इमेज कैप्शन, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से गले मिलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंचे हैं.
उनका विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद जाकर उनका स्वागत किया.
दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया, गले लगाया और गर्मजोशी से एक-दूसरे का अभिवादन किया.
एयरपोर्ट पर औपचारिक स्वागत के बाद पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन एक ही गाड़ी में बैठकर आगे की यात्रा के लिए रवाना हुए.
पुतिन, 5 दिसंबर को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
पुतिन के भारत पहुंचने से पहले रूस के कई मंत्री दिल्ली पहुंच चुके हैं. इनमें डिप्टी प्रधानमंत्री डेनिस मांतुरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु जैसे बड़े नाम शामिल हैं.
दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं. राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब वैश्विक राजनीति में तेज़ बदलाव हो रहे हैं.
यूक्रेन युद्ध, पश्चिमी देशों के साथ रूस के तनाव और एशिया में बदलते समीकरणों के बीच यह बैठक और भी खास हो गई है.
राष्ट्रपति पुतिन के भारत पहुंचने पर रूसी मंत्री सर्गेई चेरेमिन ने कहा, “भारत और रूस के बीच अब एक रणनीतिक और विशेष साझेदारी है. हमें अपने कारोबारियों के लिए नए रास्ते खोजने होंगे, खासकर छोटे और मध्यम उद्योगों को साथ लाने के लिए.”
राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता ने क्या कहा?
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इमेज कैप्शन, राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दौरे से ठीक पहले रूस ने गेंद भारत के पाले में डाल दी.
राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव मंगलवार को रूसी न्यूज़ एजेंसी स्पुतनिक की ओर से आयोजित ऑनलाइन प्रेस वार्ता में शामिल हुए थे.
इसी प्रेस वार्ता में पेस्कोव ने कहा कि चीन के साथ रूस का संबंध सीमाओं से परे है और भारत के मामले में भी रूस का यही रुख़ है.
पेस्कोव ने कहा कि यह भारत पर निर्भर करता है कि वह किस हद तक आगे बढ़ने के लिए तैयार है.
दिमित्री पेस्कोव ने कहा, ”चीन हमारा ख़ास रणनीतिक साझेदार है. चीन के साथ बहुत ही उच्च स्तर का सहयोग है, जैसा कि भारत के साथ है. हम चीन के साथ सीमाओं से परे सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार हैं.”
”लेकिन भारत के साथ भी हमारा वही रुख़ है. भारत जिस हद तक आगे जाएगा, हम भी उस हद तक जाने के लिए तैयार हैं. भारत जिस हद तक सहयोग बढ़ाएगा, उसके लिए हम भी पूरी तरह से तैयार हैं.”
पेस्कोव ने यह भी कहा कि रूस से संबंधों के लेकर भारत पर दबाव है और इस दबाव के बीच दोनों देशों को द्विपक्षीय व्यापार सुरक्षित करने की ज़रूरत है.
पेस्कोव ने कहा, ”हम समझते हैं कि भारत पर दबाव है. यही कारण है कि हमें अपने संबंधों को आगे बढ़ाने में बहुत सावधानी बरतनी होगी. हमारे संबंध किसी तीसरे देश के प्रभाव से मुक्त होने चाहिए. हमें अपने संबंधों को सुरक्षित रखना होगा. हमें अपने उस व्यापार को सुरक्षित रखना होगा, जो दोनों देशों के हक़ में है.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.