एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि पाकिस्तान में विपक्षी
दल के प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई की तुरंत पारदर्शी जांच कराई जाए.
एमनेस्टी ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई को बर्बर बताया है.
एमनेस्टी के बयान के अनुसार, “पीटीआई से जुड़े
प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर हुई हिंसा, इंटरनेट
सेवाओं को निलंबित किया जाना, बड़े पैमाने पर लोगों को हिरासत में लिया जाना,
शांतिपूर्ण राजनीतिक प्रदर्शनों की आज़ादी के प्रति असहिष्णुता दिखाता है.”
एमनेस्टी ने कहा है, “इस
साल ऐसी ही कार्रवाई बलोच और पश्तून प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ भी देखने को मिली
है.”
मंगलवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की रिहाई के लिए पूरे देश में प्रदर्शन आयोजित किया था.
इस दौरान पाकिस्तान की पुलिस और रेंजर्स की कार्रवाई के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा देखने को मिली. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भिड़ंत में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं.
बीबीसी उर्दू के अनुसार, पंजाब पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों के हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई जबकि 170 से अधिक घायल हुए हैं.
इस्लामाबाद के डी चौक पर बैठे प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करते हुए, पुलिस और सुरक्षा बलों ने उस जगह को खाली करा लिया.
गुरुवार को पीटीआई के प्रदर्शनकारियों ने अपना प्रदर्शन स्थगित करने का एलान किया है.
इस्लामाबाद में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया है और कहा है कि क़ानून हाथ में लेने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बीबीसी उर्दू के अनुसार, पुलिस ने 500 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है.