इमेज कैप्शन, 16 अक्तूबर को अकील अख़्तर का शव पंचकूला स्थित उनके आवास पर मिला था
पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफ़ा के बेटे अकील अख़्तर की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है.
अब हरियाणा की पंचकूला पुलिस ने अकील अख़्तर की हत्या का मामला दर्ज किया है.
पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफ़ा, अकील की मां और पंजाब की पूर्व कैबिनेट मंत्री रज़िया सुल्ताना, दिवंगत अकील अख़्तर की पत्नी और बहन को बीएनएस की धारा 103(1) के तहत दर्ज एफ़आईआर में नामज़द किया गया है.
मौत कब हुई और पुलिस ने क्या किया?
इमेज कैप्शन, पंचकूला की डीसीपी सृष्टि गुप्ता
इस मामले में पंचकूला की डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने एक वीडियो जारी कर बताया है कि 16 अक्तूबर 2025 को अकील अख़्तर पंचकूला स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे.
उन्होंने बताया कि परिवार ने ख़ुद पुलिस को इसकी सूचना दी और परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज किए गए.
प्रारंभिक जांच में इस मामले में कोई संदिग्ध तथ्य सामने नहीं आया, जिसके चलते पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया, ताकि अंतिम संस्कार किया जा सके.
डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने बताया कि बाद में सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आए, जिनमें दावा किया गया कि ये वीडियो मृतक ने अपनी मौत से पहले रिकॉर्ड किए थे.
उन्होंने बताया कि “इन वीडियो में अकील ने व्यक्तिगत विवाद और अपनी जान को ख़तरा बताया था.”
पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार ने क्या किया?
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इमेज कैप्शन, मोहम्मद मुस्तफ़ा और रज़िया सुल्ताना की अपने परिवार के साथ एक तस्वीर
इस मामले में परिवार ने ही पुलिस को अकील की मौत की सूचना दी थी और पोस्टमॉर्टम के बाद अकील का अंतिम संस्कार कर दिया था.
बीबीसी के सहयोगी पत्रकार चरणजीव के मुताबिक़, अकील के शव को 17 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित उनके पैतृक गांव हना हरडा खेड़ी में दफ़ना दिया गया.
अब पुलिस ने मामला क्यों दर्ज किया?
इस मामले में मलेरकोटला निवासी शम्सुद्दीन ने 17 अक्तूबर को संदिग्ध परिस्थितियों को लेकर शिकायत दर्ज कराई है.
गौरतलब है कि डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने बताया कि शम्सुद्दीन मुस्तफ़ा परिवार का रिश्तेदार नहीं है, लेकिन वह मुस्तफ़ा परिवार के काफ़ी क़रीब था.
डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने बताया कि सोशल मीडिया पोस्ट और शिकायत के आधार पर 17 अक्तूबर को ही एफ़आईआर दर्ज कर ली गई थी.
डीसीपी ने कहा कि मामले की निष्पक्ष, पारदर्शी और साक्ष्य आधारित जांच के लिए एसीपी रैंक के अधिकारी की देखरेख में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है.
एसआईटी इस मामले के हर पहलू की गहन जांच करेगी.
डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने कहा कि जांच निष्पक्षता और खुले मन से की जाएगी, ताकि कोई भी आरोपी बख़्शा न जाए और किसी निर्दोष के साथ अन्याय न हो.
उन्होंने बताया, “पुलिस इस मामले में पारदर्शिता और न्याय के सिद्धांतों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है.”
बीबीसी की टीम ने इस मामले में दिवंगत अकील के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. उनका जवाब मिलते ही ख़बर को अपडेट कर दिया जाएगा.
डीजीपी मोहम्मद मुस्तफ़ा और रज़िया सुल्ताना की पृष्ठभूमि
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इमेज कैप्शन, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ रज़िया सुल्ताना और पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफ़ा
दिवंगत अकील अख़्तर के पिता मोहम्मद मुस्तफ़ा पंजाब के पूर्व डीजीपी रह चुके हैं.
रिटायरमेंट के बाद मोहम्मद मुस्तफ़ा कांग्रेस के काफ़ी करीब रहे. अकील की मां रज़िया सुल्ताना पंजाब सरकार में साल 2017 से 2022 तक कैबिनेट मंत्री रहीं.
मलेरकोटला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने वालीं रज़िया पंजाब विधानसभा की एकमात्र मुस्लिम सदस्य थीं और तीन बार विधायक रह चुकी हैं.
रज़िया सुल्ताना कांग्रेस सरकार के दौरान सामाजिक सुरक्षा और परिवार कल्याण जैसे विभागों में मंत्री रह चुकी हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.