चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने को लेकर पूरी ताकत से जुटे चुनाव आयोग ने कुछ और नए कदम उठाए है। जिसमें चुनाव से किसी न किसी रूप में जुड़े देश भर के एक करोड़ से अधिकारियों और कर्मचारियों को निखारने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा।इन सभी को अपने काम-काज को बेहतर तरीके से करने के लिए क्षमता निर्माण से जुड़ा एक विशेष डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने को लेकर पूरी ताकत से जुटे चुनाव आयोग ने कुछ और नए कदम उठाए है। जिसमें चुनाव से किसी न किसी रूप में जुड़े देश भर के एक करोड़ से अधिकारियों और कर्मचारियों को निखारने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा।
एक विशेष डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा
इन सभी को अपने काम-काज को बेहतर तरीके से करने के लिए क्षमता निर्माण से जुड़ा एक विशेष डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि वह चुनाव से जुड़े कामों को त्रुटिरहित तरीके से और तय समय में पूरा कर सकें।
चुनाव आयोग की जिम्मेदारी संभालने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के निर्देश पर इस दिशा में पहल तेज हुई है। इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। आयोग का मानना है कि चुनाव को त्रुटिरहित बनाने के लिए सबसे जरूरी है कि देशभर में चुनाव की जिम्मेदारी संभालने वाले लोगों को उनकी भूमिका और दायित्वों को लेकर ठीक ढंग से प्रशिक्षित किया जाए।
प्रशिक्षण जल्द ही बूथ स्तर से शुरू होगा
आयोग के मुताबिक प्रशिक्षण जल्द ही बूथ स्तर से शुरू होगा। जो जिला व राज्य स्तर पर अलग चरणों में आयोजित होगा। पिछले महीने भर में चुनाव आयोग ने चुनाव सुधार को लेकर कई और कदम उठाए है। इनमें मतदाता सूची की गड़बड़ियों व दोहराव को खत्म करने के लिए मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने और यूनिक ईपिक नंबर प्रदान करने जैसी अहम पहल शामिल है।गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में साढ़े दस लाख से अधिक मतदान केंद्र है। चुनाव के दौरान प्रत्येक केंद्र पर औसतन छह से सात कर्मचारियों की तैनाती दी जाती है। वहीं सभी मतदान केंद्र पर एक-एक बूथ लेवल आफीसर (बीएलओ) होता है, जो पूरे समय वह मतदाता सूची को संशोधित करने का काम करता है।
चुनाव आयोग के निर्देश पर 31 मार्च तक ईआरओ, डीईओ और सीईओ को बुलानी है बैठक
चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों में चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के साथ संवाद को भी आगे बढ़ाया है। इस दिशा में शनिवार को ही देश के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में निर्वाचन पंजीयन अधिकारी (ईआरओ) ने राजनीतिक दलों के साथ चार हजार से अधिक बैठकें की है।
जिसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और बूथ लेवल एजेंट आदि मौजूद थे। इस दौरान राजनीतिक दलों की मतदाता सूची सहित चुनावी प्रक्रिया से जुड़ी शिकायतों और सुझावों को सुना गया।मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के निर्देश पर 31 मार्च 2015 तक देश भर की सभी विधानसभाओं, जिला और राज्य स्तर पर राजनीतिक दलों के साथ बैठकें आयोजित की जानी है। इस दिशा में संवाद शुरू कर दिया गया है।
राजनीतिक दलों के साथ होगी आयोग की बैठक
आयोग के मुताबिक राजनीतिक दलों के साथ विधानसभा जैसी 788 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) के साथ और 36 बैठकें राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश में राज्य निर्वाचन अधिकारी ( सीईओ) के साथ होनी है। बैठक में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से आमंत्रित करने के निर्देश दिए गए है।
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