अमेरिका का अगला राष्ट्रपति चुने जाने से पहले डोनाल्ड ट्रंप की कथित हत्या की साज़िश के मामले में अमेरिकी सरकार ने एक अफ़ग़ान नागरिक पर आरोप तय कर दिए हैं.
अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने शुक्रवार को 51 साल के फ़रहाद शकेरी नाम के एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ अभियोग पत्र जारी किया है. उन पर आरोप तय किया गया है कि उनको “ट्रंप की हत्या के लिए षड्यंत्र रचने” का काम सौंपा गया था.
अमेरिकी सरकार ने बताया है कि अभी तक फ़रहाद शकेरी को गिरफ़्तार नहीं किया जा सका है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि शकेरी फ़िलहाल ईरान में हैं.
ईरान के विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों से इनकार किया है. ईरान ने कहा है कि ये ईरान के विरोधियों की “घृणित साज़िश” है जिसका उद्देश्य “उसके और अमेरिका के बीच रिश्तों को जटिल बनाना है.”
अमेरिका ने क्या कहा?
अमेरिका के मैनहेट्टन कोर्ट में दायर एक शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर (आईआरजीसी) के एक अधिकारी ने सितंबर में शकेरी को डोनाल्ड ट्रंप की निगरानी और उनकी हत्या की योजना तैयार करने का निर्देश दिया था.
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने एक बयान में कहा, “अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने ईरानी शासन से जुड़े एक व्यक्ति पर आरोप तय किए हैं, जिसने इस व्यक्ति को अपराधी नेटवर्क के अपने सहयोगियों को निर्देश देने का काम दिया था ताकि ईरान के टार्गेट्स की हत्या की योजना बनाई जा सके, इसमें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हैं.”
इस मामले में न्याय मंत्रालय ने दो और लोगों पर भी आरोप तय किए हैं, जिन्हें कथित तौर पर ईरान के मुखर आलोचक रहे एक अमेरिकी पत्रकार की हत्या के लिए भर्ती किया गया था.
अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने इन दो लोगों की पहचान भी बताई है- पहले, ब्रूकलिन के 49 साल के चार्लाइल रिवेरा हैं जिन्हें “पॉप” के नाम से जाना जाता है और दूसरे, स्टेटन आईलैंड के 36 साल के जॉनथन लोडहॉल्ट.
अटॉर्नी जनरल ने इन दोनों को “स्थानीय ऑपरेटिव” कहा है.
गुरुवार को उन्हें न्यूयॉर्क की एक अदालत में पेश किया गया. फ़िलहाल दोनों को पुलिस ने अपनी हिरासत में रखा है.
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने कहा है कि इससे पहले भी ईरान पर अमेरिकी राष्ट्रपतियों की हत्या के इस तरह के आरोप लगाए गए हैं, जिन्हें ईरान ने सिरे से खारिज किया है और ये आरोप झूठे साबित हुए हैं.
शनिवार को ईरानी मीडिया में आए बाघेई के एक बयान के अनुसार उन्होंने इसे “एक घृणित साज़िश” बताया और कहा कि ये ईरान के बाहर मौजूद उसके दुश्मनों की साज़िश है.
उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप बार-बार लगाने से “ईरान और अमेरिका के बीच मुद्दों के और जटिल होने का ख़तरा है”.
इस साल कब-कब हुई ट्रंप की हत्या की कोशिश
इस साल कथित तौर पर दो बार डोनाल्ड ट्रंप पर हत्या की कोशिश की गई थी.
पहली घटना जुलाई में हुई जब एक बंदूकधारी ने एक कार्यक्रम के दौरान उन पर गोली चलाई. उस वक्त ट्रंप पेन्सिल्वेनिया में एक रैली को संबोधित कर रहे थे. ये गोली ट्रंप के कान को छू कर निकल गई.
इसके बाद सितंबर के महीने में एक व्यक्ति को ट्रंप पर राइफ़ल तानने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. घटना के वक्त ट्रंप वेस्ट पाम बीच पर गॉल्फ़ खेलने जा रहे थे.
फ़रहाद शकेरी पर क्या हैं आरोप?
अमेरिकी न्याय मंत्रालय के अनुसार शकेरी से कहा गया था कि वो सात दिनों के भीतर ट्रंप की हत्या की योजना बनाएं.
अमेरिका अभियोजकों का कहना है कि शकेरी ने क़ानूनी एजेंसियों को बताया कि सात दिनों के वक्त में ट्रंप को मारने की योजना बनाने का उनका इरादा नहीं था. उन्होंने कहा कि इस कारण आईआरजीसी के अधिकारियों ने इस योजना को रोक दिया था.
शकेरी ने बताया कि ईरानी सरकार ने उनसे कहा था कि चुनाव ख़त्म होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप की हत्या करना आसान होगा क्योंकि उनका मानना था कि वो चुनाव नहीं जीतेंगे.
अभियोजक बताते हैं कि शकेरी असल में अफ़ग़ान नागरिक हैं. वो जब बच्चे थे, उस वक्त अमेरिका आ गए थे. चोरी के आरोप में 14 साल अमेरिका की जेल में बिताने के बाद 2008 में उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया था.
अभियोजकों का कहना है कि 51 साल के शकेरी जेल के भीतर से “अपराधी सहयोगियों का एक गिरोह” चलाया करते थे जिसमें चार्लाइल रिवेरा और जॉनथन लोडहॉल्ट भी शामिल थे. ये दोनों ईरान सरकार के तय किए गए टाग्रेट्स की निगरानी का काम करते थे.
अभियोजकों का आरोप है कि शकेरी ने रिवेरा और लोडहॉल्ट से वादा किया था कि अमेरिका पत्रकार की हत्या के लिए उन्हें एक लाख अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे.
अभियोजकों ने अपने आरोप पत्र में अमेरिकी पत्रकार का नाम नहीं बताया है. हालांकि उन्होंने कहा है कि ये पत्रकार ईरानी सरकार के मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों और भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर रिपोर्ट करते थे और पूर्व में उनके निशाने पर थे.
ब्रूकलिन में रहने वाली पत्रकार मसीह एलिनेजाद ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि संघीय जांच एजेंसी एफ़बीआई ने दो लोगों को उनकी हत्या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि हमलावर कथित तौर पर ब्रूकलिन में उनके घर के सामने आ गए थे.
मसीह एलिनेजाद ने कहा, “मैं अमेरिका आई ताकि मैं अभिव्यक्ति की आज़ादी के हक़ का इस्तेमाल कर सकूं, मैं मरना नहीं चाहती. मैं तानाशाही के ख़िलाफ़ लड़ना चाहती हूं और सुरक्षित रहना मेरा हक़ है.”
अभियोजकों ने अमेरिकी पत्रकार और ट्रंप की हत्या की कोशिश के अलावा अपने आरोप पत्र में ये भी कहा है कि ईरानी सरकार दो यहूदी मूल के अमेरिका व्यापारियों को मारना चाहती थी. ये दो व्यापारी न्यू यॉर्क सिटी में रहते थे और सोशल मीडिया में इसराइल का समर्थन किया करते थे.
शकेरी ने अमेरिकी अभियोजकों को बताया कि उनके ईरानी संपर्क ने उनसे कहा था कि इसराइल पर हमास के हमले के एक साल बाद, यानी अक्तूबर 2024 में को एक बड़े हमले को अंजाम दें. उन्हें श्री लंका में इसराइली पर्यटकों को निशाना बना कर गोलीबारी की बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए कहा गया था.
फरहाद शकेरी, चार्लाइल रिवेरा और जॉनथन लोडहॉल्ट, तीनों पर भाड़े पर हत्या की कोशिश का आरोप लगाया गया है. इसके तहत तीनों को अधिकतम 10 साल की क़ैद की सज़ा सुनाई जा सकती है.
इसके अलावा उन पर मनी लॉन्ड्रिंग की साज़िश करने का भी आरोप लगाया गया है, जिसके लिए उन्हें 20 साल की जेल हो सकती है.