भारतीय टीम को मुंबई में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में न्यूज़ीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा है. इसके साथ ही न्यूज़ीलैंड ने क्लीन स्वीप करते हुए टेस्ट सिरीज़ पर कब्ज़ा कर लिया है.
तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारत को जीतने के लिए 148 रनों का लक्ष्य मिला था. लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ इसे हासिल करने में नाकाम रहे.
भारतीय टीम महज़ 121 रन पर ही ऑल आउट हो गई और न्यूज़ीलैंड ने तीसरा टेस्ट मैच 25 रनों से जीत लिया.
भारत को घरेलू ज़मीन पर पहली बार तीन टेस्ट मैचों की सिरीज़ में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा है.
भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच खेली गई इन तीन मैचों की सिरीज़ में भारतीय बल्लेबाज़ों का प्रदर्शन औसत रहा है. टीम इंडिया के बल्लेबाज़ शुरुआत से ही संघर्ष करते नज़र आए, सिर्फ़ ऋषभ पंत ने जुझारू अर्धशतकीय पारी खेलते हुए सबसे ज़्यादा 64 रन बनाए.
तीन टेस्ट मैचों की इस सिरीज़ में अगर हम भारतीय मध्यक्रम के प्रदर्शन की बात करें तो पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में भारत के पांच बल्लेबाज़ शून्य के स्कोर पर आउट हो गए थे और पूरी भारतीय टीम 46 रन के स्कोर पर सिमट गई थी.
सोशल मीडिया पर ख़ूब हो रही है किरकिरी
पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी को छोड़ दें तो भारतीय बल्लेबाज़ों का प्रदर्शन औसत दर्जे का रहा है. इस सिरीज़ ने कहीं न कहीं भारतीय मध्यक्रम की बल्लेबाज़ी को एक्सपोज़ किया है. आइए नज़र डालते हैं तीन टेस्ट मैचों की पारियों में भारतीय बल्लेबाज़ों के प्रदर्शन पर–
रोहित शर्मा – 2, 52, 0, 8, 18, 11
विराट कोहली- 0, 70, 1, 17, 4, 1
यशस्वी जायसवाल- 13, 35, 30, 77, 30, 5
सरफ़राज़ ख़ान- 0, 150, 11, 9, 0, 1
ऋषभ पंत- 20, 99, 18, 0, 60, 64
शुभमन गिल – 30, 23, 90, 1
पूरी सिरीज़ के दौरान इक्का-दुक्का पारियों को छोड़ दें तो कोई भी भारतीय बल्लेबाज़ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका है. इसकों लेकर भारतीय खिलाड़ियों की आलोचना की जा रही है.
क्या कह रहे हैं लोग
क्रिकेट कमेंटेटर और एक्सपर्ट हर्षा भोगले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में विराट कोहली और भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के प्रदर्शन पर सवाल उठाए हैं.
हर्षा भोगले ने लिखा है, “मैं रोहित शर्मा के दृष्टिकोण को समझने की कोशिश कर रहा हूं. वो संघर्ष कर रहे हैं, उनका विकेट लेना आसान था. घरेलू मैदान पर उनकी 10 पारियों में 133 रन निराशाजनक हैं.”
उन्होंने विराट कोहली को लेकर कहा है, ”विराट कोहली ने 10 पारियों में 192 रन बनाएं. यह घरेलू सीज़न उनके लिए अच्छा नहीं रहा है.”
पूर्व भारतीय क्रिकेटर वसीम जाफ़र ने कहा है, ”न्यूज़ीलैंड टीम की इस जीत के लिए जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है. शायद यह न्यूज़ीलैंड के क्रिकेट के इतिहास में महानतम क्षणों में से एक है. उन्होंने कठिन जगह पर भी हर क्षेत्र में भारतीय टीम को मात दी है और जीत हासिल की है. न्यूज़ीलैंड प्रशंसा और सम्मान की हकदार है.”
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कहा है, ”क्या किसी ने भी 3 मैचों की सिरीज में भारत के खिलाफ़ न्यूज़ीलैंड की 3-0 से जीत के बारे में सोचा होगा? इसे भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े उलटफेरों में से एक माना जाना चाहिए और हमारी टेस्ट टीम के लिए यह वास्तव में एक निचला स्तर है.”
क्रिकेट एक्सपर्ट और कमेंटेटर जतिन सप्रु का कहना है, ”इस प्रदर्शन का बचाव करने के लिए कुछ भी नहीं है. वरिष्ठ खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया उनके बाद आने वाले खिलाड़ी लाल गेंद को लेकर भ्रमित नज़र आए.”
एक समय ऐसा लग रहा था कि ऋषभ पंत पिच पर टिक कर मैच जीता देंगे. लेकिन मैच के अहम वक्त में एजाज़ पटेल की गेंद पर आउट करार दिए गए.
फील्ड अंपायर ने तो उन्हें नॉटआउट दिया था लेकिन थर्ड अंपायर ने आउट करार दिया. थर्ड अंपायर के इस फ़ैसले से ऋषभ नाख़ुश दिखे और एबी डिविलियर्स जैसे दिग्गजों ने भी इस पर सवाल उठाया है.
डिविलियर्स ने अपने एक एक्स पोस्ट में लिखा है, ”क्या पंत का बैट उस पर लगा या नहीं? दिक्कत ये है कि जब गेंद बल्ले के पास से उसी समय गुजरती है जब बल्लेबाज अपने पैड को हिट करता है, तो स्निको आवाज़ को पकड़ता है. लेकिन हम कितने आश्वस्त हैं कि बल्ले से हिट किया गया है? मुझे हमेशा इस बात की चिंता रही है और यहां यह एक बड़े टेस्ट मैच के अहम पलों में ये हुआ है.”
विराट और रोहित का लचर प्रदर्शन
पूर्व भारतीय कोच और क्रिकेटर अनिल कुंबले की राय है कि कोहली को घरेलू क्रिकेट खेलने से फ़ायदा हो सकता था.
“शायद घरेलू मैचों में सिर्फ़ एक या दो पारियों से मदद मिल सकती थी.”
विराट कोहली अभी ख़राब फॉर्म से गुज़र रहे हैं उनका प्रदर्शन बांग्लादेश हो या न्यूज़ीलैंड दोनों टीमों के खिलाफ़ कुछ खास नहीं रहा है. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पिछली छह पारियों में उन्होंने महज़ 93 रन बनाए हैं. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ पूरी सिरीज़ में उनका अधिकतम स्कोर 77 रन रहा है.
विराट कोहली के दो साल बाद साल 2013 में टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले रोहित शर्मा ने 2022 तक 45 टेस्ट मैचों में 46.13 की औसत से 3137 रन बनाए थे जिसमें 8 शतक शामिल थे.
मगर 2023 से उनके करियर औसत में गिरावट दर्ज होने लगी. जनवरी 2023 से कप्तान रोहित शर्मा ने 18 टेस्ट में 35.61 की औसत से 1104 रन बनाए हैं जिसमें चार शतक शामिल हैं.
रोहित शर्मा का एशिया में स्पिन के मुकाबले औसत 36.2 है.
सलामी बल्लेबाज़ और कप्तान रोहित, जब अपने करियर के चरम पर थे तो उनकी पहचान एक फ्री-स्कोरिंग और शानदार बल्लेबाज के तौर पर थी. उन्होंने 2018-19 और 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में दो श्रृंखला जीत में अहम भूमिका निभाई थी.
इस साल की शुरुआत में वेस्टइंडीज़ में विश्व कप जीतने के बाद विराट कोहली और रोहित शर्मा ने टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट छोड़ दिया और अब टेस्ट क्रिकेट में दोनों के लचर प्रदर्शन से ऑस्ट्रेलिया में टीम की मुश्किलें बढ़नी तय हैं जहां उन्हें पाँच टेस्ट की सिरीज़ खेलनी है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित