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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (26 नवंबर 2025) को कहा कि वह दक्षिण अफ़्रीका को अगले साल मियामी में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए निमंत्रण नहीं भेजेंगे.
साथ ही उनका कहना है कि इस साल की बैठक में अमेरिकी प्रतिनिधि के साथ हुए व्यवहार के कारण दक्षिण अफ़्रीका को दी जाने वाले ‘सभी भुगतान और सहायता’ बंद कर देंगे.
ट्रंप ने हाल ही में दक्षिण अफ़्रीका में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजा था.
ट्रंप आरोप लगाते हैं कि दक्षिण अफ़्रीका में गोरे नागरिकों के ख़िलाफ़ हिंसक उत्पीड़न हो रहे हैं. हालांकि इस आरोप को दक्षिण अफ़्रीका ने ‘निराधार’ बताया है.
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “जी20 के समापन पर दक्षिण अफ़्रीका ने हमारे दूतावास के वरिष्ठ प्रतिनिधि, जो समापन समारोह में मौजूद थे, को जी20 की अध्यक्षता सौंपने से इनकार कर दिया.”
उन्होंने कहा, “मेरे निर्देश पर, दक्षिण अफ्रीका को 2026 जी20 समिट के लिए निमंत्रण नहीं भेजा जाएगा, जिसका आयोजन अगले वर्ष फ्लोरिडा के शहर मियामी में किया जाएगा.”
जी-20 क्या है?
जी-20, अपने नाम से ही साफ़ है कि यह 20 देशों का एक समूह है. साल 1999 में जब एशिया में आर्थिक संकट आया था, तब तमाम देशों के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों ने मिलकर एक फोरम बनाने की सोची, जहाँ पर ग्लोबल इकनॉमिक और फाइनैंशियल मुद्दों पर चर्चा की जा सके.
जी20 ग्रुप में 19 देश- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किए, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका शामिल हैं.
इसके साथ ही इस ग्रुप में यूरोपियन यूनियन और 2023 से अफ्रीकी संघ शामिल हैं