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‘धड़क 2’ में जाति को लेकर क्या दिखाया गया है जिसकी हो रही चर्चा

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Aug 11, 2025


धड़क 2

इमेज स्रोत, SUJIT JAISWAL/AFP via Getty Images

इमेज कैप्शन, धड़क 2 फ़िल्म के कलाकार तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी

फ़िल्ममेकर, राइटर और प्रोडक्शन डिज़ाइनर शाज़िया इक़बाल की पहली फ़ीचर फ़िल्म ‘धड़क 2’ ने भले ही मोहित सूरी की ‘सैयारा’ की तरह कई सौ करोड़ रुपये न कमाए हों, लेकिन भारतीय सिनेमा के इतिहास में इसे एक बदलाव लाने वाली फ़िल्म के रूप में याद किया जाएगा.

यह मेनस्ट्रीम की उन गिनी-चुनी हिंदी फ़िल्मों में से एक है, जिन्होंने जाति आधारित भेदभाव, अन्याय और उत्पीड़न जैसे मुद्दों को गहराई और संवेदनशीलता के साथ दिखाया है.

हालांकि, इसमें सिद्धांत चतुर्वेदी के ‘ब्राउन फ़ेस’ वाले लुक पर काफ़ी बहस और आलोचना हुई है. वह इस फ़िल्म में एक दलित लड़के, नीलेश अहिरवार का किरदार निभा रहे हैं, जो अपनी पहचान को स्वीकारने और समझने की कोशिश में है.

हालांकि इस विवाद को अलग रख दें, तो फ़िल्म का नज़रिया न तो तरस खाने वाला है और न ही सतही, बल्कि यह वंचित तबके की सच्चाई को ईमानदारी से दिखाती है.

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