पाकिस्तान के लोग लंबे समय से शिकायत कर रहे हैं कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पाकिस्तानियों को वीज़ा नहीं दे रहा है.
पाकिस्तानियों को वीज़ा देने पर यूएई ने कोई आधिकारिक पाबंदी नहीं लगाई है लेकिन वीज़ा आवेदन धड़ल्ले से ख़ारिज हो रहे हैं.
पाकिस्तान के लिए यूएई एक अहम देश है क्योंकि यहाँ क़रीब 18 लाख पाकिस्तानी काम करते हैं. यूएई में रह रहे इन पाकिस्तानियों की कमाई पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए लाइफ लाइन की तरह है. इस साल यूएई में रह रहे पाकिस्तानियों ने 5.5 अरब डॉलर कमाकर स्वदेश भेजे थे.
लेकिन यूएई अब पाकिस्तान के कामगारों का स्वागत नहीं कर रहा है. बल्कि वीज़ा देने के मामले में कई तरह की पाबंदियां लगा रहा है.
यूएई के इस रुख़ से पाकिस्तान की सरकार भी चिंतित है. 23 दिसंबर को सीनेट ऑफ पाकिस्तान के आधिकारिक एक्स अकाउंट से सीनेट स्टैंडिंग कमिटी की बैठक को लेकर एक पोस्ट की गई थी. इस पोस्ट में जानकारी दी गई है कि सीनेट स्टैंडिग कमिटी ने यूएई की वीज़ा पाबंदियों को लेकर बात की है.
पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल जीओ टीवी के अनुसार, सोमवार को पाकिस्तान के डायरेक्टर ऑफ द ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन मोहम्मद तैय्यब ने कहा कि पाकिस्तानियों को यूएई जाने के लिए पहले एक पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट देनी होगी.
तैय्यब ने कहा कि जो भी एजेंट यूएई जाने की सेवा मुहैया कराते हैं, उन्हें इसकी सूचना दे दी गई है.
‘बढ़ते पाकिस्तानी भिखारी’
इससे पहले सोमवार को ख़बर आई थी कि पाकिस्तान की सरकार ने यूएई की जेलों में बंद 4,700 पाकिस्तानियों के पासपोर्ट को ब्लॉक करने का फ़ैसला किया है.
पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेज़ी अख़बार डॉन के मुताबिक़ पुलिस वेरिफिकेशन का नियम इसलिए लगाया है क्योंकि यूएई ने पाकिस्तानी भिखारियों की बढ़ती संख्या को लेकर नाराज़गी ज़ाहिर की थी. ऐसे में यूएई ने अनाधिकारिक रूप से पाकिस्तानियों को वीज़ा देने पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी थीं.
‘डॉन’ अख़बार के मुताबिक़ एफआईए के अधिकारियों ने बताया है कि “पाकिस्तान के संभावित भिखारी पर्यटक के रूप में मध्य-पूर्व के देशों में जाते हैं.”
पाकिस्तानी अधिकारियों ने विदेशों में पाकिस्तानी भिखारियों की बढ़ती संख्या पर भी चिंता जताई है.
पाकिस्तान के एक शीर्ष अधिकारी ने प्रवासी पाकिस्तानियों को लेकर सीनेट की स्थायी समिति को बताया था कि विदेशों में गिरफ़्तार किए गए 90 प्रतिशत भिखारी पाकिस्तानी मूल के थे.
डॉन से पाकिस्तान के ट्रैवेल एजेंटों ने कहा है कि यूएई ने उन पाकिस्तानियों के वीज़ा आवेदनों को ख़ारिज करना शुरू कर दिया था, जिनके अकाउंट में पर्याप्त पैसे नहीं थे और जो यह साबित करने में नाकाम रहे थे कि यूएई जाने की क्या उचित वजह है. डॉन के अनुसार, मोहम्मद तैय्यब ने कहा कि पुलिस वेरिफिकेशन के बिना कोई भी पाकिस्तानी वीज़ा के लिए आवेदन नहीं कर सकता है.
सीनेट ऑफ पाकिस्तान की फ़ेसबुक पोस्ट में कमिटी के चेयरमैन सीनेटर ज़ीशान ख़ानज़ादा ने कहा है कि यूएई की वीज़ा पाबंदी शिकायतों के निपटारे के लिए और क़दम उठाने की ज़रूरत है.
ज़ीशान ने यह भी कहा कि यूएई ट्रैवल से जुड़े एजेंटों का कहना है कि वीज़ा आवेदन के साथ सारे ज़रूरी दस्तावेज़ देने के बावजूद वहाँ का वीज़ा नहीं मिल रहा है.
सेक्रेटरी ऑफ ओवरसीज़ पाकिस्तानी अरशद महमूद ने कहा कि अकुशल कामगारों को यूएई का वीज़ा मिलने में सबसे ज़्यादा दिक़्क़त हो रही है. पाकिस्तान के लोग शिकायत कर रहे हैं कि यूएई ऐसी पाबंदियां भारतीयों पर नहीं लगाता है.
यूएई में भारत के 35 लाख से ज़्यादा लोग रहते हैं. इस साल विदेशों में रह रहे भारतीयों ने 124 अरब डॉलर कमाकर स्वदेश भेजे थे और इसमें अकेले यूएई में रह रहे भारतीयों का योगदान 18 फ़ीसदी था. भारतीयों पर वीज़ा पाबंदी नहीं होने की वजह पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक नजम सेठी ने समा टीवी के एक कार्यक्रम में बताई थी.
नजम सेठी ने कहा था, ”मुझसे दुबई के लोगों ने बताया था कि पाकिस्तानियों की तुलना में भारतीय काम ज़्यादा करते हैं और वे मज़हबी भी नहीं होते हैं. पाकिस्तानी हर वक़्त मज़हब को सामने लाते हैं. हिन्दुस्तान के लोगों के पास तालीम भी बेहतर है और वो लड़ते भी नहीं हैं. हिन्दुस्तानी काम पहले देखते हैं और मज़हब बाद में.”
पाकिस्तानियों को यूएई वीज़ा क्यों नहीं दे रहा है?
यूएई में पाकिस्तानी दूतावास के एक्स अकाउंट से इस साल 12 अक्तूबर को एक वीडियो पोस्ट किया था.
इस वीडियो में पाकिस्तान के राजदूत फ़ैसल नियाज़ तिरमिज़ी मीडिया से बातचीत में कह रहे थे, ”पाकिस्तानियों को वीज़ा नहीं मिलने का मसला सुलझाने की कोशिश की जा रही है. अगर वीज़ा लेना है तो पाकिस्तानियों के पास रिर्टन टिकट होने चाहिए, होटल बुकिंग होने चाहिए और 3,000 दिहरम भी होने चाहिए. जो चेहरे से लग रहे हैं कि उनके पास न वर्क वीज़ा है और पर्यटन के लिए भी नहीं जा रहे हैं बल्कि किसी और मक़सद से जा रहे हैं तो उन पर बैन लगाना चाहिए.”
पाकिस्तानी राजदूत ने कहा था, ”आप जिस मुल्क में रह रहे हैं, वहाँ के क़ानून का सम्मान करना होगा. पाकिस्तानियों को मैं हमेशा कहता हूँ कि स्थानीय क़ानून का सम्मान करें और यहाँ केवल रोज़गार पर ध्यान दें.”
पाकिस्तानी मीडिया में भी यूएई का वीज़ा नहीं मिलने की चर्चा गर्म है.
यूएई में पाकिस्तान के राजदूत फ़ैसल नियाज़ तिरमिज़ी ने हाल में ‘जीओ न्यूज़’ से कहा था, “पिछले कुछ महीनों से वीज़ा को लेकर समस्याएं हो रही हैं और बहुत सारे लोग वीज़ा का इंतजार कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा था, “क्राइम रेट और कुछ अन्य विवादों के कारण वीज़ा में सख़्ती बरती गई है. जिसके बाद हमने इस मामले को यूएई के सामने उठाया है.”
पाकिस्तान के राजदूत ने कहा था, ”यूएई में 50 से 55 फ़ीसद लोग भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हैं. यहाँ की स्थानीय आबादी मात्र 12 फ़ीसदी है और बाहरी लोग 88 फ़ीसदी हैं. यूएई में बहुत सारे लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं. हमने लोगों से अपील की है अगर कोई ऐसा व्यक्ति है तो वह अपने दस्तावेज ठीक कर ले. इसके लिए 31 अक्तूबर तक का समय दिया गया है.”
उन्होंने कहा था, “पिछले कुछ सालों में यूएई में आबादी बहुत तेज़ी से बढ़ी है. एक कारण ये भी हो सकता है. इसके अलावा इस क्षेत्र में थोड़ा असंतुलन भी है. ऐसे कई कारण हैं.”
फ़ैसल नियाज़ ने कहा था, “यूएई ने हमसे कहा है कि कुछ देशों के लोगों का यहाँ ओवर रिप्रेजेंटेशन है, उसे हमें ठीक करना है.”
इसके अलावा भी वीज़ा नहीं मिलने के कुछ कारण हैं. इनमें भीख मांगने के लिए आने वाले लोग और राजनीतिक रूप से ज़्यादा सक्रिय लोग शामिल हैं.
जीओ न्यूज के मुताबिक़, यूएई जाने वाले लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी निगरानी रखी जा रही है.
यूएई में पाकिस्तान के राजदूत ने इस पर कहा था कि ‘दुर्भाग्य से ये सब समस्याएं भी हैं, जिनकी वजह से वीज़ा में दिक्क़त आ रही है.’
उन्होंने कहा था, “यहां लोग आते हैं और फिर यूएई की अंदरूनी नीतियों की आलोचना करना शुरू कर देते हैं. इन सब चीज़ों को यूएई में अच्छी नज़र से नहीं देखा जाता है. दुर्भाग्य से पाकिस्तान और कुछ दूसरे देशों के लोगों ने यहाँ विरोध-प्रदर्शन किया था, जिसके बाद सबको यूएई से निकाल दिया गया.”
पाकिस्तान के राजदूत ने बताया था, “यूएई में पाकिस्तानियों की आबादी दूसरी सबसे बड़ी आबादी है, लेकिन जेलों में सबसे ज़्यादा लोग पाकिस्तान के हैं. ये एक चिंता की बात है.”
पाकिस्तानी राजदूत ने पाकिस्तान के लोगों के पहनावे पर भी बात की.
उन्होंने कहा था, “जब पाकिस्तान के लोग यूएई आते हैं तो उनके कपड़े यहां के हिसाब से नहीं होते हैं. यहां के कल्चर की तरह नहीं होते. इसके अलावा लोग यहां वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में शेयर करने लगते हैं, ये सब चीज़ें यूएई में सही नज़र से नहीं देखी जाती हैं.”
उन्होंने कहा था, “पाकिस्तान से प्रोफेशनल लोगों की तुलना में मज़दूर वर्ग बहुत ज़्यादा यूएई जाता है, जिसको लेकर यहां चिंता जताई गई है. यहाँ इन्फ़्रास्ट्रक्चर का काम लगभग पूरा हो चुका है. इसलिए अब मज़दूरों के बजाय स्किल्ड लोगों की ज़रूरत है.”
पाकिस्तान के अलावा भारत और बांग्लादेश के लोगों पर सख़्ती के सवाल पर पाकिस्तानी राजदूत ने कहा, “बांग्लादेश के लोगों के लिए भी सख़्ती बढ़ाई गई है जबकि भारत पर इतनी सख़्ती नहीं है, जितनी पाकिस्तान पर है.”
उन्होंने कहा, “इसके अलावा मध्य एशिया के भी कुछ देशों पर सख़्ती लगाई गई है.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.