इमेज कैप्शन, अफ़ग़ानिस्तान -पाकिस्तान सीमा पर दोनों सेनाओं के बीच बीते कुछ दिनों से हिंसक झड़प चल रही है (सांकेतिक तस्वीर)
दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान के कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक ज़िले में पाकिस्तानी सैनिकों और तालिबान सरकारी बलों के बीच झड़पें हुई हैं.
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, “आज सुबह पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर कंधार के स्पिन बोल्डक ज़िले में हल्के और भारी हथियारों से अफ़गानिस्तान पर हमले शुरू कर दिए.”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी हमलों में कम से कम 12 आम लोग मारे गए और 100 से ज़्यादा घायल हुए हैं.
मुजाहिद का दावा है कि जवाबी हमलों में कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने नष्ट हो गए, साथ ही उनके हथियार और टैंक भी जब्त कर लिए गए.
दोनों सेनाओं के बीच यह झड़प डूरंड रेखा के पास हुई है.
पाकिस्तान की सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है.
पवज़ोक अफ़ग़ान न्यूज़ ने स्पिन बोल्डक ज़िले के सूचना अधिकारी अली मोहम्मद हकमल के हवाले से बताया कि झड़प में हल्के और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया.
एक स्थानीय पत्रकार ने बीबीसी को बताया कि स्पिन बोल्डक गेट को विस्फोटकों से उड़ा दिया गया.
ऐसा कहा जा रहा है कि लोग स्पिन बोल्डक बाज़ार छोड़ रहे हैं और कार डीलर अपनी कारें वहां से निकाल रहे हैं.
स्थानीय मीडिया ने चिकित्साकर्मियों के हवाले से बताया कि स्पिन बोल्डक में हुए हमले में कई लोग मारे गए हैं और दर्जनों लोग घायल हुए हैं.
पाकिस्तान और तालिबान के अपने-अपने दावे
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इमेज कैप्शन, तालिबान और पाकिस्तान दोनों ही एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं (सांकेतिक तस्वीर)
बीबीसी उर्दू के मुताबिक, ‘पाकिस्तानी सुरक्षा सूत्रों ने दावा किया है कि मंगलवार शाम को अफ़ग़ान तालिबान और टीटीपी ने सीमा पार से पाकिस्तान के कुर्रम जिले में “बिना उकसावे की गोलीबारी” की, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की और तालिबान चौकियों को गंभीर नुकसान पहुंचाया.’
वहीं पीटीवी के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के अभियान के नतीजे में अफ़ग़ानिस्तान के प्रांत खोस्त में बुनियादी ढांचे को नुक़सान पहुंचा है. हालांकि पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान ने इन झड़पों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
‘टोलो न्यूज’ से बात करते हुए खोस्त के गवर्नर मुस्तगफ़र गुरबाज़ ने आरोप लगाया कि मंगलवार शाम क़रीब सात बजे खोस्त के ‘पलूचा’ इलाक़े को पाकिस्तानी सैनिकों ने निशाना बनाया.
अफ़ग़ानिस्तान में सूचना विभाग के प्रमुख अली मोहम्मद ने ‘टोलो न्यूज’ को बताया कि झड़पों में हल्के और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया और अभी तक किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है.
उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की गोलाबारी से नागरिकों के घरों को भी नुक़सान पहुंचा है, जिसके बाद स्थानीय लोगों को क्षेत्र से बाहर निकाल दिया गया है.
उधर लोअर कुर्रम के वली चीना गांव के एक प्रमुख व्यक्ति इनायत ख़ान ने बीबीसी संवाददाता अज़ीज़ुल्लाह ख़ान को बताया कि, “मंगलवार शाम क़रीब सात बजे भारी गोलीबारी और विस्फोटों की आवाज़ें सुनाई देने लगीं. इससे इलाक़े में दहशत और भय का माहौल पैदा हो गया.”
कैसे शुरू हुई झड़प
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इमेज कैप्शन, बीते दिनों पाकिस्तानी सेना ने बताया था कि झड़पों में उसके 23 सैनिकों की मौत हुई है और 29 घायल हुए हैं, तालिबान के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि पाकिस्तान के 58 सैनिक मारे गए.
दोनों देशों के बीच तनाव में उस वक़्त इज़ाफ़ा हुआ जब अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने दावा किया कि पाकिस्तान ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है और अफ़ग़ान इलाक़ों पर हवाई हमले भी किए हैं.
इसके बाद बीते शनिवार यानी 11 अक्तूबर को तालिबान सरकार के रक्षा विभाग ने अफ़ग़ानिस्तान के हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के जवाब में डूरंड रेखा के साथ पाकिस्तानी चौकियों पर जवाबी हमले शुरू किए.
इन हमलों के जवाब में पाकिस्तानी सेना ने अफ़ग़ान तालिबान चौकियों पर हमला किया.
इन हमलों के अगले दिन तालिबान सरकार ने प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने पाकिस्तान की ओर 25 चौकियों पर क़ब्ज़ा कर लिया, लेकिन हमले बंद होने के बाद वहां से हट गए.
उन्होंने दावा किया कि उनकी जानकारी में झड़पों में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 30 अन्य घायल हुए.
उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की कि इन झड़पों में 9 आम लोग मारे गए और 18 अन्य घायल हुए.
वहीं पाकिस्तानी सेना के सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय ने एक बयान जारी कर 23 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने और 29 अन्य के घायल होने की पुष्टि की.
उन्होंने दावा किया कि “भरोसेमंद ख़ुफ़िया अनुमानों” के मुताबिक़ अफ़ग़ानिस्तान की तरफ के भी 200 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं.
पाकिस्तान हमेशा से यह दावा करता रहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान सरकार ने उसके विरोधी समूहों को शरण दी है, जो पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हमले करते हैं.
हालांकि तालिबान सरकार ने बार-बार इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि वह किसी देश के ख़िलाफ़ किसी को भी अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करने की इजाज़त नहीं देता.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित