नेपाल में जो हुआ उसका भारत-चीन पर ये हो सकता है असर- द लेंस
भारत के पड़ोसी देश नेपाल में बीते हफ़्ते देखते ही देखते सरकार पलट गई.
इन प्रदर्शनों को ‘जेन ज़ी आंदोलन’ नाम दिया गया. साल 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए लोगों को जेनरेशन ज़ूमर्स या जेन ज़ी कहते हैं.
ये उस दौर में पैदा हुए जब इंटरनेट का प्रभाव काफ़ी बढ़ गया था और जब बड़े हुए तो सोशल मीडिया पर काफ़ी सक्रिय हुए.
ऐसे में जब नेपाल की सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया तो युवाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. जो बाद में हिंसक भी हो गए.
इसमें कई लोगों की मौत हुई. सरकारी इमारतों में आग लगा दी गई. साथ ही पीएम केपी शर्मा ओली को इस्तीफ़ा देना पड़ा.
ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं. आख़िर बात इतनी तेज़ी से कैसे बिगड़ी? वहां का नेतृत्त्व क्यों इसका सही आकलन नहीं कर सका? नेपाल राजनीतिक रूप से आख़िर इतना अस्थिर क्यों रहा है?
वहां अब किस तरह का नेतृत्व उभरेगा और भारत या चीन जैसे पड़ोसी देशों के लिए नेपाल के इस घटनाक्रम के क्या मायने हैं?
द लेंस के आज के एपिसोड में इन सभी मुद्दों पर चर्चा की गई.
इस चर्चा में कलेक्टिव न्यूज़रूम के डायरेक्टर ऑफ़ जर्नलिज़म मुकेश शर्मा के साथ शामिल हुए बीबीसी नेपाली के एडिटर जितेंद्र राउत, बीबीसी हिंदी संवाददाता रजनीश कुमार, नेपाल के राजनीतिक विश्लेषक युबराज घिमिरे और भारत की पूर्व राजनयिक मीरा शंकर.
प्रोड्यूसरः शिल्पा सिंह/ सईदुज़्जमान
गेस्ट कोऑर्डिनेटरः संगीता यादव
वीडियो एडिटिंगः जमशैद अली ख़ान
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित