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दोनों डेप्युटी सीएम, दो मंत्री… दिग्गज नेता गोपाल भार्गव से मिलने अचानक क्यों पहुंचे सब? धाकड़ अंदाज में रखी थी बात – mp both deputy cms and two ministers suddenly reach to meet veteran leader gopal bhargava and spoken in strong manner

Byadmin

Oct 15, 2024


भोपाल: एमपी में मोहन सरकार को अपने ही लोगों ने असहज कर दिय है। अफसरशाही को लेकर कई लोग मुख हो रहे हैं। प्रदेश के कद्दावर बीजेपी नेता गोपाल भार्गव ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई थी। हाल ही में उन्होंने बीजेपी विधायक बृज बिहारी पटेरिया के समर्थन में दमदार पोस्ट किया था। विधायकों की सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने लिखा था कि यह बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इससे उनके तेवर का अंदाजा हो गया था। भोपाल पहुंचने पर के बड़े लोग उनसे मिलने पहुंच गए।

दो डेप्युटी सीएम पहुंचे मिलने

कथित तौर पर यह कहा जा रहा है कि गोपाल भार्गव नाराज चल रहे हैं। शायद यही वजह है कि उन्होंने मुखर होकर अपनी बात रखनी शुरू कर दी है। इसके बाद सरकार और संगठन में खलबली है। पूर्व मंत्री और विधायक गोपाल भार्गव सोमवार को भोपाल में थे। उनके भोपाल में रहने के दौरान सरकार के दोनों डेप्युटी सीएम उनसे मिलने के लिए पहुंचे। डेप्युटी सीएम राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा ने गोपाल भार्गव से उनके आवास पर मुलाकात की है। इस दौरान दोनों नेताओं में लंबी बातचीत हुई है।

सरकार के दो मंत्री भी पहुंचे मिलने

वहीं, गोपल भार्गव से मिलने के लिए सरकार के दो मंत्री भी उनके घर पहुंचे। शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह और पशुपालन मंत्री लखन पटेल भी गोपाल भार्गव के घर पहुंचे थे। कहा जा रहा है कि उनके साथ हर मुद्दे पर बात हुई है। साथ ही गोपाल भार्गव ने बेबाकी के साथ सारे मुद्दों पर बात रख दी है।

हालांकि मुलाकात की तस्वीरें पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने खुद ही शेयर की है। उन्होंने लिखा है कि सभी लोगों से सौहार्दपूर्ण मुलाकात हुई है। मंत्रीगणों से मुलाकात के दौरान क्षेत्रीय विकास और अनेक सामयिक राजनीतिक विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। अब देखना होगा कि इस मुलाकात के बाद गोपाल भार्गव की कथित नाराजगी दूर होती है कि नहीं।

गौरतलब है कि बीजेपी के अन्य विधायक भी अपनी सरकार के खिलाफ मुंह खोल रहे थे। उन्हें भी सोमवार को भोपाल तलब किया गया था। इसके बाद सीएम और संगठन के सामने सभी लोगों ने अपनी बात रखी थी। उन्हें सलाह दी गई है कि सार्वजनिक रूप से सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोलें। अधिकांश लोगों की नाराजगी अफसरशाही को लेकर ही है। विधायकों का दर्द है कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।

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