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पहले चक्रवाती तूफ़ान ‘सेन्यार’ और अब चक्रवाती तूफ़ान ‘दित्वाह’ की वजह से दक्षिणपूर्वी एशिया के कई मुल्क हाल के सालों में आई सबसे भयावह बाढ़ का सामना कर रहे हैं.
तूफ़ान के कारण श्रीलंका, इंडोनेशिया, वियतनाम, थाईलैंड और मलेशिया में लाखों लोग प्रभावित हैं.
भारत के पड़ोसी श्रीलंका में इस कारण हो रही भारी बारिश और भूस्खलन से अब तक 90 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 100 लोग अब तक लापता हैं. श्रीलंका में इसे हाल के सालों में आई अब तक की सबसे भीषण तबाही कहा जा रहा है.
वहीं, इंडोनेशिया के सुमात्रा में तूफ़ान के कारण भीषण बाढ़ आ गई है और कम से कम 90 लोगों की मौत हो गई है. 10 से अधिक लोग अब भी लापता हैं.
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थाईलैंड के दक्षिणी हिस्से पर भी तूफ़ान का बड़ा असर देखा जा रहा है. सरकारी प्रवक्ता के अनुसार यहां अब तक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 145 हो गई है.
देश अगले महीने होने वाले साउथ ईस्ट एशियन गेम्स की तैयारी कर रहा था, लेकिन अब दक्षिण की तरफ़ भयावह बाढ़ के कारण 11 स्पोर्ट इवेन्ट्स का आयोजन राजधानी बैंकॉक में शिफ्ट कर दिया गया है.
वियतनाम में बाढ़ के कारण अब तक 98 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और मलेशिया में 19,000 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है.

पीएम मोदी ने श्रीलंका में बाढ़ के कारण हुई मौतों पर दुख जताया है और स्थिति से निपटने के लिए राहत सामग्री भेजी है.
पीएम ने एक्स पर पोस्ट किया, “मैं सभी प्रभावित परिवारों की सुरक्षा, उनके प्रति सांत्वना और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.”
उन्होंने लिखा है, “अपने पड़ोसी देश के साथ एकजुटता का भाव रखते हुए, भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु के तहत तत्काल राहत सामग्री और ज़रूरी मानवीय सहायता भेजी है. हम स्थिति के अनुसार और अधिक सहायता भेजने के लिए तैयार हैं.”
मोदी ने लिखा कि “भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति और विज़न ‘महासागर’ के तहत, भारत संकट की इस घड़ी में श्रीलंका के साथ मज़बूती से खड़ा है.”
श्रीलंका की मदद के लिए भारत के ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया है. इसकी जानकारी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी है.
उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, “ऑपरेशन सागर बंधु शुरू हो गया है. आईएनएस विक्रांत और आईएनएस उदयगिरी ने कोलंबो में राहत सामग्री सौंपी. आगे की कार्रवाई चल रही है”

पहले सेन्यार फिर दित्वाह
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भारतीय मौसम विभाग के अनुसार मलक्का की खाड़ी और उससे सटे उत्तर पूर्वी इंडोनेशिया के ऊपर बना चक्रवाती तूफ़ान सेन्यार अब कमज़ोर हो रहा है और डीप डिप्रेशन में बदल गया है.
इससे पहले मौसम विभाग ने सेन्यार के कारण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक-दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी थी.
मौसम विभाग का कहना है कि एक तरफ़ जब सेन्यार कमज़ोर हो रहा था, दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका के तट पर एक लो प्रेशर बेल्ट बन रहा था. ये डीप डिप्रेशन कुछ वक्त में ताकतवर होकर चक्रवाती तूफ़ान दित्वाह में बदल गया जिस कारण कई मुल्कों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति बन गई है.
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मौसम विभाग के अनुसार भारत के कई हिस्सों में भी दित्वाह के कारण भारी बारिश हो सकती है.
विभाग ने अपने बयान में कहा है कि दित्वाह के तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के क़रीब आने की उम्मीद है और इस कारण 29, 30 नवंबर और एक दिसंबर को रायलसीमा और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में बहुत भारी से लेकर अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है.
श्रीलंका में कैसे हैं हालात

शुक्रवार को चक्रवाती तूफ़ान ‘दित्वाह’ श्रीलंका के पूर्वी तट से टकराया था, जिस कारण वहां भारी बारिश हुई. यहां अब तक 90 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लापता हैं.
आपदा प्रबंधन केंद्र के मुताबिक़ यहां के सेंट्रल बादुल्ला ज़िले में (जहां चाय के बाग़ान हैं) भूस्खलन हुआ जिस कारण 21 लोगों की मौत हो गई.
ज़िला अधिकारियों ने बताया है कि इस भीषण आपदा के कारण सिर्फ कैंडी, बदुल्ला और अम्पारा ज़िलों में ही 90 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है.
कैंडी ज़िला सेक्रेटरी इंदिका उदावत्ते ने बीबीसी सिंहला को बताया कि अकेले कैंडी ज़िले में 50 मौतें दर्ज की गई हैं और 67 लोग लापता हैं.
बदुल्ला ज़िला सेक्रेटरी के अनुसार ज़िले में 35 लोगों की मौत हुई है और 28 लोग अभी भी लापता हैं.
उनका कहना है कि कई इलाकों में संपर्क कट जाने से जानकारी जुटाना बहुत मुश्किल हो रहा है.
अम्पारा ज़िले में भी पांच मौतों की पुष्टि हुई है.
सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों में देखा गया कि भूस्खलन के कारण बाढ़ के पानी में कई घर बह गए.
भारी बारिश के चलते प्रांतों को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों को बंद कर दिया गया है और रेलवे ने शुक्रवार सुबह छह बजे से कुछ आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी ट्रेनें रद्द कर दी हैं.
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यहां नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और आपदा प्रबंधन केंद्र ने निचले इलाक़े में रहने वालों को चेतावनी दी है कि वो ऊंची जगहों पर चले जाएं.
श्रीलंका सिंचाई विभाग का कहना है कि केलानी नदी के आसपास के निचले इलाक़ों के लिए अगले 48 घंटों के लिए बाढ़ की रेड लेवल वॉर्निंग भी जारी की गई है.
जो इलाक़े ख़तरे में हैं उनमें राजधानी कोलंबो भी है.

शुक्रवार को संसद के एक सत्र में श्रीलंका के सांसद अजीत परेरा ने एक बस के फंसने की आपातकालीन स्थिति के बारे में जानकारी दी थी.
उन्होंने कहा था, “मुझे काला वेवा (नदी बांध का इलाक़े) के पास डेढ़ घंटे से एक बस के फंसे होने की कई ख़बरें मिली हैं.”
उन्होंने सरकार से गुज़ारिश की कि फंसे लोगों को बचाने के लिए हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल की इजाज़त दी जाए.
इसके जवाब में न्याय मंत्री हर्षणा नानयाक्करा ने बस फंसे होने की पुष्टि की. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि पुलिस ने आगे रास्ते में जोखिम देखते हुए बस को अपनी यात्रा बीच में ही रोकने को कहा था.
श्रीलंका सरकार ने बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना को तैनात किया है, साथ ही बचाव कार्य में हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल को भी मंज़ूरी दे दी है.
वहीं स्थिति को देखते हुए एडवांस्ड लेवल एग्ज़ाम (जिसे ए लेवल कहा जाता है) भी टाल दिया गया है.
श्रीलंका में फिलहाल मॉनसून का वक्त है. लेकिन ऐसा न के बराबर ही देखा गया है कि इस मौसम में यहां कोई तूफ़ान इतनी तबाही का कारण बने.
इससे पहले श्रीलंका में सबसे भयंकर बाढ़ जून 2003 में आई थी. इस बाढ़ से 254 लोगों की जान गई थी जबकि हज़ारों के घर तबाह हो गए थे.
इंडोनेशिया में कम से कम 90 लोगों की मौत
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मौजूदा वक्त में इंडोनेशिया बीते कई सालों में आई सबसे भयंकर बाढ़ से जूझ रहा है.
यहां भीषण बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम 90 लोगों की मौत हो गई. यहां के सुमात्रा द्वीप पर असामान्य रूप से मॉनसून की भारी बारिश हुई है.
यहां से मिल रही तस्वीरों में नदी के तटबंधों का टूटना, सीने तक गहरे पानी से लोगों का गुज़रना और बाढ़ के पानी में डूबे घर देखे गए हैं, जिनकी छतों के कुछ हिस्से ही दिखाई दे रहे हैं.
राहत और बचावकर्मी अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं लेकिन बिजली कटने और भूस्खलन के कारण उनकी कोशिशों में अड़चनें आ रही है.
यहां बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित प्रांतों में से एक उत्तरी सुमात्रा है, जहां कम से कम 12 शहर और जिले बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हैं.
यहां की प्रांतीय पुलिस के वरिष्ठ आयुक्त फेरी वालिंतुकन ने कहा, “हमारी टीमें दिन-रात काम कर रही हैं, लेकिन कई जगहों पर सड़क मार्ग कट गया है. इससे कुछ जगहों तक पहुंच पाना काफी कठिन है.”
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने देश के तीन प्रभावित प्रांतों आचे, उत्तरी सुमात्रा और पश्चिमी सुमात्रा में अधिक राहत सामग्री बांटने का आदेश दिया है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.