पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की रिहाई को लेकर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे हैं.
पीटीआई का कहना है कि ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा, बलूचिस्तान और दक्षिण पंजाब के विभिन्न ज़िलों से आने वाले हज़ारों पीटीआई कार्यकर्ता इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार हैं.
ताज़ा जानकारी के मुताबिक़, ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा के दक्षिणी ज़िलों से आने वाले काफ़िलों को इस्लामाबाद में घुसने से रोक दिया गया है.
पीटीआई के स्थानीय नेता इमरान ख़ान सलारज़ई का कहना है कि पीटीआई कार्यकर्ता रास्ते में मौजूद कंटेनरों को हटा रहे हैं.
इस्लामाबाद को ‘कंटेनर सिटी’ बना दिया गया है और राजधानी में बतौर बैरिकेडिंग लगभग 700 कंटेनर रखे गए हैं.
बलूचिस्तान से आ रहा एक काफ़िला इस्लामाबाद से कुछ किलोमीटर दूर है. यह काफ़िला चार दिन पहले बलूचिस्तान से निकला था और इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
अलग-अलग इलाक़ों से आ रहे ये प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद के डी-चौक पहुंचना चाहते हैं.
इस विरोध प्रदर्शन में इमरान ख़ान की पत्नी बुशरा बीबी भी हिस्सा ले रही हैं जो पिछले महीने ही ज़मानत पर जेल से बाहर आई हैं.
विरोध के दौरान पुलिस और पीटीआई कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की ख़बरें भी आई हैं.
बुशरा बीबी क्या बोलीं?
इमरान ख़ान की पत्नी बुशरा बीबी पहली बार किसी राजनीतिक रैली में हिस्सा ले रही हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने साल 2018 में बुशरा बीबी से अपनी तीसरी शादी की बात सार्वजनिक की थी.
शादी से पहले बुशरा बीबी को बुशरा मानिका के नाम से जाना जाता था और शादी के बाद इमरान उनसे धार्मिक मामलों ख़ासतौर पर सूफ़ीवाद पर सलाह लिया करते थे.
इसी साल जनवरी में इस्लामाबाद की एक अदालत ने बुशरा बीबी और इमरान ख़ान को तोशाखाना मामले में 14-14 साल की सज़ा सुनाई थी. साथ ही 20 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.
सोमवार को पेशावर से इस्लामाबाद आ रहे पीटीआई के काफ़िले को बुशरा बीबी ने संबोधित किया. अपने संबोधन में बुशरा ने कहा, “जब तक हमारे ख़ान हमारे पास नहीं आते, हम मार्च ख़त्म नहीं करेंगे. यह सिर्फ़ मेरे पति के बारे में नहीं है बल्कि इस देश और इसके नेता के बारे में है. मैं अपनी आख़िरी सांस तक खड़ी रहूंगी और आपको मेरा समर्थन करना होगा.”
बुशरा बीबी के संबोधन के जवाब में कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक जवाब दिया कि वे उनका समर्थन करेंगे.
ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर और बुशरा बीबी के नेतृत्व में काफिला बुरहान इंटरचेंज से इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहा है. बुरहान इंटरचेंज से इस्लामाबाद की दूरी 50 किलोमीटर से भी कम है.
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प
पुलिस और पीटीआई कार्यकर्ताओं के बीच आपसी टकराव की घटनाएं भी सामने आई हैं.
पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने उनकी तरफ़ पत्थर फेंके और इसकी वजह से 14 पुलिसकर्मी घायल हुए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
इस बीच, पीटीआई कार्यकर्ताओं का दावा है कि पुलिस भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़ रही है और उन पर लाठियां बरसा रही है.
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, सोमवार सुबह पूरे इस्लामाबाद में दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें डी-चौक से कम से कम चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
पाकिस्तान सरकार के मंत्री मोहसिन नक़वी ने रविवार को कहा कि पुलिस डी चौक की निगरानी कर रही है और चौक पर कदम रखने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
बुरहान इंटरचेंज पर भी पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई. तहरीक-ए-इंसाफ़ द्वारा शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी जबकि कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव किया.
पीटीआई के प्रवक्ता फ़राज़ अहमद मुगल ने अपने बयान में कहा है, “अगर रोक सकते हो तो रोक लो. इस्लामाबाद में घुसते ही इमरान ख़ान को रिहा कर दिया जाएगा.”
डी-चौक क्यों पहुंचना चाहते हैं प्रदर्शनकारी?
प्रदर्शनकारियों का लक्ष्य डी-चौक पहुंचना है, जो इस्लामाबाद शहर में एक बड़ा चौराहा है. इसके पास कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतें जैसे- प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और सुप्रीम कोर्ट शामिल हैं.
इस चौराहे को लोकतंत्र चौक भी कहा जाता है और अक़्सर राजनीतिक रैलियों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. चूंकि यह चौराहा दो प्रमुख सड़कों पर स्थित है, इसलिए कई बार बड़ी रैलियों ने इस्लामाबाद के यातायात को भी प्रभावित किया है.
विरोध प्रदर्शन के बीच पीटीआई के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी के संस्थापक इमरान ख़ान से अडियाला जेल में मुलाक़ात की है. तहरीक-ए-इंसाफ का कहना है कि बैरिस्टर गौहर और अली मोहम्मद ख़ान को इमरान ख़ान से मिलने की इजाज़त दी गई.
इस दौरान बैरिस्टर गौहर ने जेल के बाहर पत्रकारों से बात की. एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या विरोध प्रदर्शन रद्द किया जा रहा है, तो उन्होंने अपना सिर हिलाया और नहीं में जवाब दिया और कहा, ‘कोई धरना रद्द नहीं किया जा रहा है. इमरान ख़ान का फ़ैसला ही अंतिम होगा.’
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित