डिफेंस सेक्टर को और मजबूत बनाने की कवायद
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिसमेंट (एडीई) की ओर से विकसित घातक यूसीएवी को सीक्रेट तरीके से आक्रामक अभियानों के लिए डिजाइन किया जा रहा। ये स्वदेशी 49kN ड्राई कवेरी इंजन से संचालित होता है। रिपोर्ट के मुताबिक, घातक कार्यक्रम की शुरुआत एडीई के एसडब्ल्यूआईएफटी (स्टेल्थ विंग फ्लाइंग टेस्टबेड) से हुई, जो 1.1 टन का टेक्नोलॉजिकल प्रदर्शन करने वाला था। इसका इस्तेमाल यूसीएवी के खास फ्लाइंग-विंग डिजाइन को और मारक बनाने के लिए किया जा रहा।
कैसे यूसीएवी को और मारक बनाने की है तैयारी
यूसीएवी को अब अनुमानित 13-टन वजन तक बढ़ाया गया है। इसमें लड़ाकू विमानों से जुड़े हाइटेक खूबियों को शामिल किया गया है। जरूरत पड़ने पर ये यूसीएवी और भी सटीक निशाना लगा सकें। इन्हें हथियार ले जाने के लिए भी डिजाइन किया गया है। घातक यूसीएवी को मानव रहित 13-टन प्लेटफॉर्म से मानवयुक्त बॉम्बर में बदलने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
डीआरडीओ का ऐसा प्लान जानकर रह जाएंगे हैरान
इसमें संरचनात्मक बदलाव के साथ ही ईंधन क्षमता बढ़ाने, उन्नत एवियोनिक्स, पायलट नियंत्रण सिस्टम और संभावित कवच की जरुरत होगी। इन सभी की वजह से इसके वजन में काफी बढ़ोतरी हो जाएगी। मौजूदा घातक डिजाइन में फ्रंट-सेंटर इनटेक है। बॉम्बर के लिए, साइड इंटेक, जैसा कि बी-2 स्पिरिट जैसे स्टील्थ एयरक्राफ्ट में देखा जाता है। ये बेहतर एयरफ्लो, कम रडार सिग्नेचर और कॉकपिट के साथ सपोर्ट में बेहतर होगा।
ऐसे पॉवरफुल होगा UCAV
इसके साथ ही यूसीएवी में जरूरी बदलाव के बीच बॉम्बर भूमिका के लिए नेविगेशन, टारगेट और आत्मरक्षा सिस्टम को भी और मॉडर्न और पॉवरफुल बनाया जा रहा। इसमें बम के साथ-साथ स्टैंडऑफ मिसाइलों तक, विभिन्न प्रकार के हथियारों को जोड़ा जाएगा। 49kN थ्रस्ट पैदा करने वाला ड्राई कावेरी इंजन यूसीएवी के लिए पर्याप्त है। हालांकि, 20-25 टन मानवयुक्त बॉम्बर प्लेटफॉर्म तक स्केलिंग के लिए पर्याप्त प्रदर्शन और गतिशीलता सुनिश्चित करने के लिए थ्रस्ट में उल्लेखनीय वृद्धि की आवश्यकता होगी।