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हमास ने अमेरिका की ओर से पेश किए गए युद्धविराम प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने वादा किया है कि वह 10 ज़िंदा इसराइली बंधकों और 18 बंधकों के शव देने के लिए तैयार है, लेकिन इसके बदले में वह कुछ फ़लस्तीनी कैदियों की रिहाई चाहता है.
साथ ही, हमास ने प्रस्ताव में कुछ बदलावों की मांग भी की है.
हमास ने फिर से अपनी पुरानी मांगें दोहराई हैं. जैसे कि- युद्ध को पूरी तरह ख़त्म करना (स्थायी युद्धविराम), इसराइली सेना की ग़ज़ा से पूरी तरह वापसी और लगातार मानवीय मदद की गारंटी.
लेकिन ये मांगें अमेरिका के मौजूदा प्रस्ताव में शामिल नहीं हैं.
हमास ने न तो अमेरिकी प्रस्ताव को पूरी तरह ठुकराया है और न ही साफ़तौर पर स्वीकार किया है. अमेरिका का कहना है कि इसराइल ने उसके प्रस्ताव को मान लिया है.
हमास ने कहा कि उन्होंने अमेरिका की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया भेज दी है. जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्य पूर्व के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ ने पेश किया था.
विटकॉफ़ ने एक बयान में कहा, “मुझे अमेरिका के प्रस्ताव पर हमास की प्रतिक्रिया मिली है. यह पूरी तरह अस्वीकार्य है और शांति प्रक्रिया को पीछे ले जाती है. हमास को हमारे प्रस्ताव को बातचीत की आधारशिला के रूप में स्वीकार करना चाहिए, ताकि हम अगले हफ़्ते से वार्ता शुरू कर सकें. यही एकमात्र तरीक़ा है जिससे हम 60 दिनों के युद्धविराम को जल्द ही लागू कर सकते हैं.”
वहीं इसराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यालय ने अमेरिकी प्रस्ताव पर एक बयान जारी किया है.
जारी बयान में कहा गया है, “जहां इसराइल ने हमारे बंधकों की रिहाई के लिए विटकॉफ़ के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, वहीं हमास अब भी अपनी ज़िद पर अड़ा हुआ है.”
हमास को अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने एक आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है.
फिर भी हमास साफ़ कह रहा है कि जब तक ग़ज़ा में स्थायी युद्धविराम और इसराइली सेना की पूरी वापसी नहीं होती, वह पीछे नहीं हटेगा.