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तेलंगाना में दो महिला पत्रकारों की गिरफ़्तारी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.
हैदराबाद पुलिस का कहना है कि दोनों को उस वीडियो को शेयर करने के लिए गिरफ़्तार किया गया है, जो उनके यूट्यूब चैनल पर प्रसारित हुआ था.
इसमें एक शख़्स को मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ कथित तौर पर अपमानजनक भाषा में बात करते हुए दिखाया गया है. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर भी डाला गया था. दोनों पत्रकारों पर ट्रोलिंग का भी आरोप है.
विपक्षी पार्टी भारत राष्ट्र समिति ने इस गिरफ़्तारी का विरोध किया है, वहीं सत्ताधारी पार्टी पत्रकारों की गिरफ़्तारी को सही ठहरा रही है.
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वीडियो में क्या है
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कई मीडिया संस्थानों में काम करने चुकी पी. रेवती हैदराबाद में रहती हैं. फिलहाल वो पल्स न्यूज़ नाम से एक यूट्यूब चलाती हैं. इसी चैनल के लिए बंदी संध्या उर्फ तन्वी यादव रिपोर्टर के तौर पर काम करती हैं.
इस यूट्यूब चैनल पर डाले गए एक वीडियो में खुद को किसान बताते हुए एक शख़्स मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के ख़िलाफ़ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहा है.
10 मार्च को ये वीडियो पल्स न्यूज़ के यूट्यूब पर शेयर किया गया था. इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (निप्पू कोडी के हैंडल से) से भी शेयर किया गया.
तन्वी यादव ने बाद में इसे इंस्टाग्राम अकाउंट से भी शेयर किया. बीबीसी ने इस वीडियो का एक्सेस हासिल किया है.
वीडियो देखने से ऐसा लगा रहा है कि तन्वी यादव एक शख़्स का इंटरव्यू ले रही हैं. ये शख़्स मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के ख़िलाफ़ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता दिख रहा है.
वीडियो में ये शख़्स मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है, जिन्हें यहां लिखा नहीं जा सकता. ये शख़्स वीडियो में कहता दिख रहा है कि अगर मुख्यमंत्री पुलिस सुरक्षा में न रहते को वो उन्हें मार डालता.
हालांकि वीडियो में तन्वी यादव को ये कहते भी सुना जा सकता है कि मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ ऐसी भाषा में बात न करें.
कांग्रेस ने दर्ज कराई शिकायत
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तेलंगाना कांग्रेस के सोशल मीडिया विंग के सचिव वीएस वम्सी किरण ने इन दोनों पत्रकारों के ख़िलाफ़ 10 मार्च को हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस में अपमानजनक वीडियो पोस्ट करने और ट्रोलिंग की शिकायत दर्ज कराई है.
शिकायत में लिखा गया है कि पल्स न्यूज़ ने एक शख़्स को मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के ख़िलाफ़ अभद्र भाषा इस्तेमाल करने के लिए बढ़ावा दिया.
साइबर क्राइम पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की है जिसमें रेवती को आरोपी नंबर एक, संध्या को आरोपी नंबर दो और निप्पू कोडी के एक्स अकाउंट को आरोपी नंबर तीन बनाया गया है
साइबर क्राइम पुलिस ने कहा है कि उसने पल्स न्यूज़ यू ट्यूब चैनल के दफ़्तर की तलाशी ली है और वहां से लैपटॉप, हार्ड डिस्क, लोगो माइक, सीपीयू और राउटर बरामद किया है.
पुलिस का कहना कंटेंट पोस्टिंग को कोऑर्डिनेट किया जा सकता है. अगर कोई व्यक्ति कैमरा पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है तो मीडिया हाउस वीडियो को प्रसारित करने पहले उसे एडिट कर देते हैं.
लेकिन पल्स न्यूज़ ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले शख़्स के वीडियो को सीधे प्रसारित कर दिया. इस मामले में उसने कोई सावधानी नहीं बरती.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर (साइबर क्राइम, हैदराबाद ) पी. विश्व प्रसाद ने कहा, ”वीडियो में दिख रहे शख़्स को मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ गलत शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए उकसाया गया.”
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बाद में पुलिस जांच में ये बात भी सामने आई कि इस तरह के और वीडियो पल्स न्यूज़ के ट्यूब चैनल और निप्पू कोडी नाम के एक्स हैंडल पर अपलोड किए गए हैं.
जब बीबीसी ने इन अकाउंट्स की पड़ताल की तो कई और ऐसे वीडियो मिले जिनमें लोग अभद्र भाषा में सरकार की कड़ी आलोचना करते दिख रहे हैं.
इसी तरह, ऐसे भी वीडियो मिले जो भारत राष्ट्र समिति और इनके नेताओं का समर्थन करते दिख रहे हैं. कई ऐसे भी वीडियो हैं जिनमें कांग्रेस और उनके नेताओं की आलोचना की गई है.
‘माना तेलंगाना’ के संपादक देवलुपल्ली अमर ने कहा कि पत्रकारिता के नाम पर किसी व्यक्ति के ख़िलाफ़ अपमानित करने वाली भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते और न ही किसी को धमकी दे सकते हैं.
इस मुद्दे पर उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा, ” पत्रकारिता का काम लोगों को सूचना देना है. पत्रकारिता करते हुए लोगों को ये सोचना होगा कि क्या इस तरह के वीडियो यूट्यूब पर पोस्ट किए जा सकते हैं.”
उन्होंने कहा, ”ये लाइव स्ट्रीमिंग नहीं थी. ऐसे वीडियो पोस्ट करने से पहले एडिट करने का विकल्प होता है. इस तरह की भाषा में वीडियो बनाकर आप इस बात की शिकायत कैसे कर सकते हैं कि आपके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया जा रहा है.”
अमर ने कहा मुख्यमंत्री को मौत की धमकी भी दी गई थी. इस तरह की धमकियां गलत हैं और इस तरह के वीडियो पोस्ट करना भी गलत है.
क्या वीडियो की रिकार्डिंग बीआरएस के पार्टी दफ़्तर में हुई थी
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वीडियो की शूटिंग के लोकेशन को लेकर भी विवाद है. पुलिस का दावा है कि जिस वीडियो में रेवंत रेड्डी के ख़िलाफ़ अभद्र भाषा का इस्तेमाल हो रहा है उसे फरवरी में फिल्माया गया था.
पी विश्व प्रसाद ने कहा, ”10 मार्च को सभी सोशल मीडिया चैनलों पर इसे प्रसारित करने के पीछे साजिश थी.”
उन्होंने कहा था, ”हमारी जांच में पता चला एक राजनीतिक पार्टी के साथ मिलकर ये साजिश की गई. अभियुक्त ने मुख्यमंत्री को गाली देने के लिए उस शख़्स को पैसे दिए. पैसे देने के बाद अभद्र भाषा में उस व्यक्ति का वीडियो रिकार्ड किया गया.”
पुलिस दावा कर रही है पल्स न्यूज़ के इस वीडियो को भारत राष्ट्र समिति के दफ़्तर में फिल्माया गया था.
विश्व प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ”हमें लगता है कि वीडियो बीआरएस दफ़्तर में फिल्माया गया है.”
बीबीसी इस वीडियो के लोकेशन की स्वतंत्र तौर पर पुष्टि नहीं कर पाया है.
‘सरकार आवाज़ दबाना चाहती है’
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रेवती को 12 मार्च को गिरफ़्तार किया गया. इसके बाद उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि सरकार मीडिया पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने लिखा कि पुलिस उनके घर सुबह साढ़े चार से पांच बजे के बीच पहुंची और उन्हें गिरफ़्तार कर लिया.
उन्होंने लिखा, ”एक बुजुर्ग व्यक्ति पल्स न्यूज़ से बात करते हुए अपना धैर्य खो बैठे. इसके लिए तेलंगाना कांग्रेस पुलिस से एफ़आईआर दर्ज कराने में लगी है.”
इसके जवाब विश्व प्रसाद ने लिखा, ”अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब ये नहीं कि किसी के बारे में ऐसी अभद्र भाषा में बात की जाए. किसी को भी सीमा लांघने की इजाज़त नहीं दी जा सकती.”
हालांकि देवलुपल्ली अमर ने कहा है कि पत्रकारों को जिस तरह से गिरफ़्तार किया गया वो आपत्तिजनक है.
उन्होंने कहा, ” महिला पत्रकारों को जिस तरह तड़के गिरफ़्तार किया वो सही नहीं है.”
पुलिस ने बताया कि रेवती के ख़िलाफ़ दो मामले पहले से दर्ज हैं. उन पर पिछली सरकार के ख़िलाफ़ भी लिखने के आरोप हैं.
विश्व प्रसाद ने कहा कि एक लाइव शो में अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में वो 2019 में जेल जा चुकी हैं.
तेलंगाना स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन के ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगाने के आरोप में भी उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया जा चुका है.
बीआरएस और कांग्रेस ने क्या कहा
वहीं एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकारों को गिरफ़्तार करने के तरीके का विरोध किया है.
गिल्ड ने कहा है कि महिला पत्रकारों को तड़के उनके घर से गिरफ़्तार करना सही नहीं है.
गिल्ड ने कहा, ”ये घटना पत्रकारों को निष्पक्षता और रिपोर्टिंग के दौरान उनकी जिम्मेदारियों के बारे में बताती हैं. वो ये सुनिश्चित करें कि ख़बरें सटीक तौर पर और बगैर किसी दुर्भावना के पेश की जाएं.”
दूसरी ओर बीआरएस ने महिला पत्रकारों की गिरफ़्तारी की निंदा की है.
भारत राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष तारक रामा राव ने एक्स पर लिखा, ”रेवंत रेड्डी सरकार को मीडिया और सोशल मीडिया हैंडल्स के खिलाफ़ हमले और झूठे मामले तुरंत बंद करने चाहिए. ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि ये इस सरकार की नाकामियों को सामने ला रहे हैं.”
वहीं तेलंगाना सरकार के मीडिया सलाहकार श्रीराम कारी ने लिखा कि बीआरएस जिस अपमानजनक भाषा में सरकार की आलोचना कर रही है, उसे कोई भी राजनीतिक आलोचना नहीं मानेगा.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.