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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने उनके देश पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए भारी-भरकम टैरिफ़ की आलोचना की है और इसे ‘बेहद बेवकूफ़ी भरा’ काम बताया है.
ट्रूडो ने अपने देश की अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए ‘बिना थके लड़ाई’ जारी रखने की कसम भी खाई है.
ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से अमेरिका आने वाले उत्पादों पर 25% टैरिफ़ लगा दिए हैं.
जवाब में कनाडाई प्रधानमंत्री ने भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ़ लगाए हैं और चेतावनी दी है कि ट्रेड वॉर दोनों देशों के लिए महंगी साबित होगी.
लेकिन ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर इससे भी आगे बढ़ते हुए लिखा, “कृपया कोई कनाडा के गवर्नर ट्रूडो को समझाए कि जब वो अमेरिका पर जवाबी टैरिफ़ लगाते हैं तो उसी समय हम भी उतना ही टैरिफ़ बढ़ा देंगे.”
‘हम अमेरिका का 51वां राज्य नहीं बनेंगे’
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ट्रूडो ने अमेरिकी राष्ट्रपति पर आरोप लगाया है कि “उनकी योजना कनाडा की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त करने की है, ताकि वो आसानी से कनाडा को अमेरिका में मिला सकें.”
जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “ये कभी नहीं होगा. हम कभी भी अमेरिका का 51वां राज्य नहीं बनेंगे. ये समय है पलट कर कड़ा जवाब देने का और ये दिखाने का है कि कनाडा के साथ लड़ाई में कोई विजेता नहीं होगा.”
ट्रूडो ने कहा कि कनाडा का मुख्य लक्ष्य अभी भी टैरिफ़ को हटाना है ताकि वे ज़रूरत से एक पल भी ज़्यादा न रहें.
उधर ट्रंप ने टैरिफ़ लगाने की वजह अमेरिकी नौकरियों और निर्माण क्षेत्र की रक्षा को बताया है.
इसके साथ ही उनकी कोशिश अवैध प्रवास और नशीली दवाओं की तस्करी को रोकने की भी है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनका लक्ष्य ओपिऑइड फ़ेंटानिल पर लगाम लगाना है. उन्होंने इस दवा के अमेरिका में पहुंचने के लिए दूसरे देशों को दोषी ठहराया है.
इन आरोपों पर जवाब देते हुए ट्रूडो ने मंगलवार को कहा कि नए टैरिफ़ का कोई “औचित्य” नहीं है. क्योंकि अमेरिकी सीमा पर जो फेंटानिल पकड़ी गई है उसका एक फ़ीसदी से भी कम हिस्सा कनाडा से आता है.
ट्रूडो के शब्दों को मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने भी दोहराया. उन्होंने कहा कि ट्रंप के इस कदम के पीछे कोई मकसद, कोई कारण या औचित्य नहीं है.
मंगलवार को उन्होंने ये संकल्प किया कि वह अपनी ‘टैरिफ़ और गैर-टैरिफ़ से जुड़े कदम’ उठाएंगी लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि इस पर अधिक जानकारी रविवार को मिलेगी.
ट्रंप के टैरिफ़ से ग्राहकों की जेब पर असर
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अमेरिकन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर जॉन रोजर्स कहते हैं कि ट्रंप के टैरिफ़ से अमेरिका और विदेशों में ग्राहकों के लिए कीमतें बढ़ने की प्रबल संभावना है.
प्रोफ़ेसर रोजर्स का कहना है कि जिन उत्पादों पर सबसे जल्दी असर पड़ेगा उनमें खाद्य- जैसे फल, सब्जियां और अमेरिका में मैक्सिको से आने वाले अन्य उत्पाद शामिल होंगे. इसके बाद कनाडा से बड़ी मात्रा में आयात होने वाला तेल और गैस भी प्रभावित होगा.
प्रोफ़ेसर रोजर्स चेताते हैं, “कीमतें जल्द ही ऊपर जा सकती हैं.” हालांकि, वह ये बताने से बचे कि ऐसा कब तक होगा.
उन्होंने बीबीसी से कहा, “हम एक ऐसे दौर में हैं, जो पहले नहीं देखा.”
उनके लिए सबसे बड़ी चिंता अमेरिका के दीर्घकालिक कारोबारी साझेदारों को होने वाले संभावित नुकसान के लिए थी.
प्रोफ़ेसर रोजर्स कहते हैं, “ये अपने पड़ोसियों को जानबूझकर परेशान करने जैसा है.”
उन्होंने ये भी कहा कि अगर अमेरिका-कनाडा-मेक्सिको के बीच ट्रेड वॉर छिड़ी तो इसमें ‘तीनों की हार’ होगी क्योंकि ये देश अमेरिका के शीर्ष व्यापारिक सहयोगी हैं. ऐसे में जवाबी टैरिफ़ जैसे कदम ने ट्रेड वॉर छिड़ने के डर बढ़ गया है.
प्रोफ़ेसर रोजर्स कहते हैं, “ट्रेड वॉर जीतने का कोई रास्ता नहीं है. हर कोई इससे जूझता है. क्योंकि आखिरकार हर कोई ऊंची कीमतें देता है और गुणवत्ता से भी समझौता करता है.”
कनाडा का जवाब – न्यूयॉर्क को महंगी बिजली, मस्क की कंपनी से टूटेगा क़रार
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दूसरे देशों से आने वाले सामान पर लगने वाले कर को टैरिफ़ कहा जाता है. टैरिफ़ का उद्देश्य घरेलू स्तर पर व्यापार और नौकरियों को बढ़ावा देना होता है.
कनाडा ने जो जवाबी टैरिफ़ लगाने की घोषणा की है, वो 107 अरब अमेरिकी डॉलर के अमेरिकी उत्पादों पर लगाए जाएंगे.
इसमें से 30 अरब कनाडाई डॉलर के उत्पादों पर टैरिफ़ तत्काल रूप से प्रभावी होगा. वहीं बाकी बचे 125 अरब डॉलर के अमेरिकी उत्पादों पर लगा टैरिफ़ 21 दिनों के भीतर लागू हो जाएगा.
कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने चेतावनी दी है कि अगर टैरिफ़ लागू होते हैं तो इससे कनाडा में लाखों नौकरियां खतरे में आ जाएंगी, क्योंकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते घनिष्ठ हैं.
उन्होंने सोमवार को कहा, “हम एक ऐसी अर्थव्यवस्था को रातोंरात नहीं बदल सकते जिससे हमारा 80 फ़ीसदी व्यापार है. इससे नुक़सान होगा.”
‘सबका नुकसान’
समाचार एजेंसी एएफ़पी से बात करते हुए ओंटारियो प्रांत की एक कार बनाने वाली कंपनी के कर्मचारी ने कहा, “लोगों में वाकई नौकरी जाने का डर है. मैंने हाल ही में अपना पहला घर खरीदा है. मुझे शायद कहीं और काम ढूंढना पड़ेगा.”
ये सेक्टर नए टैरिफ़ से सबसे बुरी तरह प्रभावित होने वालों में से एक होगा. कारों के स्पेयर पार्ट बनने के दौरान ये कई बार अमेरिका-कनाडा सीमा से आर-पार जाते हैं.
टैरिफ़ लगने से अब इनपर एक से अधिक बार कर वसूला जाएगा.
कनाडा के ओंटारियो के प्रीमियर डग फ़ोर्ड हैं. ये प्रांत कनाडा की ऑटो मैन्युफ़ैक्चरिंग इंडस्ट्री का गढ़ है. फ़ोर्ड ने मंगलवार को आशंका जताई कि टैरिफ़ के परिणामस्वरूप सीमा के दोनों ओर असेंबलिंग प्लांट बंद हो जाएंगे.
कैनेडियन चैंबर ऑफ़ कॉमर्स ने टैरिफ़ को ‘लापरवाही’ भरा बताया है. चैंबर की अध्यक्ष कैंडेस लेंग ने चेताया है कि ये कदम कनाडा और अमेरिका दोनों को ‘मंदी, छंटनी और आर्थिक त्रासदी की ओर धकेलेगा.’
उन्होंने ये भी चेतावनी दी कि टैरिफ़ से अमेरिकियों के लिए भी महंगाई बढ़ेगी और इससे अमेरिकी कारोबारियों को भी दूसरे सप्लायर ढूंढने पर मजबूर होना पड़ेगा.
कनाडा के प्रांत अपने-अपने तरीके से अमेरिका के टैरिफ़ का जवाब देने की योजना बना रहे हैं.
ओंटारियो के प्रीमियर फ़ोर्ड ने कनाडा की ओर से बिजली आपूर्ति बंद करने और उच्च-गुणवत्ता वाले रासायनिक तत्व निकेल के निर्यात पर रोक लगाने की संभावना के बारे में विचार किया.
साथ ही मिशिगन, न्यूयॉर्क और मिनेसोटा के घरों तक बिजली पहुंचाने पर भी अतिरिक्त 25 फ़ीसदी निर्यात शुल्क लगाने की संभावना जताई.
फ़ोर्ड ने ये भी एलान किया कि एलॉन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक के साथ 68 अरब डॉलर का सौदा भी रद्द किया जाएगा.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित