पाकिस्तान के लोगों को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जाने के लिए इस समय वीज़ा की समस्या से जूझना पड़ रहा है.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक़ बहुत सारे पाकिस्तानी यूएई का वीज़ा नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं. यहाँ तक कि सेलिब्रिटीज़ और कारोबारियों को भी वीज़ा नहीं मिल पा रहा है.
इसके पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि यूएई ने नए नियम बनाए हैं, जिसकी वजह से वर्क वीज़ा और विज़िट वीज़ा, दोनों में दिक्क़तें आ रही हैं.
यूएई में पाकिस्तान के राजदूत फ़ैसल नियाज़ तिरमिज़ी ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि पाकिस्तानियों को यूएई का वीज़ा हासिल करने में काफ़ी दिक़्क़त हो रही है.
सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के आम लोग भी शिकायत कर रहे हैं कि यूएई का वीज़ा नहीं मिल रहा है.
आठ अक्तूबर को पाकिस्तान के सरमद हामिद ने वीज़ा आवेदन का स्क्रीनशॉर्ट लगाते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट लिखी है.
इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है, ”जो पाकिस्तानी सऊदी अरब में रह रहे हैं, उन्हें भी दुबई जाने के लिए वीज़ा नहीं मिल पा रहा है. जो पाकिस्तानी यूएई के लिए वीज़ा का आवेदन कर रहे हैं, उनमें से 99 प्रतिशत लोगों के आवेदन रिजेक्ट हो जा रहे हैं.”
सरमद हामिद ने जो स्क्रीनशॉर्ट शेयर किया है, उसमें नीचे लिखा है, ”हमें खेद के साथ यह सूचित करना पड़ रहा है कि पाकिस्तानियों के वीज़ा रिजेक्शन की दर 99 प्रतिशत है, ऐसे में हम यूएई के वीज़ा आवेदन की प्रक्रिया पूरी करने में असमर्थ हैं. अगर इसके बावजूद आप चाहते हैं कि वीज़ा के लिए आवेदन आगे बढ़ाऊं तो प्रोसस फीस वापस नहीं होगी.”
पाकिस्तानी राजदूत ने क्या कारण बताए?
यूएई में पाकिस्तानी दूतावास के एक्स अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट किया गया है.
इस वीडियो में पाकिस्तान के राजदूत फ़ैसल नियाज़ तिरमिज़ी मीडिया से बातचीत में कह रहे हैं, ”पाकिस्तानियों को वीज़ा नहीं मिलने का मसला सुलझाने की कोशिश की जा रही है. अगर वीज़ा लेना है तो पाकिस्तानियों के पास रिर्टन टिकट होने चाहिए, होटल बुकिंग होने चाहिए और 3000 दिहरम भी होने चाहिए. जो चेहरे से लग रहे हैं कि उनके पास न वर्क वीज़ा है और टूरिज़म के लिए भी नहीं जा रहे हैं बल्कि किसी और मक़सद से जा रहे हैं तो उन पर बैन लगाना चाहिए.”
पाकिस्तानी राजदूत ने कहा, ”आप जिस मुल्क में रह रहे हैं, वहाँ के क़ानून का सम्मान करना होगा. पाकिस्तानियों को मैं हमेशा कहता हूँ कि स्थानीय क़ानून का सम्मान करें और यहाँ केवल रोज़गार पर ध्यान दें.”
पाकिस्तानी मीडिया में भी यूएई का वीज़ा नहीं मिलने की चर्चा गर्म है.
यूएई में पाकिस्तान के राजदूत फ़ैसल नियाज़ तिरमिज़ी ने ‘जिओ न्यूज़’ से कहा, “पिछले दो-तीन महीने से वीज़ा को लेकर समस्याएं हो रही हैं और बहुत सारे लोग वीज़ा का इंतजार कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “क्राइम रेट और कुछ अन्य विवादों के कारण वीज़ा में सख़्ती बरती गई है. जिसके बाद हमने इस मामले को यूएई के सामने उठाया है.”
पाकिस्तान के राजदूत ने कहा, ”यूएई में 50 से 55 फ़ीसद लोग भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हैं. यहाँ की स्थानीय आबादी मात्र 12 फ़ीसदी है और बाहरी लोग 88 फ़ीसदी हैं. यूएई में बहुत सारे लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं. हमने लोगों से अपील की है अगर कोई ऐसा व्यक्ति है तो वह अपने दस्तावेज ठीक कर ले. इसके लिए 31 अक्तूबर तक का समय दिया गया है.”
उन्होंने कहा, “पिछले कुछ सालों में यूएई में आबादी बहुत तेज़ी से बढ़ी है. एक कारण ये भी हो सकता है. इसके अलावा इस क्षेत्र में थोड़ा असंतुलन भी है. ऐसे कई कारण हैं.”
फ़ैसल नियाज़ ने कहा, “यूएई ने हमसे कहा है कि कुछ देशों के लोगों का यहाँ ओवर रिप्रेजेंटेशन है, उसे हमें ठीक करना है.”
इसके अलावा भी वीज़ा नहीं मिलने के कुछ कारण हैं. इनमें भीख मांगने के लिए आने वाले लोग और राजनीतिक रूप से ज़्यादा सक्रिय लोग शामिल हैं.
जिओ न्यूज के मुताबिक़, यूएई जाने वाले लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी निगरानी रखी जा रही है.
यूएई में पाकिस्तान के राजदूत ने इस पर कहा कि ‘दुर्भाग्य से ये सब समस्याएं भी हैं, जिनकी वजह से वीज़ा में दिक्क़त आ रही है.’
उन्होंने कहा, “यहां लोग आते हैं और फिर यूएई की अंदरूनी नीतियों की आलोचना करना शुरू कर देते हैं. इन सब चीज़ों को यूएई में अच्छी नज़र से नहीं देखा जाता है. दुर्भाग्य से पाकिस्तान और कुछ दूसरे देशों के लोगों ने यहाँ विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसके बाद सबको यूएई से निकाल दिया गया.”
जेलों में ज़्यादा पाकिस्तानी
फ़ैसल नियाज़ तिरमिज़ी वीज़ा की समस्या को लेकर और भी कारण बताते हैं.
उन्होंने जियो न्यूज़, “यूएई में लोग विज़िट वीज़ा पर आते हैं और फिर अचानक से ग़ायब हो जाते हैं. साथ ही यहां भीख मांगने का भी बड़ा मुद्दा है, जिसकी वजह से कड़े नियम बने.”
उन्होंने कहा, “यूएई में क्राइम करने वाले दूसरे देश के लोगों को हर महीने बड़ी संख्या में निकाला जाता है. लेकिन हमें यह नहीं बताया जाता कि इन लोगों ने क्राइम क्या किया है, ऐसे में हमें उन लोगों के बारे में जानकारी रखने में परेशानी होती है.”
उन्होंने कहा, “हमने इस मुद्दे को भी यूएई के सामने रखा है ताकि आगे से एफआईए ऐसे लोगों से पूछताछ कर सके और उनके बारे में जानकारी रख सके.”
फ़ैसल नियाज़ तिरमिज़ी ने कहा, “यूएई की अर्थव्यवस्था कच्चे तेल पर आधारित है. लेकिन अब ये मात्र 30 फीसद रह गया है. इससे ज़्यादा ये बैंकिंग और टूरिज्म से कमा रहे हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भी ये कमा रहे हैं.”
पाकिस्तान के राजदूत ने बताया, “यूएई में पाकिस्तानियों की आबादी दूसरी सबसे बड़ी आबादी है, लेकिन जेलों में सबसे ज़्यादा लोग पाकिस्तान के हैं. ये एक चिंता की बात है.”
पाकिस्तानी राजदूत ने पाकिस्तान के लोगों के पहनावे पर भी बात की.
उन्होंने कहा, “जब पाकिस्तान के लोग यूएई आते हैं तो उनके कपड़े यहां के हिसाब से नहीं होते हैं. यहां की कल्चर की तरह नहीं होते. इसके अलावा लोग यहां वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में शेयर करने लगते हैं, ये सब चीज़ें यूएई में सही नज़र से नहीं देखी जाती हैं.”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान से प्रोफेशनल लोगों की तुलना में मज़दूर वर्ग बहुत ज़्यादा यूएई जाता है, जिसको लेकर यहां चिंता जताई गई है. यहाँ इन्फ़्रास्ट्रक्चर काम लगभग पूरा हो चुका है. इसलिए अब मज़दूरों ने स्किल्ड लोगों की ज़रूरत है.”
पाकिस्तान के अलावा भारत और बांग्लादेश के लोगों पर सख़्ती के सवाल पर पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि “बांग्लादेश के लोगों के लिए भी सख़्ती बढ़ाई गई है जबकि भारत पर इतनी सख़्ती नहीं है, जितनी पाकिस्तान पर है.”
उन्होंने कहा, “इसके अलावा मध्य एशिया के भी कुछ देशों पर सख़्ती लगाई गई है.”
यूएई के मीडिया में क्या कहा जा रहा है?
‘खलीज़ टाइम्स’ के मुताबिक़ यूएई में अनुमति संबंधी परेशानी से बचने के लिए पाकिस्तानी पर्यटकों को उसी एयरलाइन्स से वापसी टिकट ख़रीदने की सलाह दी गई है.
अख़बार के मुताबिक़ दक्षिण एशियाई देश की एयरलाइंस और अधिकारी अपने नागरिकों को विजिट वीज़ा की सभी ज़रूरतों को पूरा करने की सलाह दे रहे हैं. इनमें आवास प्रमाण, नक़दी और क्रेडिट कार्ड के रूप में पर्याप्त पैसे और वापसी हवाई टिकट शामिल हैं.
जिन यात्रियों के पास ये सभी चीज़ें नहीं होतीं, उन्हें वीज़ा नहीं दिया जा रहा है.
इसके अलावा मध्य-पूर्व क्षेत्र में भीख मांगने वाले लोगों की बढ़ती संख्या की वजह से भी नियमों में सख़्ती बरती गई है.
इसका असर यह हुआ कि पाकिस्तानी अधिकारी हरकत में आए और उन्होंने मध्य-पूर्व क्षेत्र जाने वाले यात्रियों की कड़ी जांच शुरू कर दी.
‘डॉन’ अख़बार ने पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि “बीते एक दो महीनों में संदेह के चलते कई लोगों को फ्लाइट से उतारा गया है.”
इसकी वजह से सही यात्रियों का भी नुकसान हो रहा है.
अख़बार ने अधिकारियों के हवाले से लिखा कि “संभावित भिखारी सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, इराक़, ईरान, ओमान और तुर्की की यात्रा करने के लिए पर्यटकों का वेश धारण करते हैं.”
भिखारियों की बढ़ती तादाद
‘डॉन’ अख़बार के मुताबिक़ एफआईए के अधिकारियों ने बताया है कि “पाकिस्तान के संभावित भिखारी पर्यटक के रूप में मध्य-पूर्व के देशों में जाते हैं.”
पाकिस्तानी अधिकारियों ने विदेशों में पाकिस्तानी भिखारियों की बढ़ती संख्या पर भी चिंता जताई है.
पाकिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी ने प्रवासी पाकिस्तानियों को लेकर सीनेट की स्थायी समिति को बताया कि विदेशों में गिरफ़्तार किए गए 90 प्रतिशत भिखारी पाकिस्तानी मूल के थे.
इस साल की शुरुआत में समिति की एक अन्य बैठक में गृह मंत्रालय ने दावा किया था कि पिछले ढाई सालों में इसी प्रकार के संदेह के आधार पर 44 हज़ार यात्रियों को विमान से उतारा गया है.
अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में गृह मंत्री मोहसिन नक़वी ने भी मानव तस्करों और भिखारी माफियाओं पर कार्रवाई में गहरी दिलचस्पी ली है.
एफआईए सूत्रों ने अख़बार को बताया कि “इन संभावित भिखारियों के गिरोह मुख्य रूप से दक्षिणी पंजाब के ज़िलों से संचालित होते हैं और वे धार्मिक पर्यटकों के वेश में मुल्तान हवाई अड्डे से यात्रा करते हैं.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित