इस दौरान गेट पर मौजूद एसएचओ से अखिलेश यादव ने कहा- ‘देखता हूं कि कब तक खड़े रहोगे आप। छह महीना या एक साल।’ इसके बाद अखिलेश यादव मुस्कुराते हुए कार में बैठकर वहां से चले गए। आपको बता दें कि पिछले साल अखिलेश यादव जेपी एनआईसी गेट फांदकर परिसर में स्थित जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना पड़ा था।
टिन की चादरों पर सपा जिंदाबाद लिखने को कहा
गुरुवार रात अखिलेश यादव जेपी एनआईसी के गेट पर अपने काफिले के साथ पहुंचे। उन्होंने यहां एक चित्रकार से टिन की चादरों पर समाजवादी पार्टी जिंदाबाद लिखने को कहा। यह पूछे जाने पर कि क्या वह जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार को आएंगे, यादव ने कहा, हम आगे कार्यक्रम तय करेंगे। वे इसे कब तक टिन की चादरों के पीछे रखेंगे। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, यह है भाजपा राज में आजादी का दिखावटी अमृतकाल, श्रद्धांजलि न दे पाए जनता इसलिए उठा दी गयी दीवार। उन्होंने कहा, भाजपा ने जो रास्ता बंद किया है, वह उनकी बंद सोच का प्रतीक है।
‘भाजपा जेपी के प्रति दुर्भावना रखती है’
अखिलेश यादव ने लिखा है, ‘भाजपा जय प्रकाश नारायण जी जैसे हर उस स्वतंत्रता सेनानी के लिए अपने मन में दुर्भावना और दुराव रखती है, जिसने भी देश की आजादी में भाग लिया था। ये देश की आजादी में भाग न लेने वाले भाजपाइयों के संगी-साथियों के अंदर का अपराध बोध है, जो उन्हें क्रांतिकारियों की जयंती तक पर लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित नहीं करने देता है।’ इससे पहले दिन में, सपा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया जिसमें कुछ श्रमिक जेपीएनआईसी के मुख्य द्वार के सामने टिन की चादरें लगाते नजर आ रहे हैं और पार्टी ने इस कदम की निंदा की।
2016 में अखिलेश ने किया था उद्घाटन
गौरतलब है कि जेपी एनआईसी का उद्घाटन अखिलेश यादव ने 2016 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान किया था। हालांकि, 2017 में राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद इमारत का काम बंद हो गया। इस केंद्र में जयप्रकाश नारायण व्याख्या केंद्र (संग्रहालय) के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी हैं।