केंद्र सरकार जीएसटी के नए वर्जन को नवरात्र से लागू करने की तैयारी में है जो कि दिवाली से पहले का समय है। यह सब कुछ जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में राज्यों के रवैये पर निर्भर करेगा। नए वर्जन में 28 प्रतिशत और 12 प्रतिशत के स्लैब समाप्त हो सकते हैं जिससे एसी टीवी और महंगे फुटवियर सस्ते हो जाएंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार की मंशा जीएसटी के नए वर्जन को दिवाली से पहले नवरात्र के समय से ही लागू करने की है। इस दिशा में काम भी हो रहा है, लेकिन सबकुछ तीन व चार सितंबर को जीएसटी काउंसिल की होने वाली बैठक में राज्यों के रवैये पर निर्भर करेगा।
राज्य की तरफ से केंद्र के प्रस्ताव को मान लेने पर जीएसटी को नवरात्र की शुरुआत से लागू किया जा सकता है। 22 सितंबर से नवरात्र शुरू हो रहा है जबकि दिवाली 20 अक्टूबर को है। जीएसटी के नए वर्जन के प्रस्ताव की घोषणा के बाद आम लोगों ने एसी और टेलीविजन (32 इंच से अधिक स्क्रीन वाले) जैसे आइटम को खरीदना बंद कर दिया है।
एसी और 32 इंच से अधिक बड़े स्मार्ट टीवी पर अभी 28 प्रतिशत का जीएसटी लगता है। नए वर्जन में 28 प्रतिशत और 12 प्रतिशत के स्लैब को समाप्त कर दिया जाएगा और सिर्फ पांच और 18 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब रह जाएंगे। अभी 1000 रुपए से अधिक कीमत वाली शर्ट और फुटवियर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है। नए वर्जन के लागू होने पर यह दर घटकर पांच प्रतिशत हो जाएगी।
दुकानदारों का क्या है कहना?
ब्रांडेड शर्ट व फुटवियर की बिक्री करने वाले दुकानदारों का कहना है कि महंगे शर्ट व फुटवियर की खरीदारी के लिए लोग जीएसटी के नए प्रस्ताव के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से आगामी दिवाली से जीएसटी के नए वर्जन को लागू करने की घोषणा की थी।
सूत्रों का कहना है कि उत्तर भारत में नवरात्र से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक त्योहारी सीजन होता है जिसमें खूब खरीदारी होती है। ट्रंप टैरिफ से निर्यात में होने वाली कमी से जीडीपी को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार घरेलू खपत बढ़ाना चाहती है ताकि अर्थव्यवस्था की मजबूत विकास दर कायम रहे।
इसलिए जीएसटी की नई दरों को केंद्र जल्द से जल्द लागू करना चाहता है। केंद्र की पूरी कोशिश है कि आगामी तीन व चार सितंबर को काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लग जाए और फिर उसे नवरात्र से अमल में लाने की अधिसूचना जारी कर दी जाए।
ताकि सस्ते होने की वजह से त्योहारी सीजन में सभी प्रकार के वाहनों से लेकर एसी, टीवी जैसे आइटम की बिक्री बढ़ सके। बिक्री बढ़ने पर मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे रोजगार निकलेंगे।
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