बीमारी के इलाज के लिए गए थे
धर्म में वापसी करने लोगों ने बताया कि वे लोग अपनी बीमारी के इलाज के लिए गए थे। जहां उनसे प्रार्थना कराई गई। पीने के लिए पानी दिया गया। जिससे उस वक्त तो बीमारी ठीक हो गई लेकिन बाद में फिर से परेशानी बढ़ गई। जब परेशानी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने समाज में वापसी का फैसला किया। उन्होंने बताया कि हमें पढ़ने के लिए बाइबिल दी गई थी। जिसमें ईसाई धर्म के बारे में नियम होते हैं।
बुखार ठीक होने का दावा किया था
एक व्यक्ति ने बताया कि उनका बेटा लंबे समय से बुखार से पीड़ित था। कई जगह दवाएं करवाई लेकिन फायदा नहीं हुआ। इसलिए इलाज के लिए ईसाई धर्म के लोगों से मुलाकात की है। जहां उन्हें पानी देकर प्रार्थना कराई गई। इसके साथ एक तेल दिया गया। बाद में उनका बच्चा स्वस्थ्य हो गया जिस कारण से उन्होंने आदिवासी समाज को छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने का फैसला किया था।
बाद में एहसास हुआ
उन्होंने कहा कि ईसाई धर्म अपनाने के बाद हमें बाद में इस बात का एहसास हुआ। उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि जब उनके बच्चे बड़े होंगे तो शादी ब्याह में दिक्कत होंगी। इसलिए वापस आदिवासी समाज में आने की सोची। करीब देढ़ साल बाद अपने मूल धर्म में लौटने से उन्हें मानसिक शांति मिली है।
हर बीमारी ठीक करने का दावा किया जाता है
घर वापसी करने वालों ने बताया कि ईसाई धर्म के लोग आदिवासियों की सभी तरह की समस्याओं के समाधान का दावा करते हैं। इसके साथ ही वह यह भी दावा करते हैं कि जिस तरह की भी बीमारी होगी उसे पवित्र पानी से ठीक कर दिया जाएगा।