देश की राजधानी दिल्ली में स्थित चिड़ियाघर में 29 वर्षीय हाथी ‘शंकर’ अपने कान हिलाते हुए घास चबा रहा है, लेकिन उसके पैर में ज़ंजीर बंधी हुई है.
आरोप है कि ज़िम्बाब्वे से डिप्लोमेटिक गिफ्ट के तौर पर तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को 1996 में मिले हाथी के साथ सही व्यवहार नहीं किया जा रहा है.
इस कारण वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ ज़ू एंड एक्वेरियम (डब्ल्यूएज़ेडए) ने छह महीने के लिए दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) की सदस्यता निलंबित कर दी है.
डब्ल्यूएज़ेडए रीजनल एसोसिएशन, नेशनल फ़ेडरेशन, चिड़ियाघरों और एक्वेरियम का एक ग्लोबल एलायंस है.
इस संगठन से निलंबित होने के कारण इसके सदस्य इनसे जुड़े कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हो सकते. कई लोग इस निलंबन को साख़ को हुए नुक़सान के तौर पर देख रहे हैं.
हाथी ‘शंकर’ के अलावा अफ्रीकी हाथी रिची मैसूर के चिड़ियाघर में रह रहा है.
साल 2017 की गणना के अनुसार भारत में 30 हज़ार हाथी हैं. इसमें से कई हाथियों का इस्तेमाल पर्यटकों को आकर्षित करने और इन पर बैठकर सैर करवाने के लिए किया जाता है.
हाल ही में एक न्यूज़ पेपर की रिपोर्ट में अप्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया गया था कि पिछले पांच साल की तुलना में 20 प्रतिशत हाथी कम हुए हैं. कई क्षेत्रों में 2017 से तुलना की जाए तो ये 41 फ़ीसदी तक था.
डब्ल्यूएज़ेडए ने बीबीसी से कहा, “नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान को हमारी आचार संहिता का उल्लघंन करने के कारण छह महीने के लिए निलंबित किया गया है.”
“हम अभी ज़्यादा जानकारी आपसे साझा नहीं कर सकते.” इसको लेकर कोई कारण नहीं बताया गया.
इस साल जुलाई में 29 वर्षीय अफ्रीकी हाथी को ‘मस्थ’ होने के दौरान ज़ंजीर के कारण चोट लगी थी. ‘मस्थ’ में वयस्क हाथी के व्यवहार में काफी बदलाव होता है और वो आक्रामक हो जाता है.
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण और दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक को लिखे पत्र में डब्ल्यूएज़ेडए ने सवाल किया कि क्या दिल्ली के चिड़ियाघर में अफ्रीकी हाथी महीनों से ज़ंजीर में बंधा हुआ है.
इसे चिड़ियाघर के अधिकारियों ने ख़ारिज किया था.
ये साफ़ नहीं है कि वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ ज़ू एंड एक्वेरियम का किसी को निलंबित करना कितना दुर्लभ है, लेकिन 2015 में डब्ल्यूएज़ेडए ने जापानी एसोसिएशन ऑफ ज़ू एंड एक्वेरियम के साथ ऐसा किया था.
“शंकर ज़ंजीर मुक्त होगा”
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, “शंकर ज़ंजीर मुक्त होगा.” उन्होंने चिड़ियाघर का दौरा करने के बाद पशु चिकित्सक और हाथी की देखभाल करने वाले से बात की.
उन्होंने कहा, “शंकर के स्वास्थ्य को और बेहतर बनाने के उपायों को लेकर भी विस्तृत चर्चा की. इसको लेकर योजना भी तैयार की गई.”
सरकार ने विशेषज्ञों को हाथी की देखभाल करने वाले को प्रशिक्षित करने और हाथी का डाइट प्लान बनाने की सलाह दी.
बीबीसी से कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, “‘मस्थ’ के कारण ‘शंकर’ गुस्सैल हो गया था और उसको ज़ंजीर में बांधना पड़ा, क्योंकि वो दीवार तोड़ने लगा था.”
“‘मस्थ’ में ऐसा व्यवहार होना सामान्य है. मंत्रालय शंकर के लिए साथी को लाने, उसके पिंजरे को नया रूप देने और उसकी ज़ंजीरों को हटाने की कोशिश कर रहा है.”
वंतारा की टीम भी शंकर को देखने के लिए लाई गई थी. वंतारा गुजरात के जामनगर में एक हाईटेक चिड़ियाघर है जिसके संस्थापक उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी हैं.
डाइट और शंकर की देखभाल करने वाले के साथ भी मीटिंग में चर्चा की गई. इसके अलावा टीम ने शंकर की स्थिति को जानने के लिए उसे देखने का भी प्लान बनाया था.
शंकर की अब तक की कहानी
शंकर एक दुर्लभ अफ्रीकी हाथी है, जिसके बड़े पंखे के आकार वाले कान उसे दूसरे एशियाई हाथियों से अलग करते हैं.
वो हमेशा से अकेला नहीं था, शंकर की एक साथी थी, जिसका नाम बॉम्बाई था और 2005 में उसकी मौत हो गई थी.
चिड़ियाघर के अधिकारियों का कहना है कि अपनी मादा साथी की मौत के बाद, शंकर को भारतीय हाथियों के झुंड में रखा गया था, जहां एक मादा हाथी उसकी मां की तरह देखभाल करती थी.
हालांकि, जब वो वयस्क हुआ और ‘मस्थ’ का शिकार हुआ, तो प्रजनन से उसको रोक दिया गया, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कानूनों में क्रॉस-स्पीशिज़ मेटिंग पर प्रतिबंध है.
मंत्रालय ने बोत्सवाना की सरकार से संपर्क किया है और शंकर के लिए एक साथी की तलाश में हाथी दान करने का आग्रह किया है.
दिल्ली चिड़ियाघर के डायरेक्टर डॉ. संजीत कुमार का कहना है कि वो दूसरे देशों से भी संपर्क में हैं ताकि शंकर को एक दोस्त और साथी मिल सके.
वो कहते हैं, ”हम इस समय उनसे बातचीत कर रहे हैं और जानकारी साझा कर रहे हैं. हमें बोत्सवाना और ज़िम्बाब्वे की सरकार से सकारात्मक जवाब मिला है.”
शंकर के लिए आंदोलन
रिपोर्ट्स के मुताबिक़, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ ज़ू एंड एक्वेरियम (डब्ल्यूएज़ेडए) ने भारत के केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) को चेतावनी दी थी कि अगर सीज़ेडए ने 3 नवंबर तक ‘एनिमल वेलफ़ेयर गोल्स 2023’ का पालन नहीं किया तो सदस्यता रद्द की जा सकती है.
‘एनिमल वेलफ़ेयर गोल्स 2023’ के तहत जानवरों के कल्याण के लिए तय किए गए मानकों को लागू करना और उनका पालन करवाना शामिल है.
दिल्ली चिड़ियाघर, सीज़ेडए के अंदर आता है, जो कि भारत के पर्यावरण मंत्रालय के तहत एक निकाय है.
ये भारत के चिड़ियाघरों में जानवरों के कल्याण और उनके स्वास्थ्य के लिए मानकों और नियमों को लागू करता है.
ये अनियोजित और अस्त-व्यस्त चिड़ियाघरों के विकास को भी तय करता है. देश के हर चिड़ियाघर के संचालन के लिए सीज़ेडए से मान्यता लेना ही होता है.
वहीं, वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ ज़ू एंड एक्वेरियम (डब्ल्यूएज़ेडए) साल 1935 से सक्रिय है. ये विश्व स्तर पर राष्ट्रीय संघों, चिड़ियाघरों और एक्वेरियम के बीच गठबंधन का काम करता है.
अगर सीज़ेडए, डब्ल्यूएज़ेडए की सदस्यता खो देता है, तो भारत में सभी डब्ल्यूएज़ेडए से जुड़ी संस्थाओं की भी सदस्यता समाप्त हो जाएगी.
दोबारा इसे हासिल करने के लिए संस्थाओं को दोबारा से आवेदन करना होगा और एक नए सदस्य के जैसे पूरी प्रक्रिया का पालन करना होगा.
ऐसा पहली बार नहीं है कि शंकर को बचाने के लिए कोई आंदोलन सामने आया है.
इससे पहले एनजीओ ‘यूथ फॉर एनिमल्स’ की संस्थापक निकिता धवन ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि शंकर सालों से अलग-थलग रह रहा है.
अपील में कहा गया था कि शंकर को चिड़ियाघर से हटाकर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में रखा जाना चाहिए.
कोर्ट ने इसकी इजाज़त नहीं दी, कहा कि ये भारत से वास्ता रखता है और इसकी देखभाल यहीं की जाएगी.
वंतारा के डॉ. एड्रियन बताते हैं कि अफ़्रीकी हाथी, वयस्क होने के बाद अपनी ज़िंदगी का ज़्यादातर समय अकेले बिताते हैं, ऐसे में शंकर का अकेला रहना कोई समस्या नहीं है.
साल 2023 में कथित दुर्व्यवहार की वजह से 29 साल के हाथी मुथु को अपने घर वापस भेज दिया गया था. इस हाथी को साल 2001 में थाई शाही परिवार ने श्रीलंका को उपहार में दिया था.
इस बीच, 11 अक्टूबर की शाम केंद्रीय राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह की तरफ़ से बताया गया कि शंकर को ज़ंजीर से आज़ाद कर दिया गया है.
उन्होंने एक्स पर इस बात की जानकारी एक पोस्ट के ज़रिए दी थी.
उन्होंने लिखा, ”पिछले 48 घन्टे से उसकी सेहत, आहार, व्यवहार पर चिड़ियाघर, टीम वनतारा जामनगर गुजरात, विशेषकर उनकी टीम के नीरज, यदुराज, दक्षिण अफ्रीका के हाथी विशेषज्ञ डॉ. एड्रियन और फिलीपींस से आए महावत माइकल पैनी नज़र रखे थे.”
उन्होंने बताया कि शंकर के व्यवहार में पहले से काफी सुधार हुआ है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित