सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति के संदर्भ पर सुनवाई के दौरान नेपाल और बांग्लादेश में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों का उल्लेख किया गया। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने 12 अप्रैल के उस आदेश पर सुनवाई के दौरान ये बात कही जिसमें राष्ट्रपति और राज्यपालों के लिए राज्यों के विधेयकों को मंजूरी देने की समय-सीमा तय करने की बात थी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल और बांग्लादेश में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों का जिक्र आज राष्ट्रपति के संदर्भ पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में हुआ। कोर्ट में ये जिक्र उस सुनवाई के दौरान हुआ जो 12 अप्रैल के उस आदेश पर था जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राज्यपालों के लिए राज्यों के विधेयकों को मंजूरी देने की समय-सीमा तय की गई थी।
भारतीय संविधान का जिक्र करते हुए, जिसमें राष्ट्रपति को किसी भी कानूनी मुद्दे पर, जो सार्वजनिक महत्व का हो या किसी भी तरह से जनता को प्रभावित करता हो, सुप्रीम कोर्ट से सलाह लेने का अधिकार है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा, “हमें अपने संविधान पर गर्व है।”
CJI ने किया नेपाल हिंसा का जिक्र
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देखिए हमारे पड़ोसी राज्यों में क्या हो रहा है। नेपाल, हमने देखा। उन्होंने हिमालयी राज्य में 48 घंटे पहले शुरू हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का जिक्र किया, जिसमें अब तक 21 लोग मारे जा चुके हैं और केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा है।