Netaji Subhash Chandra Bose नेताजी सुभाष चंद्र की बेटी अनीता बोस फाफ (Anita Bose Pfaff) ने केंद्र सरकार से अपील की है कि उनके पिता की पार्थिव अवशेषों को जापान के टोक्यो से भारत लाया जाए। नेताजी की बेटी ने आगे कहा कि दशकों तक अधिकांश भारतीय सरकार उनके पार्थिव शरीर को वापस घर लाने में हिचकिचाती रहीं या इनकार करती रहीं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश आज (23 जनवरी) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायक सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की जयंती मना रहा है। इसी बीच नेताजी सुभाष चंद्र की बेटी अनीता बोस फाफ (Anita Bose Pfaff) ने केंद्र सरकार से अपील की है कि उनके पिता के पार्थिव अवशेषों को जापान के टोक्यो से भारत लाया जाए।
उन्होंने कहा कि दशकों तक देश की सरकार उनके पार्थिव अवशेषों को वापस लाने के मामले पर झिझकती रहीं या इनकार करती रहीं। नेताजी की अस्थियां पिछले आठ दशकों से टोक्यो के रेंकोजी मंदिर में रखी हुई हैं। उन्हें एक प्रेस रिलीज के जरिए ये बात कही है।
हवाई दुर्घटना में हुई थी नेताजी की मृत्यु: सरकार
2016 में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों के अनुसार, पूर्ववर्ती सरकारों का मानना था कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अगस्त 1945 में एक हवाई दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, लेकिन सार्वजनिक प्रतिक्रिया के डर से इस आकलन को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया।
कांग्रेस शासन में नेताजी को क्यों नहीं मिला भारत रत्न?
तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी नरसिम्हा राव ने नेताजी को मरणोपरांत भारत रत्न देने का फैसला किया था, लेकिन दबाव की वजह से उन्हें यह फैसला वापस लेने पड़ा था। भारत रत्न न देने के पीछे वजह बताई गई कि सरकार अगर ऐसा करती है तो इस बात की पुष्टि हो जाएगी कि नेताजी की वास्तव में मृत्यु हो गई है।
नेताजी की पुत्री ने आगे कहा कि दशकों तक अधिकांश भारतीय सरकार उनके पार्थिव शरीर को वापस घर लाने में हिचकिचाती रहीं या इनकार करती रहीं। एक समय तो रेंकोजी मंदिर के पुजारी और जापानी सरकार उनके अवशेषों को उनकी मातृभूमि में वापस लाने के लिए तैयार, इच्छुक और उत्सुक थे।” अनीता बोस फाफ ने कहा कि हमें यह स्वीकार करना होगा कि उस दिन ताइपेई, ताइवान में उड़ान भरते समय विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई।”
पीएम मोदी ने नेताजी को दी श्रद्धांजलि
Today, on Parakram Diwas, I pay homage to Netaji Subhas Chandra Bose. His contribution to India’s freedom movement is unparalleled. He epitomised courage and grit. His vision continues to motivate us as we work towards building the India he envisioned. pic.twitter.com/HrXmyrgHvH
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2025
वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेताजी के नारे ” तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” को याद किया। सीएम योगी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह नारा देश के लोगों के लिए मंत्र बन गया था।
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