भारत ने पाकिस्तान के लिए आईएमएफ बेलआउट पर मतदान से किनारा कर लिया है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान का रिकॉर्ड खराब रहा है और इसे नया कर्ज नहीं मिलना चाहिए। भारत ने पाकिस्तान में सैन्य व्यवसायों की भूमिका पर चिंता जताई है। आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए विस्तारित निधि सुविधा और लचीलापन और स्थिरता सुविधा ऋण कार्यक्रमों पर विचार किया था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान के लिए आईएमएफ के बेलआउट पर मतदान से किनारा किया है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड काफी खराब है और इसे नया कर्ज नहीं मिलना चाहिए।
भारत की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि 2021 की संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट में सैन्य-संबंधी व्यवसायों को पाकिस्तान में सबसे बड़ा समूह बताया गया है। स्थिति बेहतर नहीं हुई है, बल्कि पाकिस्तान की सेना अब पाकिस्तान की विशेष निवेश सुविधा परिषद में अग्रणी भूमिका निभाती है।
भारत सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने आज विस्तारित निधि सुविधा (EFF) ऋण कार्यक्रम ($1 बिलियन) की समीक्षा की और पाकिस्तान के लिए एक नए लचीलापन और स्थिरता सुविधा (RSF) ऋण कार्यक्रम ($1.3 बिलियन) पर भी विचार किया। एक सक्रिय और जिम्मेदार सदस्य देश के रूप में भारत ने पाकिस्तान के मामले में IMF कार्यक्रमों की प्रभावशीलता पर चिंता जताई। इसके खराब ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए और राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के लिए ऋण वित्तपोषण निधि के दुरुपयोग की संभावना पर भी है।
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