नोएल टाटा टाटा ट्रस्ट्स के नए चेयरमैन होंगे. टाटा ट्रस्ट्स टाटा ग्रुप के कई ट्रस्ट से मिलकर बना है.
नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं.
रतन टाटा का बुधवार की देर रात मुंबई में निधन हो गया था. उसके बाद शुक्रवार को हुई बोर्ड की बैठक में नए चेयरमैन के नाम पर विचार किया गया और सर्वसम्मति से 67 साल के नोएल नवल टाटा को चेयरमैन चुना गया.
नोएल टाटा पहले से ही टाटा संस को संभाल रहे हैं. रतन टाटा के बाद अब नोएल टाटा लगभग 34 लाख करोड़ रुपये के टाटा समूह का नेतृत्व करेंगे.
टाटा ट्रस्ट ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए नोएल टाटा की नियुक्ति की औपचारिक घोषणा भी कर दी है. प्रेस रिलीज में कहा गया है कि नोएल की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी.
नोएल टाटा की दावेदारी सबसे मजबूत थी
चूंकि रतन टाटा अविवाहित रहे और उनकी कोई संतान नहीं है इसलिए इस बात की चर्चा हो रही थी कि उनके नजदीकी रिश्तेदारों में किसी को समूह की बागडोर सौंपी जा सकती है.
इस लिहाज से सबसे मजबूत दावेदार के तौर पर नोएल टाटा का नाम सामने आ रहा था. नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं.
रतन टाटा के निधन के बाद सबसे ज्यादा कयास इस बात को लेकर थी कि आख़िर उन 13 ट्रस्टों की कमान किसके हाथ में होगी, जिनकी 34 लाख करोड़ रुपये से अधिक के टाटा समूह में 66.4 फ़ीसदी हिस्सेदारी है.
क्योंकि इन सभी ट्रस्टों की लीडरशिप जिसके पास होगी, उसके पास ही टाटा समूह को चलाने की महती जिम्मेदारी होगी.
चूंकि रतन टाटा ने इन सभी ट्रस्टों का कोई उत्तराधिकार घोषित नहीं किया था. इसलिए उनके सौतेले भाई नोएल टाटा सबसे मजबूत दावेदार बन कर उभरे थे.
नोएल टाटा इन 13 ट्रस्टों में सबसे मजबूत सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं.
अकेले इन दोनों ट्रस्टों के पास टाटा संस में 55 फीसदी हिस्सेदारी है.
लिहाजा उनकी दावेदारी संभावित उत्तराधिकारियों में सबसे मजबूत थी.
कौन हैं नोएल टाटा?
नोएल टाटा, नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं और रतन नवल टाटा के सौतेले भाई हैं.
नोएल टाटा ने ब्रिटेन के ससेक्स से ग्रेजुएशन किया और फिर इनसिड (INSEAD) का इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम पूरा किया.
नोएल टाटा अभी टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, ट्रेंट, वोल्टाज और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन हैं.
वे टाटा स्टील और टाइटन कंपनी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन भी हैं.
वे टाटा ग्रुप के साथ 40 सालों से जुड़े हुए हैं. वे सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रट के ट्रस्टी भी हैं.
टाटा समूह से कब जुड़े नोएल टाटा?
नोएल टाटा और रतन टाटा के संबंध शुरू में अच्छे नहीं थे. लेकिन धीरे-धीरे नोएल का कद टाटा समूह में बढ़ता गया. हाल के दिनों में टाटा समूह को नियंत्रित करने वाले ट्रस्टों में उन्होंने अपनी भूमिका बढ़ानी शुरू की.
फ़रवरी 2019 में उन्हें सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल किया गया. इससे पहले 2018 में उन्हें टाटा समूह की एक अहम कंपनी टाइटन में वाइस चेयरमैन बनाया गया था.
मार्च, 2022 में उन्हें टाटा स्टील का वाइस चेयरमैन बनाया गया.
नोएल को 2011 में उन्हें टाटा इंटरनेशनल का चेयरमैन बनाया गया था और फिर अगले एक दशक के दौरान वो टाटा के रिटेल चेन ट्रेंट के चेयरमैन रहे.
ट्रेंट ही क्रोमा, वेस्टसाइड, ज़ूडियो, स्टार बाज़ार जैसी रिटेल चेन चलाती है. हालांकि इसमें टाटा स्टारबक्स, टाइटन और तनिष्क शामिल नहीं है.
नोएल टाटा वोल्टास और टाटा इनवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन के भी चेयरमैन हैं.
नोएल टाटा 2010 से 2021 तक टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर रहे और इस दौरान उन्होंने इसका टर्नओवर 50 करोड़ डॉलर से बढ़ा कर तीन अरब डॉलर तक पहुंचा दिया. उनके नेतृत्व में 1998 में ट्रेंट की शुरुआत एक स्टोर से हुई थी. लेकिन आज इसके 700 स्टोर हैं.
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