इमेज कैप्शन, पिछले साल कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के बाद कई दिनों तक राज्य के डॉक्टरों ने हड़ताल और विरोध प्रदर्शन किए थे
पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान ज़िले के दुर्गापुर में एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप के आरोप की पुलिस जांच कर रही है. छात्रा मेडिकल कोर्स के दूसरे वर्ष में पढ़ती हैं और वह ओडिशा की रहने वाली हैं.
हालांकि, अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है लेकिन पुलिस छात्रा के ही एक साथी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
इस बीच पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेज से इस मामले की रिपोर्ट मांगी है.
आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस उपायुक्त अभिषेक गुप्ता ने पत्रकारों को बताया, “मामले की जांच की जा रही है. दोषियों की शिनाख़्त और तलाश की कोशिश हो रही है. यह मामला बेहद संवेदनशील होने के कारण पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रही है.”
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मामला सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना को पीड़ादायक बताते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से ऐसी कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जो मिसाल बन सके.
वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार में महिला और बाल कल्याण मंत्री शशि पांजा ने कहा है कि मामले की जांच जारी है और छात्रा के माता-पिता को जांच पर पूरा भरोसा है.
पुलिस ने क्या बताया?
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इमेज कैप्शन, पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि ममता सरकार में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है
छात्रा के माता-पिता ने पुलिस को जो शिकायत दी है, उसके मुताबिक़ 23 वर्षीय छात्रा सेकेंड ईयर में पढ़ रही हैं.
शिकायत में बताया गया है कि “10 अक्तूबर को रात क़रीब आठ बजे छात्रा को उनके ही कॉलेज का एक छात्र अपने दोस्तों के साथ बरगला कर किसी सुनसान जगह पर ले गया. और बाद में माता-पिता को ये जानकारी मिली कि उनकी बेटी के साथ गैंगरेप हुआ है.”
वहीं, पुलिस ने स्थानीय पत्रकारों को बताया है कि छात्रा शुक्रवार रात को क़रीब आठ बजे अपने एक परिचित के साथ कुछ खाने के लिए कॉलेज परिसर से बाहर निकली थीं, जहां कुछ युवकों ने छात्रा पर टिप्पणी की और उसके साथ खींचतान की, उन्होंने छात्रा के मोबाइल और पैसे छीन लिए.
पुलिस के मुताबिक़, इस घटना के बाद पुरुष साथी को धमकी देकर वहां से भगा दिया गया और नज़दीक के जंगल में ले जाकर छात्रा के साथ कथित रूप से गैंगरेप किया गया.
मगर माता-पिता की ओर से दी गई शिकायत में ये कहा गया है कि गैंगरेप के बाद अभियुक्त छात्रा का फ़ोन और पैसे लेकर भागे. शिकायत में ये भी कहा गया है कि छात्रा को दुर्गापुर के एक अस्पताल में गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया और डॉक्टरों ने कहा है कि हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.
छात्रा के माता-पिता ने मौक़े पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हमारी बेटी यहां सुरक्षित नहीं है. दोषियों को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए.”
छात्रा की मां ने उसके साथ गैंगरेप का दावा किया है. लेकिन एक पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि मेडिकल जांच की रिपोर्ट आने से पहले इस बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता.
विपक्षी पार्टियां क्या बोलीं?
ओडिशा के सीएम मोहन चरण माझी ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर इस घटना की निंदा की.
उन्होंने लिखा, “ओडिया छात्रा के साथ पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में गैंगरेप की दुर्भाग्यपूर्ण घटना घोर निंदनीय और पीड़ादायी है. ये ख़बर सुनकर मैं गहरे सदमे में हूं. इस संवेदनशील मामले में मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से ये मांग करता हूं कि वह अभियुक्तों के ख़िलाफ़ क़ानून के तहत ऐसी कार्रवाई करें, जो मिसाल बने.”
उन्होंने कहा, “मैं पीड़िता के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. साथ ही, मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को ये निर्देश दिया है कि वे पश्चिम बंगाल सरकार से संपर्क करें और ज़रूरी कदम उठाएं. पीड़िता के परिवार को ओडिशा सरकार की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी.”
पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना पर कहा, “ममता बनर्जी की सरकार में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है. पुलिस पूरी तरह से राजनीतिक पक्षपात के साथ काम करती है. पुलिस का एजेंडा सिर्फ़ ममता बनर्जी और उनके भ्रष्ट भतीजे को प्रोटेक्ट करना है.”
वहीं, समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा, “पश्चिम बंगाल में दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है. खाली पश्चिम बंगाल में ही नहीं देश भर में महिलाओं के ख़िलाफ़ इस तरह की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. “
वहीं झारखंड में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा, “बंगाल में सरकार जिस तरह से गुंडागर्दी करती है. सरकार के विरोध में कोई आवाज़ सुनना नहीं चाहते. घटनाएं होती थीं लेकिन वे घटनाएं दबा देते थे. कानून-व्यवस्था पहले से वहां बिगड़ी हुई है.”
राज्य सरकार ने क्या कहा?
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इमेज कैप्शन, पश्चिम बंगाल की महिला और बाल कल्याण मंत्री शशि पांजा ने कहा है कि मामले की जांच जारी है और बीजेपी को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए
पश्चिम बंगाल सरकार की मंत्री शशि पांजा ने इस घटना पर एक वीडियो जारी किया है.
उन्होंने इसमें कहा, “दुर्गापुर के एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई. गैंगरेप का आरोप है. पुलिस जांच कर रही हैं. जांच चल रही है. विक्टिम के माता-पिता ओडिशा से आए हैं और उन्होंने जांच पर भरोसा जताया है. पीड़िता की देखभाल की जा रही है. मेडिकल और साइकोलॉजिकल काउंसलिंग, चेकअप हो रहे हैं. उनका बयान भी बहुत महत्वपूर्ण है.”
शशि पांजा ने कहा, “बीजेपी एक पॉलिटिकल पार्टी है और महिलाओं के ख़िलाफ़ इस तरह के अपराधों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. दुर्भाग्य से, बीजेपी हमेशा राजनीति के चश्मे से ही देखती है जो गै़र ज़रूरी है. हमें ये दोहराने की ज़रूरत नहीं कि कोलकाता भारत के सुरक्षित मेट्रोपॉलिटन शहरों में से एक है. हमें ये दोहराने की ज़रूरत नहीं कि पश्चिम बंगाल महिलाओं और बच्चियों के सशक्तीकरण के लिए काम करता है. “
“हम ये दोहराना नहीं चाहते क्योंकि सब जानते हैं कि मुख्यमंत्री महिलाओं के ख़िलाफ़ किसी भी तरह के अन्याय से समझौता नहीं करेंगी. हमें जांच पूरी होने तक इंतज़ार करना होगा. और बीजेपी को राजनीति करने या इसका राजनीतिक फ़ायदा उठाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.”
पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बीते कुछ समय से घिरती दिख रही है.
ख़ासतौर पर कोलकाता के कॉलेज परिसर में हुए बलात्कार के दो मामलों के सामने आने के बाद.
इसी साल जुलाई में कोलकाता के एक लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया था. इस मामले में आरोप कॉलेज के ही पूर्व छात्र पर लगा, जिनके साथ दो मौजूदा स्टूडेंट और एक सिक्योरिटी गार्ड को गिरफ़्तार किया गया था.
वहीं, बीते साल अगस्त में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसके बाद उनकी हत्या के विरोध में कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन हुए थे.
इस मामले में कॉलेज में ही काम करने वाले संजय रॉय को गिरफ़्तार किया गया था और उम्रकैद की सज़ा हुई थी.
(कोलकाता से स्थानीय पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी के इनपुट के साथ)
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.