वर्षा भूस्खलन और बाढ़ के कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक बड़ा नुकसान हुआ है। हजारों लोग बेघर हुए हैं रोजगार घंचे बंद हैं तो फसलों को भारी क्षति पहुंचने से किसानों की कमर टूट गई है। हालात ऐसे हैं प्रशासन अभी नुकसान का सही आकलन करने की स्थिति में नहीं है। प्रारंभिक तौर पर सिर्फ जम्मू-कश्मीर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 27190 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है।
जेएनएन, नई दिल्ली। वर्षा, भूस्खलन और बाढ़ के कारण पहाड़ से लेकर मैदान तक बड़ा नुकसान हुआ है। हजारों लोग बेघर हुए हैं, रोजगार घंचे बंद हैं तो फसलों को भारी क्षति पहुंचने से किसानों की कमर टूट गई है। हालात ऐसे हैं कि प्रशासन अभी नुकसान का सही आकलन करने की स्थिति में नहीं है। प्रारंभिक तौर पर सिर्फ जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 27,190 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है।
जम्मू-कश्मीर
बादल फटने और बाढ़ से हुई भारी तबाही अब तक बीस हजार करोड़ की हो चुकी क्षति
जम्मू-कश्मीर में हालिया बाढ़ ने आधारभूत ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग एक सप्ताह से बंद है, जबकि 800 से अधिक सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी है। खेतों में पानी भरने से सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है और धान की फसल भी प्रभावित हुई है।
प्रारंभिक आकलन के अनुसार, नुकसान बीस हजार करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है, लेकिन अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है। इस आपदा में 142 लोगों की जान गई है और 25 हजार से अधिक लोगो को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
14 पुल बाद और भूस्खलन में क्षतिग्रस्त हुए है, जबकि 1600 गांव प्रभावित है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा चौकियों और निगरानी उपकरणों को भी नुकसान पहुंचा है। श्री माता वैष्णो देवी यात्रा नौ दिन से स्थगित है और स्कूल-कालेज भी बंद है।
उत्तराखंड
आपदा से 3500 करोड़ की आर्थिक चोट
उत्तराखंड के आठ जिलों में पिछले एक महीने से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। 79 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 114 से अधिक घायल हुए हैं। भूस्खलन की चपेट में आने के बाद से 95 लोग लापता हैं। 1200 से अधिक लोगों को घर छोड़कर अन्यत्र शरण लेनी पड़ी।
अब भी 600 से अधिक लोग गाव छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। परिसंपत्तियों को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है। कहीं नदियों पर बने तटबंध, सुरक्षा दीवार बह गए हैं, तो कहीं सड़कें और पुल आपदा की भेंट बढ़ गए हैं। राज्य में परिसंपत्तियों को 3500 करोड़ से अधिक की क्षति का अनुमान है, जो आगे बढ़ सकता है।
पंजाब
सभी जिले बाढवास्त, 37 लोगों की हो चुकी मौत
बाढ़ प्रभावित राज्य घोषित हो चुके पंजाब के सभी 23 जिले बाद से जूझ रहे है। बुधवार तक 37 लोगों की बाढ़ के कारण मौत हो चुकी है, जबकि गुरदासपुर जिले के तीन लोग अभी लापता है। राज्य के सभी तीनों बाथों का जलस्तर खतरे के निशान के पास या उससे ऊपर चला गया है।
राज्य के 1,655 गांव बाढ़ की चपेट में आए है। राज्य के 3.55 लाख से अधिक लोग बाद से प्रभावित है। 19,597 बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। राज्य भर में 174 राहत शिविर स्थापित किए गए है, जिनमें 5,167 लोग रह रहे है। राज्य में 1,48,590 हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है।
हिमाचल
343 लोगों की गई जान, 3690 करोड़ का नुकसान
हिमाचल में 20 जून से अब तक 3690.42 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस दौरान 343 लोगों की मौत और 398 लोग घायल हुए हैं। 160 लोगों की मौत सिर्फ सड़क हादसों के कारण हुई है।
43 लोग अभी लापता है। 1372 मवेशियों की मौत हुई है। 409 पक्के और 566 कच्चे घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए है। 3853 घरों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। 491 दुकानो और 4244 गोशालाओं को नुकसान हुआ है।
अभी तक के आकलन में लोक निर्माण विभाग को सड़को, पुलों आदि के कारण 2252.94 करोड़, जल शक्ति विभाग को 1147.43 करोड़, कृषि क्षेत्र को 11.45 करोड़ का नुकसान आंका गया है।
राजस्थान
काल बनी वर्षा, अब तक 193 लोगों की हो चुकी मौत
राजस्थान के आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने विधानसभा में स्वीकार किया कि वर्षा जनित हादसों में 193 लोगों की मौत हुई है। 36 घायल हुए हैं। 347 छोटे पशु और 279 बड़े पशु मारे गए है। मीणा ने विधानसभा में बताया कि 1974 पक्के और 752 कच्चे मकान गिरे है। 130 झोपड़ियां भी गिरी है। 3,522 परिवारों के बर्तन सहित अन्य सामान पानी के बहाव में बह गया।
(इनपुट – जागरण टीम)