समीक्षा बैठक में क्या हुई बात, जानिए
गुरुवार सुबह हुई बैठक में शामिल हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी पर्यवेक्षक अजय माकन ने कहा कि एग्जिट पोल और एग्जेक्ट रिजल्ट बिल्कुल उलट हैं जिसकी समीक्षा होगी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की भूमिका पर पार्टी के अंदर ही मतभेद है, इस पर भी मंथन हुआ। माकन ने कहा, ‘हरियाणा चुनाव के नतीजे अप्रत्याशित हैं। चुनाव के एग्जिट पोल और रिजल्ट में जमीन-आसमान का अंतर है। हमने चुनाव परिणाम से जुड़े अलग-अलग वजहों की चर्चा की है। चुनाव आयोग से लेकर आपसी मतभेद पर भी बात हुई जिसके ऊपर हम आगे और कार्रवाई करेंगे।’
सैलजा-हुड्डा में खींचतान पर चर्चा
कांग्रेस को हरियाणा में सिर्फ 37 सीटें मिलीं, जबकि बीजेपी 48 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। पार्टी नेताओं ने बताया कि बैठक में हरियाणा चुनाव परिणामों का विस्तृत विश्लेषण किया जाएगा। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘चुनाव से पहले कुमारी सैलजा और हुड्डा के बीच की कलह पर चर्चा होगी। यह भी देखा जाएगा कि क्या हरियाणा में शीर्ष नेताओं के बीच मुख्यमंत्री पद की होड़ हमारे खराब प्रदर्शन का कारण थी। टिकट बंटवारे और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी।’
बागियों ने भी डुबोई कांग्रेस की लुटिया
हरियाणा के चुनाव में कांग्रेस के 89 उम्मीदवारों में से 72 हुड्डा के वफादार थे। सैलजा और कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला अपने कुछ समर्थकों के लिए ही टिकट दिला पाए। हाईकमान ने कुछ और उम्मीदवारों को टिकट दिए। हाईकमान समर्थित तीन उम्मीदवार हुड्डा के करीबी बागियों की वजह से हार गए। इस हार के बाद पार्टी के अंदर कई लोग हाईकमान पर सवाल उठा रहे हैं।
हमने हरियाणा चुनाव परिणामों पर समीक्षा बैठक की। एग्जिट पोल के बाद जिस तरह नतीजे आए उसमें जमीन और आसमान का अंतर है। इसके अलग-अलग कारणों पर चर्चा की। इस बारे में हम आगे कार्रवाई करेंगे जिसके बारे में आपको बाद में बताया जाएगा। बहुत सारे कारण हैं। चुनाव आयोग से लेकर आपस में मतभेद से लेकर बहुत सारी चीजें हैं।
अजय माकन, हरियाणा चुनाव में पार्टी के पर्यवेक्षक
ये हार बहुत बड़ी है
यूं तो चुनावों में हार-जीत का क्रम लगा रहता है, लेकिन हरियाणा की हार बिल्कुल अलग है। यहां कांग्रेस और उसके समर्थकों ने मान लिया था कि माहौल बहुत अनुकूल है और बाजी हाथ में आ चुकी है। जीती हुई इस बाजी को हार जाने का गम कैसा होता है, कांग्रेस अभी अच्छे से महसूस कर रही है। बहरहाल, बैठक में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।