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तेलंगाना में मिला GBS का पहला मामला, 25 साल की महिला की हालत नाजुक; वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया

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Jan 31, 2025


महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्य तेलंगाना में गुलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से एक 25 वर्षीय महिला संक्रमित मिली है। अभी तक यह तेलंगाना का पहला मामला है। जबकि महाराष्ट्र में कुल 127 मामले सामने आ चुके हैं। तेलंगाना में संक्रमित मिली महिला सिद्दीपेट की रहने वाली है। हालत गंभीर होने पर उसे किम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वेंटिलेटर सपोर्ट पर उसका इलाज चल रहा है।

पीटीआई, हैदराबाद/मुंबई। तेलंगाना में गुलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) का पहला मामला सामने आया है। पीड़ित 25 वर्षीय महिला सिद्दीपेट की रहने वाली है। उसे किम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल ने अपने बयान में कहा कि महिला को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। जीबीएस अभी महाराष्ट्र के पुणे और आसपास में फैला है। मगर महिला का पुणे से जुड़ा हाल ही कोई इतिहास नहीं मिला है।

कैसे होता है जीबीएस

कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ, प्रवीण कुमार यादा के अनुसार महिला और उसके परिवार के किसी भी सदस्य ने पुणे की यात्रा नहीं की है। जीबीएस तब होता है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बुखार या दस्त के बाद गलती से अपने तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है। महिला को शुरू में एक सप्ताह दूसरे अस्पताल में रखा गया। हालात बिगड़ने पर उसे किम्स (KIMS) अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल वेंटिलेटर सपोर्ट पर इलाज किया जा रहा है।

महाराष्ट्र में जीबीएस के 16 नए मामले

महाराष्ट्र में गुलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से एक महिला की मौत का संदिग्ध मामला सामने आया है। वहीं राज्य में बीमारी के 16 नए मामले मिले हैं। रविवार को भी सोलापुर के एक 40 वर्षीय व्यक्ति की जीबीएस से मौत हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पुणे की एक 56 वर्षीय महिला की सरकारी ससून जनरल अस्पताल में जीबीएस से मौत हो गई है, उसे अन्य बीमारियां भी थीं।

प्रदेश में कुल 127 संदिग्ध केस

स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में बताया कि अभी तक जीबीएस के 127 संदिग्ध मरीज मिले हैं और इनमें से नौ पुणे जिले से बाहर के हैं। 72 मरीजों में जीबीएस की पुष्टि हो चुकी है और 20 मरीज फिलहाल वेंटिलेटर पर हैं। बयान के अनुसार, अभी तक मल के 121 नमूने शहर में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) भेजे गए हैं और सभी का परीक्षण किया गया है।

21 में नोरो वायरस मिला

21 नमूनों में नोरो वायरस और पांच नमूनों में कैंपिलोबैक्टर की पुष्टि हुई है। रक्त के 200 नमूने भी एनआईवी भेजे गए हैं और सभी नमूनों में जीका, डेंगू व चिकनगुनिया की पुष्टि नहीं हुई है।

क्या है गुलियन बैरे सिंड्रोम?

गुलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) न्यूरोलॉजिकल आटोइम्यून बीमारी है। जीबीएस मरीजों में प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ नसों पर हमला करती है, जिससे नसें कमजोरी हो जाती हैं। इससे अचानक सुन्नता और मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है। इसके लक्षणों में अंगों में गंभीर कमजोरी, दस्त आदि शामिल हैं। यह बीमारी आम तौर पर बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण के कारण होती है।
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