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दिल्ली मेट्रो की बढ़ने वाली है कनेक्टिविटी, फेज-5 की तैयारी, 18 नए कॉरिडोर्स का प्रपोजल – delhi metros connectivity is going to increase preparation for phase 5 new corridors

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Apr 1, 2025


नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर के नए इलाकों तक मेट्रो की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए डीएमआरसी अब मेट्रो का फेज-5 लाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए डीएमआरसी की ओर से एक प्रस्ताव केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय को भेजा गया है, जिसमें फेज-5 के तहत 206.5 किमी लंबे 18 नए मेट्रो कॉरिडोर्स के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया है। इनमें से कुछ कॉरिडोर्स की डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) भी सबमिट की जा चुकी है। वहीं बाकी के कॉरिडोर के लिए व्यापक मोबिलिटी प्लान और डीपीआर बनाने, फिजिबलिटी स्टडी और रिसर्च करने के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता मांगी गई है।डीएमआरसी ने दो चरणों में फेज-5 के इन 18 कॉरिडोर्स का प्रस्ताव रखा है। पहले चरण में प्राथमिकता के आधार पर तीन प्रमुख कॉरिडोर के लिए मंजूरी मांगी है। इनमें सबसे अहम है इंद्रप्रस्थ से रामकृष्ण आश्रम के बीच साढ़े 9 किमी लंबा सेंट्रल विस्टा कॉरिडोर है, जो इंडिया गेट, कर्तव्य पथ, राष्ट्रपति भवन, नए प्रधानमंत्री कार्यालय समेत आस-पास के इलाके में सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनाए जा रहे केंद्र सरकार के तमाम बड़े मंत्रालयों के दफ्तरों को कनेक्टिविटी देगा। यह कॉरिडोर पूरा अंडरग्राउंड होगा। डीएमआरसी ने इसी साल फरवरी में इसकी डीपीआर भी सरकार को जमा कर दी है।

अंडरग्राउंड कॉरिडोर का रखा प्रस्ताव

इसी तरह एयरपोर्ट के विभिन्न टर्मिनल्स के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए डीएमआरसी ने प्राथमिकता के आधार पर एयरोसिटी और आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 के बीच 2.3 किमी लंबे अंडरग्राउंड कॉरिडोर का प्रस्ताव रखा है। इसकी डीपीआर पिछले साल फरवरी में ही दिल्ली सरकार के पास जमा की जा चुकी है। इस पर केवल एक अंडरग्राउंड स्टेशन बनेगा। तीसरा महत्वपूर्ण कॉरिडोर तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज तक का है, जो साउथ दिल्ली और नोएडा के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाएगा। इसके लिए 4 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव है। इसमें तीन स्टेशन बनेंगे। प्रोजेक्ट की डीपीआर पिछले साल दिसंबर में जमा की गई है।

पड़ोसी राज्यों का भी लेंगे सहयोग

दूसरे चरण में जिन 15 कॉरिडोर का प्रस्ताव है, उन्हें मुख्य रूप से दिल्ली और एनसीआर के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है। यही वजह है कि इन 15 में से 5 कॉरिडोर ऐसे हैं, जो दिल्ली को एनसीआर के विभिन्न इलाकों के साथ कनेक्ट करेंगे। इनमें से 3 कॉरिडोर दिल्ली और हरियाणा सरकार के सहयोग से और दो कॉरिडोर दिल्ली और यूपी सरकार के सहयोग से बनाए जाएंगे। वहीं, 5 कॉरिडोर पूरी तरह से दिल्ली में, 3 यूपी में और 2 हरियाणा में बनाने का प्रस्ताव है।

भीड़ कम करने की हो रही कोशिश

खास बात यह है कि फेज-5 के इन प्रस्तावित 18 कॉरिडोर में से केवल 4 पूरी तरह नए कॉरिडोर होंगे। इनमें मायापुरी से कश्मीरी गेट, सीजीओ कॉम्प्लेक्स से सूर्य विहार (फरीदाबाद), मयूर विहार फेज-3 से लोनी बॉर्डर और नजफगढ़-नांगलोई मेट्रो कॉरिडोर शामिल हैं। बाकी के 14 कॉरिडोर मेट्रो की मौजूदा लाइनों के एक्सटेंशन के तहत ही बनाए जाएंगे। इनमें से कुछ परियोजनाओं के लिए डीपीआर सबमिट की जा चुकी है, जबकि कुछ लाइनों को और एक्सटेंड करने के लिए नई डीपीआर बनाई जा रही है। इन कॉरिडोर्स को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि जिससे मेट्रो की मौजूदा लाइनों पर भीड़भाड़ को और कम किया जा सके।

औपचारिक मंजूरी मिलना बाकी

अधिकारियों ने यह साफ कर दिया है कि अभी मेट्रो फेज-5 की परियोजना शुरुआती स्टेज पर ही है और इन प्रस्तावित कॉरिडोर्स को औपचारिक मंजूरी मिलना बाकी है। हो सकता है कि केंद्र और राज्य सरकारों से बातचीत और वित्तीय मंजूरी की प्रक्रिया के दौरान इनके रूट या डिजाइन में कुछ बदलाव भी करना पड़े। ऐसे में इन कॉरिडोर की अंतिम सूरत क्या होगी, यह परियोजना को औपचारिक मंजूरी मिलने के बाद ही साफ हो पाएगा।

फेज-4 की 3 लाइनों का काम 60% पूरा

दिल्ली में अभी मेट्रो के फेज-4 का काम तेजी से चल रहा है। तीन प्रायोरिटी कॉरिडोर पर 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जबकि तीन अन्य कॉरिडोर पर भी काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है। दिल्ली-एनसीआर में अभी मेट्रो नेटवर्क 395 किमी लंबा है, जिसके तहत 12 लाइनों पर 289 मेट्रो स्टेशन बने हुए हैं। फेज-4 के बाद मेट्रो नेटवर्क में 6 नई लाइनें और जुड़ जाएंगी और उसका दायरा भी 110 किमी और बढ़ जाएगा, जिसमें 83 नए स्टेशन भी जुड़ जाएंगे।

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