इमेज कैप्शन, घरेलू मैदान पर दक्षिण अफ़्रीका के साथ खेली गई टेस्ट सिरीज़ में भारतीय टेस्ट टीम के बुरी तरह हारने के बाद कोच गौतम गंभीर की आलोचना तेज़ हो गई है
दक्षिण अफ़्रीका के साथ दो टेस्ट मैचों की सिरीज़ में भारतीय टीम के बुरी तरह हारने के बाद पूर्व क्रिकेटरों ने टीम के प्रदर्शन को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
पूर्व क्रिकेटर दिनेश कार्तिक और इरफ़ान पठान ने इस हार को ‘निराशाजनक’ बताया हालांकि सुनील गवास्कर और आर अश्विन ने गौतम गंभीर का बचाव किया है.
पूर्व तेज़ गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने टेस्ट टीम में ऑलराउंडरों को अधिक प्राथमिकता देने और चयन को लेकर सवाल खड़े किए हैं.
गुवाहाटी में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाज़ी क्रम महज 140 रनों में ढह गया. इसके साथ ही दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 408 रन से हरा दिया और सिरीज़ पर 2-0 से कब्ज़ा कर लिया.
दक्षिण अफ्रीका ने 25 साल बाद भारत को उसी की ज़मीन पर टेस्ट सिरीज़ में हराया.
बीते एक साल में टेस्ट सिरीज़ के दौरान भारतीय टीम का यह दूसरा बड़ा व्हाइटवॉश है. इससे पहले पिछले अक्तूबर में वो अपने घरेलू मैदान पर न्यूज़ीलैंड से 0-3 से हारी थी.
टीम इंडिया को उस कीवी टीम ने घर पर आकर हराया, जिसने पिछले 36 साल में भारत में कोई टेस्ट नहीं जीता था. इसी कीवी टीम को पिछले महीने श्रीलंका ने अपने घर में 2-0 से हराया था.
लेकिन दक्षिण अफ़्रीकी टीम से मिली हार से गौतम गंभीर आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं.
गुवाहाटी टेस्ट में जब खेल ख़त्म हुआ तो दर्शक दीर्घा से दर्शकों ने गौतम गंभीर के ख़िलाफ़ नारे लगाने शुरू कर दिए.
मैच के बाद जब वो प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए तो उन्होंने साफ़ कहा कि “अगर बीसीसीआई को ऐसा लगता है कि मैं ठीक पसंद नहीं हूं तो वह फ़ैसला कर सकते हैं. भारतीय क्रिकेट महत्वपूर्ण है, मैं नहीं.”
लेकिन साथ ही कोच यह भी याद दिलाना नहीं भूले कि इंग्लैंड सिरीज़ में 2-2 की बराबरी, चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप की ख़िताबी जीतें भी उनकी कोचशिप में ही आयी हैं.
हालांकि, आलोचकों का कहना है कि टेस्ट टीम से रोहित शर्मा, विराट कोहली, अश्विन जैसे पुराने खिलाड़ियों को बाहर करने, टीम में पूरी तरह बदलाव करने और इसे ऑलराउंडर से भरने, बैटिंग ऑर्डर में फेरबदल करने से टीम की स्थिरता प्रभावित हुई है. और इसके लिए गौतम गंभीर को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
गावस्कर ने क्या कहा
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इमेज कैप्शन, पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने गौतम गंभीर का बचाव किया है
इंडिया टुडे से बात करते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने गौतम गंभीर का बचाव किया.
उनका कहना था कि आलोचक उस समय चुप थे जब भारत ने उनके कार्यकाल में बड़ी प्रतियोगिताएं जीती थीं.
गौतम गंभीर पर उठते सवालों को लेकर गावस्कर ने उनका बचाव करते हुए कहा, “कोच एक टीम को तैयार कर सकता है, बता सकता है, गाइड कर सकता है और अपने अनुभवों को साझा कर सकता है लेकिन मैदान पर प्रदर्शन खिलाड़ियों को करना होता है.”
उन्होंने कहा, “जो गौतम गंभीर को ज़िम्मेदार ठहराना चाहते हैं उनसे मेरा सवाल है कि जब भारत ने चैंपियंस ट्रॉफ़ी और एशिया कप जीता तो आपने क्या किया था, क्या तब आपने कहा था कि उन्हें एक लंबा कॉन्ट्रैक्ट दिया जाना चाहिए, वनडे क्रिकेट और टी20 क्रिकेट के लिए आजीवन कॉन्ट्रैक्ट? आपने ऐसा नहीं कहा था. जब कोई टीम अच्छा नहीं करती है, तभी आप कोच को देखते हैं, आप उसपर हार का ठीकरा फोड़ते हैं.”
उन्होंने कहा कि टेस्ट के किन-किन क्षेत्रों में क्या ज़रूरत है, उसकी तह तक जाना चाहिए. उन्होंने सलाह दी कि रवि शास्त्री, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, अनिल कुंबले, सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ियों को जोड़ने की ज़रूरत है
इमेज कैप्शन, गुवाहाटी टेस्ट में भारतीय बल्लेबाज़ चल नहीं पाए, पहली पारी में 201 रन और दूसरी पारी में 260 रन ही बन सके
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर दिनेश कार्तिक ने भारत की हार को लेकर इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर अपनी हताशा व्यक्त की.
उन्होंने कहा, “टेस्ट क्रिकेट में भारत का ऑरा फीका पड़ गया है. जो टीमें टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए भारत आने से डरती थीं, अब आने के लिए बेताब हो रही हैं.”
उन्होंने कहा, “पिछले 12 महीनों में भारत में तीन टेस्ट सिरीज़ खेली गईं और दो में भारत का सूपड़ा साफ़ हो गया. भारतीय टेस्ट क्रिकेट के लिए मुश्किल समय है और मुश्किल फ़ैसले लेने होंगे. इस टेस्ट सिरीज़ में भारत के दो क्रिकेटर ही शतक जड़ सके जबकि दक्षिण अफ़्रीका के सात खिलाड़ियों ने शतक जड़ा.”
भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर इरफ़ान पठान ने भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहद निराशजनक बताया है.
उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “भारतीय बल्लेबाज़ों ने धैर्य और टेक्नीक का बेहद निराशाजनक प्रदर्शन किया. टेस्ट टीम में ऐसे खिलाड़ियों को लाने की ज़रूरत है जो स्पिन को बेहतर तरीक़े से खेल सकें.”
वेंकटेश प्रसाद के सवाल
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पूर्व तेज़ गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने टेस्ट टीम में ऑलराउंडरों को अधिक प्राथमिकता देने पर सवाल खड़े किए हैं.
उन्होंने एक्स पर लिखा, “जहां हम व्हाइट-बॉल क्रिकेट में बेहतरीन रहे हैं, वहीं ऐसी योजनाओं के साथ हम खुद को शीर्ष टेस्ट टीम नहीं कह सकते. बिना स्पष्टता के चयन और ज़रूरत से ज़्यादा टैक्टिकल सोच उलटा असर कर रही है. इंग्लैंड में ड्रॉ हुई सिरीज़ को छोड़ दें तो पिछले एक साल में टेस्ट में नतीजे बहुत कमज़ोर रहे हैं.”
एक के बाद एक सिलसिलेवार पोस्ट में उन्होंने लिखा, “हम बदलाव के बहाने के पीछे नहीं छिप सकते. सुदर्शन, जुरेल और रेड्डी को छोड़कर, ज़्यादातर खिलाड़ी 7-8 साल से टीम में हैं. कुछ बहुत अनुभवी खिलाड़ी भी हैं. यह लगातार टैक्टिकल ग़लतियों, ऑलराउंडरों को खिलाने की ज़िद और ग़लतियों से सीखने की अनिच्छा की सिरीज़ है. यह शर्मनाक है.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.