसमें अमेरिका संभवतः 16-18 प्रतिशत टैरिफ पहुंच की पेशकश कर सकता है, जो यूरोपीय संघ और जापान के लिए 15 प्रतिशत से अधिक है, लेकिन वियतनाम के लिए 20 प्रतिशतसेकम है।” वर्तमान समय मेंअमेरिकानेभारतपर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया ही। जो चीन और ब्राजील के बाद दुनियाभर में सबसे ज्यादा है।