बोर्ड बैठक में बायर्स के हितों की रक्षा के लिए बड़े फैसलों के साथ नए नियमों को भी मंजूरी दी गई। इसके तहत अब रजिस्ट्री के लिए घर खरीदारों को बिल्डर के दफ्तर का चक्कर नहीं लगाना होगा। यह नई व्यवस्था ग्रुप हाउसिंग के नए आवंटनों पर लागू होगी। बैठक में रेरा अधिनियम 2016 के सेक्शन-13 के तहत एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
नए नियम के अनुसार, जब फ्लैट खरीदार बिल्डर को फ्लैट की कुल कीमत 10 प्रतिशत भुगतान करेगा, तब बिल्डर को संपत्ति के मूल्य के अनुसार स्टांप ड्यूटी का भुगतान करते हुए एग्रीमेंट-टु-सेल या बिल्डर बायर्स एग्रीमेंट को उप निबंधक कार्यालय में पंजीकृत कराना होगा।
मुख्य सचिव ने बोर्ड बैठक में दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) यानी न्यू नोएडा में जल्द जमीन अधिग्रहण शुरू करने के निर्देश भी बोर्ड बैठक में डीएम मनीष कुमार वर्मा को दिए गए। बैठक में ग्रेटर नोएडा के एसीईओ रवि कुमार एनजी, यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इसमें नोएडा अथॉरिटी की तरफ से आवंटित जमीन का बकाया न चुकाने वाले सरकारी विभागों, बैंकों और पेट्रोल पंपों पर सख्ती बरतने का निर्देश देते हुए मुख्यसचिव ने कहा कि इनको अंतिम नोटिस जारी कर सीलिंग की कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है नोएडा अथॉरिटी पर इनका 1578 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है। मुख्यसचिव को सीईओ ने अब तक हुई रजिस्ट्रियों का ब्यौरा भी रखा। बताया कि अब नोएडा में अटकी हुई परियोजनाओं में से 1643 बायर्स के घरों की रजिस्ट्री हो चुकी है।
बायर्स को मिलेगी बड़ी राहत
सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जारी होने के बाद बिल्डर को फ्लैट खरीदारों की सूची के साथ पंजीकृत एग्रीमेंट की कॉपी जमा करनी होगी। इसे सब रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर्ड कराना होगा। इस नई व्यवस्था से फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा होगी और साथ ही सरकार को स्टांप ड्यूटी के माध्यम से राजस्व की प्राप्ति भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने बताया कि इस नई व्यवस्था से फ्लैट खरीदारों के हितों की रक्षा होगी और साथ ही सरकार को स्टांप ड्यूटी के माध्यम से राजस्व की प्राप्ति भी सुनिश्चित होगी। रजिस्ट्री के बाद ही बिल्डर फ्लैट या दुकान का कब्जा खरीदार को सौंप सकेगा।