2.28 लाख महिलाओं की वैरिफिकेशन
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अब तक 2.28 लाख लाभार्थियों की वैरिफिकेशन कराई जा चुकी है, जिनमें से 25,000 अपात्र महिलाएं पेंशन का लाभ लेती हुई पाई गईं। कुछ महिलाओं ने तलाक के बाद दोबारा शादी कर ली। इसके बावजूद पेंशन का पैसा खाते में आता रहा। जबकि कुछ महिलाएं अच्छी नौकरी पाकर अच्छा खासा वेतन पा रही हैं। यही नहीं कुछ तो उस पते पर मिली ही नहीं जो रिकॉर्ड में दर्ज है।’
फर्जी लाभार्थियों की पेंशन रुकी
अधिकारियों के मुताबिक महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इन ‘फर्जी’ लाभार्थियों की पेंशन को रोक दिया है। इसके बाद अब उन महिलाओं के खाते में पैसा भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो वैरिफिकेशन में सही पाई गई हैं। अधिकारियों का यह भी कहना है कि बाकी लाभार्थियों का सत्यापन भी जल्द ही कर लिया जाएगा और पात्र महिलाओं के खाते में पैसा आना शुरू हो जाएगा। सरकार महिलाओं की पेंशन पर हर साल 1140 करोड़ रुपये खर्च करती है। सर्वे से पहले अधिकारियों ने औचक जांच की, जिसमें उन्हें पता चला कि बहुत सी महिलाएं गलत तरीके से विधवा पेंशन ले रही हैं।
दिल्ली में बढ़ा दी गई है विधवा पेंशन
दिल्ली में विधवा पेंशन योजना को 2007-08 में लॉन्च किया गया था। इसका विधवा, तलाकशुदा या बेसहारा गरीब व जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक मदद देना था। पहले साल 6288 महिलाओं को 600 रुपये महीने के हिसाब से पेंशन दी गई। यह पेंशन 18 से 59 साल की महिलाओं को दी जाती है। विधवा पेंशन योजना को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बजट में बड़ा ऐलान किया था। उन्होंने पेंशन में 500 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए 3000 रुपये महीने का ऐलान किया था। हालांकि बढ़ी हुई पेंशन अभी मिलना शुरू नहीं हुई है।
विधवा पेंशन योजना के लिए पात्रता
विधवा पेंशन योजना की पात्रता के लिए कुछ शर्तें हैं। महिला को कम से कम 5 साल से दिल्ली का निवासी होना चाहिए। यही नहीं महिला के परिवार की वार्षिक आय 1 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। एक शर्त यह भी है कि यह पेंशन उन्हीं महिलाओं को मिलेगी, जिन्होंने दोबारा शादी नहीं की है।